जयपुर. इस वर्ष प्रदेश में सरसों की बंपर पैदावार हुई है. ऐसे में राजस्थान में सरसों पर लगी स्टॉक सीमा हटाने की मांग को लेकर राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के प्रतिनिधि (Traders Met Minister khachariyawas) खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मिले.
व्यापारियों का कहना है कि केंद्र ने स्टॉक सीमा हटा ली है (Demand for removal of stock limit on mustard in Rajasthan) लेकिन अभी तक प्रदेश से सरसों पर स्टॉक सीमा नहीं हटाई गई है. राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि इस वर्ष राजस्थान में सरसों की बंपर पैदावार हुई है.
सरसों के सीजन के समय आमतौर पर मंडियों में 1 दिन में 10 हजार बोरी सरसों की आवक (Mustard crop in Rajasthan) होती थी. लेकिन इस बार ये बढ़कर 20 हजार बोरी प्रतिदिन पहुंच गई है. बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि इस वर्ष सरसों का उत्पादन लगभग 20 लाख टन अधिक हुआ है और अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में इस साल तकरीबन 60 लाख टन सरसों का उत्पादन होगा.
ऐसे में बंपर पैदावार को देखते हुए राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का एक प्रतिनिधिमंडल खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से मिला है. व्यापारियों ने राजस्थान में सरसों पर लगाई गई स्टॉक सीमा को हटाने की मांग रखी है.
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स्टॉक सीमा हटाने की मांग: राजस्थान में इस वर्ष सरसों की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन अभी भी स्टॉक सीमा 2000 क्विंटल ही रखी गई है. जबकि केंद्र सरकार ने स्टॉक लिमिट हटा ली है तो ऐसे में राजस्थान सरकार को भी स्टॉक लिमिट हटाकर व्यापारियों को राहत प्रदान करनी चाहिए.
व्यापारियों का कहना है कि खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने आश्वासन दिया है और कहा है कि विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर स्टॉक लिमिट पर फैसला लिया जाएगा. व्यापारियों का यह भी कहना है कि स्टॉक लिमिट लगी होने के कारण अब सरसों को अन्य राज्य में बेचा जा रहा है ऐसे में यदि स्टॉक लिमिट नहीं हटाई गई तो ऑफ सीजन में तेल मिलों को बाहरी राज्यों से अधिक कीमत में सरसों खरीदनी पड़ेगी.