जयपुर. भागचंद से हुई पूछताछ के आधार पर इंटेलिजेंस ने मुंबई से मोहम्मद फैजल नामक युवक को हिरासत में लिया है, जिसे जयपुर लाकर उससे पूछताछ की जा रही है. मोहम्मद फैजल से हुई पूछताछ में दुबई लिंक सामने आया है. फिलहाल इंटेलिजेंस के अधिकारी लगातार भागचंद और मोहम्मद फैजल से पूछताछ करने में जुटे हुए हैं, जिसमें कई चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना है. हालांकि अब तक की पूछताछ में यह तथ्य सामने आए हैं कि भागचंद और मोहम्मद फैजल सीधे एक दूसरे से संपर्क में नहीं थे और न ही वो एक दूसरे को जानते हैं.
पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर ही दोनों जासूसों को टास्क दिया करते हैं और उसी टास्क के आधार पर दोनों अपने-अपने काम पूरा किया करते हैं. जासूसी की इस चेन से जुड़े हुए कुछ अन्य संदिग्ध लोगों की जानकारी भी इंटेलिजेंस के हाथ लगी है, जिसके आधार पर उन्हें भी दबोचने का काम किया जा रहा है.
ऐसे हुआ जासूसी प्रकरण का खुलासा: डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने बताया कि 14 अगस्त को भीलवाड़ा से पाकिस्तानी जासूस नारायण लाल गाडरी को गिरफ्तार किया गया था. आरोपी से हुई पूछताछ के दौरान दिल्ली के संजय कॉलोनी निवासी भागचंद का नाम उजागर हुआ जोकि पाक हैंडलिंग अफसर के संपर्क में रहकर जासूसी का काम कर रहा था. जिस पर राजस्थान इंटेलिजेंस ने रविवार सुबह दिल्ली से भागचंद को हिरासत में लिया और उसे जयपुर लाया गया. पूछताछ में भागचंद ने बताया कि उसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था और वो 22 वर्ष की उम्र में परिवार सहित वीजा लेकर वर्ष 1998 में दिल्ली आ गया था.
2016 में उसने भारत की नागरिकता प्राप्त की और दिल्ली में ही टैक्सी चलाने और मजदूरी करने का काम करने लगा. भागचंद के रिश्तेदार और अन्य परिजन पाकिस्तान में रहते हैं, जिसके चलते वो उनसे लगातार संपर्क में था. इसी दौरान तकरीबन 4 वर्ष पहले वो पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के संपर्क में आया. पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद जासूस नारायण लाल गाडरी से संपर्क कर उसके नाम से सिम कार्ड जारी करवा बस के जरिए दिल्ली मंगवाता रहा.
नारायण लाल गाडरी के भेजे गए सिम कार्ड को भागचंद दिल्ली में कश्मीरी गेट बस स्टैंड स्थित खान मार्केट ट्रेवल्स ऑफिस से प्राप्त करता. सिम कार्ड को पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर की भिजवाई धनराशि से खरीदे गए सेकंड हैंड की-पैड मोबाइल फोन में लगाकर ऑपरेट करता और मोबाइल पर आए हुए ओटीपी पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर को शेयर करता. ओटीपी के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी भारतीय मोबाइल नंबर पर सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करती और सेना के जवानों व अन्य लोगों को हनीट्रैप में फंसाने का काम करती.
इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर भागचंद उन सिम कार्ड को बच्चों के कपड़ों में छिपाकर मसाले के पैकेट के साथ एक पार्सल से मुंबई भिजवा देता. भागचंद ने पाक हैंडलिंग अफसर के कहने पर 3 वर्ष पहले अपने नाम से सिम कार्ड खरीद कर पाकिस्तानी हैंडलर को व्हाट्सएप डाउनलोड करवाया था और उससे निरंतर संपर्क में था. इसकी एवज में भागचंद को पाक हैंडलिंग ऑफिसर पेटीएम के माध्यम से बैंक खाते में धनराशि उपलब्ध करवाता था.
