जयपुर. कोरोना संकट के बीच शिक्षकों की कोरोना से बचाव अभियान में ड्यूटी लगी है. जिला प्रशासन की ओर से अलग-अलग जिलों में टीकाकरण और जागरूकता अभियान के लिए शिक्षक लगाए जा रहे हैं, लेकिन इन शिक्षकों को मास्क, सैनिटाइजर और ग्लव्ज सहित अन्य संसाधन मुहैया नहीं करवाए गए हैं. इतना ही नहीं फ्रंट लाइन पर काम कर रहे शिक्षकों को कोरोना वॉरियर्स का दर्जा भी अब तक नहीं दिया गया है. इससे शिक्षकों में नाराजगी है. हालांकि बीते साल कोविड ड्यूटी में लगे शिक्षकों को मास्क, सैनिटाइजर सहित अन्य सामग्री मुहैया करवाई गई थी, लेकिन इस साल कोरोना से बचाव की सामग्री मुहैया नहीं करवाई गई है. ऐसे में शिक्षकों के सामने कई तरह की परेशानियां आ रही है.
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अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ (अरस्तु) के प्रदेश अध्यक्ष रामकृष्ण अग्रवाल और राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष यतीश शर्मा का कहना है कि शिक्षक जान जोखिम में डालकर अपना फर्ज निभा रहे हैं. पिछले साल की तरह इस बार भी सरकार को कोरोना से बचाव के साधन शिक्षकों को मुहैया करवाने चाहिए. राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को कोरोना बचाओ अभियान में फ्रंट लाइन में काम करने के लिए लगा दिया गया है, लेकिन कोरोना वॉरियर्स का दर्जा नहीं दिया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को भी अन्य विभागों की तरह कोरोना वॉरियर्स का दर्जा दिया जाए.
बता दें कि प्रदेश भर में कोरोना से बचाव अभियान में डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षकों की ड्यूटी लगी है. इनमें टीकाकरण जागरूकता अभियान में ही हर स्कूल से 2 शिक्षक यानी 65000 स्कूलों से करीब 1.30 शिक्षक लगाए गए हैं. इसके साथ ही बीएलओ पीईईओ सहित कई शिक्षकों की अलग-अलग कार्यों में भी ड्यूटी लगी है.