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मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग, जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में आदेशों की होली जलाकर जताया विरोध

जयपुर में सोमवार को राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने कार्मिक विभाग के आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया. कार्मिक विभाग ने 23 जून को एक आदेश जारी किया. जिसमें मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल पद को समान पात्रता परीक्षा के दूसरे पायदान पर रखकर ग्राम सेवक एवं पटवारी जैसे समकक्ष पदों से दोयम दर्जे पर रखा गया है.

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Published : Jun 28, 2021, 4:04 PM IST

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मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग, जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में आदेशों की होली जलाकर जताया विरोध

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में कार्मिक विभाग के आदेश से लगातार रोष बढ़ता जा रहा है. मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग को लेकर कई बार ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के परिसर में महासंघ की ओर से कार्मिक विभाग के आदेशों की होली जलाई गई और सरकार से मांग की गई कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक की जाए. इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को भी सौंपा गया.

पढ़ें: फोन टैपिंग मामले में गरमाई सियासत, शेखावत समर्थकों ने हाथों में बैनर लेकर निकाला पैदल मार्च, महेश जोशी के खिलाफ की नारेबाजी

सोमवार को कर्मचारी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र हुए. उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष जताया और सरकार से मांग की कि पटवारी एवं ग्राम सेवक के अनुरूप उनकी योग्यता भी स्नातक की जाए. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कार्मिक विभाग के आदेशों की होली भी जलाई. कार्मिक विभाग ने 23 जून को एक आदेश जारी किया जिसमें मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल पद को सामान पात्रता परीक्षा के दूसरे पायदान पर रखकर ग्राम सेवक एवं पटवारी जैसे समकक्ष पदों से दोयम दर्जे पर रखा गया है.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग

महासंघ की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है. इस आदेश से अधीनस्थ विभागों व पंचायती राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भी भारी आक्रोश है. महासंघ की ओर से मंत्रालयिक संवर्ग के पद की योग्यता स्नातक करने के साथ ही कार्मिक विभाग के आदेश को उनकी योग्यता स्नातक किए जाने तक स्थगित करने की भी मांग की गई. राज सिंह चौधरी ने कहा कि समान पात्रता परीक्षा के लिए मंत्रालयिक कर्मचारियों को ग्राम सेवक और पटवारी से अलग कर जमादारों के साथ रखा गया है. इसके कारण मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी रोष है. यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो जिला कार्यकारिणी से चर्चा कर आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट वर्ष में ग्राम सेवक, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए समान पात्रता परीक्षा लागू करने की घोषणा की थी. लेकिन कार्मिक विभाग ने 23 जून को आदेश जारी कर ग्राम सेवक और पटवारियों को एक साथ रख मंत्रालयिक कर्मचारियों को दोयम दर्जे पर रख दिया.

जयपुर. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में कार्मिक विभाग के आदेश से लगातार रोष बढ़ता जा रहा है. मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग को लेकर कई बार ज्ञापन देने के बावजूद भी सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के परिसर में महासंघ की ओर से कार्मिक विभाग के आदेशों की होली जलाई गई और सरकार से मांग की गई कि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक की जाए. इस संबंध में मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा को भी सौंपा गया.

पढ़ें: फोन टैपिंग मामले में गरमाई सियासत, शेखावत समर्थकों ने हाथों में बैनर लेकर निकाला पैदल मार्च, महेश जोशी के खिलाफ की नारेबाजी

सोमवार को कर्मचारी जयपुर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में एकत्र हुए. उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष जताया और सरकार से मांग की कि पटवारी एवं ग्राम सेवक के अनुरूप उनकी योग्यता भी स्नातक की जाए. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राज सिंह चौधरी के नेतृत्व में कर्मचारियों ने कार्मिक विभाग के आदेशों की होली भी जलाई. कार्मिक विभाग ने 23 जून को एक आदेश जारी किया जिसमें मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल पद को सामान पात्रता परीक्षा के दूसरे पायदान पर रखकर ग्राम सेवक एवं पटवारी जैसे समकक्ष पदों से दोयम दर्जे पर रखा गया है.

मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग

महासंघ की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है. इस आदेश से अधीनस्थ विभागों व पंचायती राज संस्थाओं के मंत्रालयिक कर्मचारियों में भी भारी आक्रोश है. महासंघ की ओर से मंत्रालयिक संवर्ग के पद की योग्यता स्नातक करने के साथ ही कार्मिक विभाग के आदेश को उनकी योग्यता स्नातक किए जाने तक स्थगित करने की भी मांग की गई. राज सिंह चौधरी ने कहा कि समान पात्रता परीक्षा के लिए मंत्रालयिक कर्मचारियों को ग्राम सेवक और पटवारी से अलग कर जमादारों के साथ रखा गया है. इसके कारण मंत्रालयिक कर्मचारियों में भारी रोष है. यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो जिला कार्यकारिणी से चर्चा कर आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

बता दें कि मुख्यमंत्री ने 2021-22 के बजट वर्ष में ग्राम सेवक, पटवारी, मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए समान पात्रता परीक्षा लागू करने की घोषणा की थी. लेकिन कार्मिक विभाग ने 23 जून को आदेश जारी कर ग्राम सेवक और पटवारियों को एक साथ रख मंत्रालयिक कर्मचारियों को दोयम दर्जे पर रख दिया.

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