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पार्सल मुंबई में रिसीव करता फैजल: भागचंद बच्चों के कपड़ों में छिपाकर मसाले के पैकेट के साथ सिम कार्ड पार्सल के जरिए मुंबई भिजवाता जिसे मुंबई में मोहम्मद फैजल रिसीव किया करता. मुंबई में सिम कार्ड रिसीव करने के बाद उसे मोहम्मद फैजल दुबई भेज दिया करता. पाक हैंडलिंग ऑफिसर के कहने पर इस प्रकार से सिम कार्ड दिल्ली से मुंबई और फिरनमुंबई से दुबई भेजे जाते. हालांकि दुबई में सिम कार्ड किसके पास भेजे जाते हैं और उसे वहां पर कौन रिसीव करता, ये लिंक खंगालने में इंटेलिजेंस जुट गई है और साथ ही इसके लिए केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों से भी मदद मांगी गई है.
2022 में राजस्थान से पकड़े गए 8 : वर्ष 2022 में स्टेट स्पेशल ब्रांच ने अगस्त महीने तक शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत कार्रवाई करते हुए 7 प्रकरण दर्ज किए हैं और 8 पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार किया गया है.
- पहले प्रकरण में कार्रवाई करते हुए अजमेर के किशनगढ़ बस स्टैंड से पार्किंग की पर्ची काटने का काम करने वाले मोहम्मद यूनुस को गिरफ्तार किया गया. आरोपी नसीराबाद आर्मी कैंप से जुड़ी हुई सैनिक गतिविधियों और सामरिक महत्व की गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को पहुंचाने का काम किया करता था.
- दूसरे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए जोधपुर मिसाइल यूनिट में तैनात सेना के जवान प्रदीप कुमार को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट ने प्रदीप कुमार को हनीट्रैप में फंसा कर उससे बड़ी संख्या में सामरिक महत्व के दस्तावेज और प्रतिबंधित क्षेत्रों की फोटो मंगवाई.
- तीसरे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए बाड़मेर से राम सिंह नामक पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया गया. आरोपी विकास ट्रेडर्स नाम की एक फैक्ट्री में काम किया करता था, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित बॉर्डर आउट पोस्ट और सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की जानकारी, फोटो, वीडियो आदि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेजने का काम किया करता.
- चौथे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए श्रीगंगानगर से पाकिस्तानी जासूस नितिन यादव को गिरफ्तार किया गया. आरोपी सूरतगढ़ के पास छावनी क्षेत्र में फल-सब्जी आदि की सप्लाई करने का काम किया करता. आरोपी प्रतिबंधित क्षेत्र की तस्वीरें व अन्य सामरिक महत्व की सूचनाएं पाकिस्तानी महिला एजेंट के हनीट्रैप के जाल में फस कर उसे भेजने का काम किया करता.
- पांचवें प्रकरण में कार्रवाई करते हुए हनुमानगढ़ से पाकिस्तानी जासूस अब्दुल सत्तार को गिरफ्तार किया गया. आरोपी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के स्थानीय एजेंट के रूप में पिछले कई वर्षों से काम कर रहा था और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों की फोटो उन्हें साझा कर रहा था.
- छठे प्रकरण में कार्रवाई करते हुए सेना के जवान शांतिमोय राणा को गिरफ्तार किया गया. आरोपी पाक महिला एजेंट के हनी ट्रैप में फंस और पैसों के प्रलोभन में आकर सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज, फोटोग्राफ और युद्धाभ्यास के वीडियो पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भेज रहा था.
- सातवें प्रकरण में कार्रवाई करते हुए भीलवाड़ा से नारायण लाल गाडरी और दिल्ली से भागचंद को गिरफ्तार किया गया. आरोपी विभिन्न मोबाइल कंपनियों के सिम कार्ड अपने नाम से जारी करवाकर उसे पाक हैंडलिंग ऑफिसर को उपलब्ध करवाते और उन नंबर पर पाक हैंडलिंग ऑफिसर के सोशल मीडिया अकाउंट संचालित करवाते.