जयपुर. राजस्थान सरकार की इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 2000 से ज्यादा पदों पर संविदा भर्ती होनी थी. लेकिन बीते दिनों इसे अचानक स्थगित कर दिया गया. स्थगन आदेश में इसे अपरिहार्य कारण बताया गया है. जानकारी के अनुसार संविदा के विभिन्न पदों पर महानरेगा की तुलना में ज्यादा मानदेय होने के चलते फाइल दोबारा वित्त विभाग के पास गई है. ऐसे में फिलहाल बेरोजगारों का इंतजार और बढ़ गया है.
स्वायत्त शासन विभाग ने एक आदेश जारी करते हुए अपरिहार्य कारणों का हवाला देते हुए वरिष्ठ तकनीकी सहायक, कनिष्ठ तकनीकी सहायक, लेखा सहायक, एमआईएस मैनेजर और शहरी रोजगार सहायक के 2 हजार से ज्यादा पदों पर होने वाली संविदा भर्ती पर ब्रेक लगा दिया था. जिससे बेरोजगार भी निराश हो गए. चूंकि ये योजना महानरेगा के तर्ज पर शहरी क्षेत्र में लागू की जा रही है, ऐसे में अब मानदेय भी महानरेगा से ही तुलना किया जा रहा है.
शहरी रोजगार गारंटी योजना :
पद | मानदेय |
तकनीकी सहायक | 40000 |
कनिष्ठ तकनीकी | 30000 |
लेखा सहायक | 25000 |
एमआईएस मैनेजर | 25000 |
शहरी रोजगार सहायक | 15000 |
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मनरेगा :
पद | मानदेय |
कनिष्ठ तकनीकी सहायक | 19820 |
एमआईएस मैनेजर | 20650 |
रोजगार सहायक | 9300 |
लेखा सहायक | 16563 |
सभी पदों पर गांव की तुलना में शहरों के संविदा कर्मियों का मानदेय ज्यादा निर्धारित किया गया है. यही वजह है कि वित्त विभाग में एक बार फिर ये फाइल रिव्यू होने के लिए गई हैं. यही नहीं जो न्यूनतम वेतनमान मजदूरों के लिए निर्धारित किया गया है, उसमें भी गांव की तुलना में शहरी श्रमिकों का ज्यादा तय किया गया है. केवल जयपुर जिले में 11 वरिष्ठ तकनीकी सहायक, 22 कनिष्ठ तकनीकी सहायक (डिग्री), 6 कनिष्ठ तकनीकी सहायक (डिप्लोमा), 18 लेखा सहायक, 18 एमआईएस मैनेजर और 29 शहरी रोजगार सहायक के पदों पर भर्ती होनी थी. लेकिन जिन बेरोजगारों ने इन पदों के लिए आवेदन किया था, उन्हें अभी और इंतजार करना होगा.