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SPECIAL : सहकार कर्मियों पर टूटा कोरोना का कहर...नहीं चेता सरकारी तंत्र, अब भी वैक्सीनेशन कैम्प का इंतजार

राज्यकर्मी संकट की इस घड़ी में भी किसानों के बीच सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने में जुटे हैं. सहकारिता विभाग और उससे जुड़े कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीनेशन कैंप लगने का इंतजार है. विभाग के मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक ने इसके लिए स्वास्थ्य महकमे से पत्राचार कर लिया. लेकिन कैम्प नहीं लगा.

Cooperatives Department Rajasthan Vaccination
सहकार कर्मियों के लिए वैक्सीनेशन कैंप कब
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Published : May 19, 2021, 7:37 PM IST

जयपुर. सहकार कर्मी सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में भूमिका निभाते हैं. सरकारी स्कीम का लाभ आम जन तक पहुंचाने वाले इन कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन का इंतजार है. लेकिन अब तक सहकार कर्मियों के लिए कोई कैंप आयोजित नहीं किया गया है.

सहकार कर्मियों के लिए वैक्सीनेशन कैंप कब

प्रदेश में विभिन्न सहकारी संस्थाएं और इनमें कार्यरत कर्मचारी किसानों को विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं. जिनमें केंद्रीय सहकारी बैंक और ग्राम सेवा सहकारी समितियों की ओर से अल्पकालीन ऋण वितरण, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घकालीन ऋण वितरण, क्रय विक्रय सहकारी समितियों और ग्राम सेवा सहकारी समितियों से समर्थन मूल्य खरीद कार्य, कृषि आदान, पशु आहार वितरण कार्य, पीडीएस कार्य और सहकारी उपभोक्ता भंडार से उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण कार्य के साथ ही पेंशनरों राज्य कर्मचारियों को दवा, मास्क आदि का वितरण भी कोविड-19 के इन विषम परिस्थितियों में किया जा रहा है.

ऐसे में कर्मचारी चाहते थे कि उनकी सुरक्षा के लिए भी सरकार उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें और कम से कम अन्य विभागों की तरह उनके लिए भी वैक्सीनेशन का विशेष कैंप लगाया जाए. विभाग के कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदादिकारी विभाग के मंत्री और अधिकारियों के प्रयास से तो खुश हैं लेकिन अब तक वैक्सीनेशन कैंप नहीं लग पाने से निराश भी हैं.

ऋण वितरण से लेकर खरीद कार्य तक पर पड़ सकता असर

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने भी कर्मचारियों की मांग वाजिब मानी और विभाग के अधिकारियों को लिखित में इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए. इसके बाद प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा तो सहकारिता रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल ने सीएमएचओ को पत्र लिखा. खुद मंत्री आंजना ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा और दूरभाष पर बात भी की. लेकिन आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं मिला. पत्राचार के इस कार्य को लगभग 5 दिन बीत चुके हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग से आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल पाया.

पढ़ें- SPECIAL : राजस्थान का बजट कोरोना पर न्योछावर...सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर लगा 'ब्रेक'

यही कारण है कि कर्मचारियों का रोष अब फूटने लगा है. यह कहने से भी नहीं कतराते कि जब मुख्यमंत्री और सरकार इन विकट परिस्थितियों में भी किसानों के ऋण वितरण से लेकर फसलों की खरीद और अन्य कामकाज की समीक्षा करते हैं. तो फिर बिना कर्मचारियों को सुरक्षा दिए यह काम सही समय पर हो जाए इसकी उम्मीद कैसे की जा सकती है.

इन कर्मचारियों की हो चुकी मौत

कोरोना कि दूसरी लहर में विभाग के कुछ कर्मचारियों की मौत भी हुई है. बीते एक पखवाड़े में 9 से अधिक पैक्स कर्मियों और 1 केंद्रीय सहकारिता बैंक के शाखा प्रबंधक अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि सैकड़ों कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. महामारी के इस दौर में सरकार ने जिन विभागों की सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखी है. उसमें सहकारिता विभाग भी शामिल है. लेकिन जब गांव में संक्रमण तेज गति से फैल रहा है, तब इन कर्मचारियों को भी अपनी जान की सुरक्षा के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगानी पड़ रही है.

Cooperatives Department Rajasthan Vaccination
सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाते हैं सहकारिता विभाग कर्मचारी

उनकी यह गुहार समय पर पूरी हो जाए इसकी गुंजाइश कम ही है. क्योंकि इसका बड़ा कारण प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की कमी है. जिसके चलते आमजन को ही समय पर इसका टीकाकरण नहीं हो पा रहा.

