जयपुर. प्रदेश भाजपा में चल रही सियासी गुटबाजी की चर्चाओं के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार शाम जयपुर के गोविंद देव मंदिर और काले हनुमान मंदिर में देव दर्शन किए. मंदिर ओर देव दर्शन से वसुंधरा राजे का पुराना जुड़ाव है लेकिन रविवार को अपने इसी देव दर्शन कार्यक्रम के जरिए राजे ने विरोधियों को जयपुर शहर में ही अपनी सियासी ताकत का एहसास करवा दिया.
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दरअसल वसुंधरा राजे इन मंदिरों में शाम को अचानक दर्शन के लिए पहुंची तो उनके साथ जयपुर शहर से आने वाले भाजपा के अधिकतर जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. वसुंधरा राजे के साथ मंदिर दर्शन में मौजूद रहने वाले जनप्रतिनिधियों में जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ शामिल रहे.
ये बड़े चेहरे साथ रहे मौजूद
इसके अलावा सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और आदर्श नगर प्रत्याशी अशोक परनामी, झोटवाड़ा से पूर्व विधायक और सरकार में मंत्री रहे राजपाल सिंह शेखावत, बगरू से पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी कैलाश वर्मा, किशनपोल से पूर्व विधायक और प्रत्याशी मोहनलाल गुप्ता, हवामहल विधानसभा से पूर्व विधायक और भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र पारीक के साथ ही पूर्व जयपुर शहर बीजेपी अध्यक्ष संजय जैन, बीजेपी महिला मोर्चा और युवा मोर्चा के मौजूदा शहर अध्यक्ष के साथ ही परकोटे से आने वाले कई मौजूदा पार्षद और मंडल अध्यक्ष के साथ कई कार्यकर्ता मौजूद रहे.
राजे के साथ रहने वाले इन नेताओं की है संगठन से दूरी
मंदिर दर्शन के दौरान वसुंधरा राजे के साथ जयपुर शहर के लगभग भाजपा के सभी वो नेता मौजूद रहे जिन्हें वर्तमान में पार्टी संगठन में तवज्जो नहीं दी जा रही. हाल ही में हुए नगर निगम चुनाव में इन जनप्रतिनिधियों की राय को पार्षदों के टिकट तक में तरजीह नहीं दी गई. वहीं नगर निगम में समितियों के गठन के दौरान तो इन विधायक और पूर्व विधायकों से पूछा तक नहीं गया.
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वहीं जयपुर शहर से आने वाले कई पदाधिकारियों की मौजूदा जयपुर शहर अध्यक्ष से चल रही अनबन भी जगजाहिर है. जिसके चलते पुरानी जयपुर शहर भाजपा की टीम में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. कई पदाधिकारी आज संगठन में ठंड में लगे हैं. ऐसे में इन नेताओं ने मंदिर दर्शन के दौरान वसुंधरा राजे के साथ रहकर यह भी दर्शा दिया कि उनकी सियासी आस्था किस में है.
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रविवार सुबह बना था देव दर्शन का प्लान, शाम तक जुटा असंतुष्ट खेमा
बताया जा रहा है कि रविवार सुबह ही पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का जयपुर के आराध्य गोविंद देव मंदिर और काले हनुमान मंदिर में दर्शन का प्लान बना. लेकिन शाम तक इस प्लान ने शक्ति प्रदर्शन का रूप ले लिया और इसके जरिए विरोधियों को यह भी दिखा दिया गया कि जयपुर शहर में ही कौन-कौन से नेता राजे समर्थक हैं.
अरुण सिंह और नड्डा के दौरे से पहले क्या है इसके सियासी मायने
दरअसल 2 मार्च को प्रदेश भाजपा की पहली कार्यसमिति की बैठक है. जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे. उससे पहले 1 मार्च को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह जयपुर आ रहे हैं. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का देव दर्शन के रूप में यह शक्ति प्रदर्शन सियासी रूप से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.