जयपुर. शहर के दोनों नगर निगमों में हर दिन दर्ज होने वाली शिकायतों में करीब 30 फीसदी शिकायतें स्ट्रीट लाइट से जुड़ी होती हैं. यही नहीं त्योहारी सीजन के चलते लोग अपने घरों को सजाने के साथ-साथ घरों के बाहर भी रोशनी चाहते हैं. ऐसे में मांग पत्रों के माध्यम से भी स्थानीय लोग और पार्षद अपने क्षेत्र में रोड लाइट लगाने की मांग कर रहे हैं. हालांकि निगम के पास लाइटों की कमी होने के चलते हेरिटेज निगम में जहां प्रत्येक वार्ड में 50 लाइट्स लगनी थी, वहां 25 लगाई जा रही हैं. जबकि ग्रेटर नगर निगम में पेमेंट नहीं होने के चलते फिलहाल लाइट्स लगाने वाली कंपनियों ने हाथ खड़े कर दिए हैं.
हेरिटेज और ग्रेटर नगर निगम ने स्ट्रीट लाइट को लेकर कार्य योजना बनाते हुए प्रत्येक वार्ड को दीपावली से पहले जगमग करने की प्लानिंग की थी. हेरिटेज नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाइट लगाने के निर्देश दिए गए थे. हालांकि यहां मांग की आधी लाइट उपलब्ध कराई जा रही है.
हेरिटेज निगम विद्युत उपायुक्त सुरेंद्र बिसारिया ने बताया कि महापौर के निर्देश पर प्रत्येक वार्ड में 50-50 लाइट लगवाई जानी थी. फिलहाल कंपनी प्रत्येक वार्ड में दीपावली से पहले 25-25 लाइट इनस्टॉल कर देगी. वहीं, दीपावली से पहले पुरानी लाइटों को लेकर आने वाली शिकायतें भी 100 फीसदी खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
हेरिटेज नगर निगम स्ट्रीट लाइट से जुड़ी हर दिन करीब 100 नई शिकायतें दर्ज होती हैं और वर्तमान में 250 शिकायतें पेंडिंग हैं. जबकि ग्रेटर निगम की शिकायतों में तकरीबन 750 शिकायत हर दिन दर्ज होती है. दीपावली के सीजन में अब नई लाइट लगाने की मांग भी बढ़ रही है. लेकिन पेमेंट नहीं होने के चलते निगम के हाथ बंधे हुए हैं. ग्रेटर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने बताया कि हर वार्ड में 100-100 लाइट लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
आउटर वार्ड में रिक्वायरमेंट अधिक होने के चलते पुनर्मूल्यांकन कर दूसरे चरण में और लाइट लगवाई जानी थीं. अभी पार्षदों को दी गई 100-100 लाइटों में से 80 फीसदी लाइटें लगाई गई हैं. लेकिन ग्रेटर नगर निगम में एक बड़ा क्षेत्र अभी भी रोशन नहीं हो पाया है. पेमेंट को लेकर कंपनियों के साथ कुछ विवाद चल रहा है. इस संबंध में वित्त विभाग से बात की गई है.
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आपको बता दें कि ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में लगभग 1 लाख 70 हजार एलईडी लाइट लगी हुई हैं. जबकि हेरिटेज निगम क्षेत्र में 90 हजार 85 एलईडी लाइट लगी हुई हैं. नई लाइट लगाने के साथ-साथ इन पुरानी लाइट्स को मेंटेन करने की भी निगम के सामने एक बड़ी चुनौती है.