जयपुर. राजस्थान में सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ ड्यूटी के दौरान मारपीट की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. राज्य सरकार ने इस बात को स्वीकार भी किया है. निर्दलीय विधायक लक्ष्मण मीणा के सवाल के जवाब में गृह विभाग ने माना है कि पिछले 3 सालों से सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों के साथ राज कार्य करते समय उनके साथ मारपीट करने और राजकार्य में बाधा डालने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. यह मामले साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं.
विभाग की ओर से दिए जवाब में यह माना गया है कि कर्मचारियों/अधिकारियों के राज कार्य करते समय उनके साथ मारपीट करने एवं राजकार्य में बाधा डालने वाले मामले लगातार बढ़ रहे हैं और साल 2020 में इस प्रकार के मामलों की संख्या अब तक सर्वाधिक रही है. 2018 में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मारपीट और राजकार्य में बाधा डालने के कुल 1407 मुकदमे दर्ज थे, जो 2019 में बढ़कर 1602 हो गए और 2020 में यह संख्या 1720 तक पहुंच गई.
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इसी तरह पिछले 3 साल में कुल 4729 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 9410 लोगों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से 3381 के खिलाफ चालान पेश किया गया. 909 मामलों में एफआर (FR) लगी और 439 लोगों के खिलाफ जांच अभी पेंडिंग है. खास बात यह है कि 3 सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों में कानून व्यवस्था बनाए रखने वाले पुलिस कर्मी भी शामिल हैं.
कर्मचारी बोले, राज्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बने कानून
सरकारी कर्मचारियों पर हो रहे हमलों को लेकर कर्मचारी नेताओं में भी आक्रोश है. इसे लेकर कर्मचारी नेताओं का कहना है की राजकाज करते समय कर्मचारियों को कई बार हानि पहुंचाई जाती है. इसमें राजनीतिक संरक्षण भी लोगों को मिलता है. कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार को कर्मचारियों और अधिकारियों की सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा गारंटी कानून बनाना चाहिए, ताकि प्रदेश का कर्मचारी और सरकारी अधिकारी अपनी सुरक्षा के प्रति आश्वस्त रहें. कर्मचारी नेता संतोष विजय ने कहा कि ऐसे मामलों की संख्या भी बढ़ी है जिसमें कर्मचारियों ने मुकदमा तो दर्ज करवाया लेकिन अब तक वह मामले पेंडिंग हैं.