जयपुर. सहकार कर्मी सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में भूमिका निभाते हैं. सरकारी स्कीम का लाभ आम जन तक पहुंचाने वाले इन कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन का इंतजार है. लेकिन अब तक सहकार कर्मियों के लिए कोई कैंप आयोजित नहीं किया गया है.

सहकार कर्मियों के लिए वैक्सीनेशन कैंप कब

प्रदेश में विभिन्न सहकारी संस्थाएं और इनमें कार्यरत कर्मचारी किसानों को विभिन्न सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए ड्यूटी पर तैनात हैं. जिनमें केंद्रीय सहकारी बैंक और ग्राम सेवा सहकारी समितियों की ओर से अल्पकालीन ऋण वितरण, प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों से दीर्घकालीन ऋण वितरण, क्रय विक्रय सहकारी समितियों और ग्राम सेवा सहकारी समितियों से समर्थन मूल्य खरीद कार्य, कृषि आदान, पशु आहार वितरण कार्य, पीडीएस कार्य और सहकारी उपभोक्ता भंडार से उपभोक्ता वस्तुओं का वितरण कार्य के साथ ही पेंशनरों राज्य कर्मचारियों को दवा, मास्क आदि का वितरण भी कोविड-19 के इन विषम परिस्थितियों में किया जा रहा है.

ऐसे में कर्मचारी चाहते थे कि उनकी सुरक्षा के लिए भी सरकार उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करें और कम से कम अन्य विभागों की तरह उनके लिए भी वैक्सीनेशन का विशेष कैंप लगाया जाए. विभाग के कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदादिकारी विभाग के मंत्री और अधिकारियों के प्रयास से तो खुश हैं लेकिन अब तक वैक्सीनेशन कैंप नहीं लग पाने से निराश भी हैं.

ऋण वितरण से लेकर खरीद कार्य तक पर पड़ सकता असर

सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने भी कर्मचारियों की मांग वाजिब मानी और विभाग के अधिकारियों को लिखित में इसके लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए. इसके बाद प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए सावंत ने स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखा तो सहकारिता रजिस्टार मुक्तानंद अग्रवाल ने सीएमएचओ को पत्र लिखा. खुद मंत्री आंजना ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भी लिखा और दूरभाष पर बात भी की. लेकिन आश्वासन के अलावा अब तक कुछ नहीं मिला. पत्राचार के इस कार्य को लगभग 5 दिन बीत चुके हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग से आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल पाया.

पढ़ें- SPECIAL : राजस्थान का बजट कोरोना पर न्योछावर...सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं पर लगा 'ब्रेक'

यही कारण है कि कर्मचारियों का रोष अब फूटने लगा है. यह कहने से भी नहीं कतराते कि जब मुख्यमंत्री और सरकार इन विकट परिस्थितियों में भी किसानों के ऋण वितरण से लेकर फसलों की खरीद और अन्य कामकाज की समीक्षा करते हैं. तो फिर बिना कर्मचारियों को सुरक्षा दिए यह काम सही समय पर हो जाए इसकी उम्मीद कैसे की जा सकती है.

इन कर्मचारियों की हो चुकी मौत

कोरोना कि दूसरी लहर में विभाग के कुछ कर्मचारियों की मौत भी हुई है. बीते एक पखवाड़े में 9 से अधिक पैक्स कर्मियों और 1 केंद्रीय सहकारिता बैंक के शाखा प्रबंधक अपनी जान गंवा चुके हैं. जबकि सैकड़ों कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. महामारी के इस दौर में सरकार ने जिन विभागों की सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखी है. उसमें सहकारिता विभाग भी शामिल है. लेकिन जब गांव में संक्रमण तेज गति से फैल रहा है, तब इन कर्मचारियों को भी अपनी जान की सुरक्षा के लिए सरकार और स्वास्थ्य विभाग से गुहार लगानी पड़ रही है.

Cooperatives Department Rajasthan Vaccination
सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाते हैं सहकारिता विभाग कर्मचारी

उनकी यह गुहार समय पर पूरी हो जाए इसकी गुंजाइश कम ही है. क्योंकि इसका बड़ा कारण प्रदेश में कोरोना वैक्सीन की कमी है. जिसके चलते आमजन को ही समय पर इसका टीकाकरण नहीं हो पा रहा.

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