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दीनदयाल उपाध्याय ने रखी थी कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना, देश उस दिशा में बढ़ रहा हैः जेपी नड्डा

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Published : Sep 25, 2020, 9:22 PM IST

पं. दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती पर हुए वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने कांग्रेस मुक्त भारत की कल्पना रखी थी. उन्होंने कहा कि उनकी यह कल्पना पीएम मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ा है.

Virtual program of Rajasthan BJP,  104th Birth Anniversary of Pt Deendayal Upadhyay
जेपी नड्डा

जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हम आज कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं. इसकी कल्पना 1960-65 में दीनदयाल उपाध्याय ने रख दी थी और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ा है. शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक समिति की ओर से उपाध्याय की जयंती पर हुए वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह बात कही.

'शिक्षा नीति सराहनीय है'

वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने राजस्थान की धरती को नमन किया और कहा कि यह धरती रंगों की धरती, मीरा की भक्ति की धरती है. जिस धरती पर उपाध्याय का बचपन बीता उस पुण्य भूमि को नमन करता हूं.

पढ़ें- अन्त्योदय की संकल्पना ही वास्तविक मानवीयता है: राज्यपाल कलराज मिश्र

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उपाध्याय पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने दो मुख्य विषय रखे, जिसमें कश्मीर में अलग विधान का विरोध किया था. इसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन किया. आज खुशी है कि हम कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर पाए. हिन्दु की धार्मिक प्रताड़ना का भी उपाध्याय ने उल्लेख किया, जिसमें नागरिकता कानून के जरिए हमने खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है.

नड्डा ने कहा कि उपाध्याय ने हमेशा मजबूत कार्यकर्ता पर जोर दिया. उनका कहना था कि कार्यकर्ता वो ​होना चाहिए जो सबको सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो. जो अपने विरोधी को अपना वोटर बनाने की क्षमता रखता हो.

'शिक्षा नीति सराहनीय है'

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन के दौरान नई शिक्षा नीति, आत्मनिर्भर भारत अभियान और कोविड में मोदी सरकार की ओर से किए गए कामों की जानकारी दी. शिक्षा नीति को लेकर नड्डा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी विचारधारा का समावेश किया गया है, इसलिए सभी ने इसे स्वीकार किया है. यह शिक्षा नीति बराबर का अधिकार देती है. शिक्षा नीति में स्मरण शक्ति के साथ ही छात्र की समझ शक्ति की परीक्षा होगी.

'पंडित उपाध्याय में कई खूबियां थी'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने अपने संबोधन के दौरान उपाध्याय के एकात्म मानववाद का उल्लेख किया और कहा कि उपाध्याय कहते थे थिंक लाइक इंडियन. नड्डा ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के ग्लैमर में मत पड़ो और हमारी विचारधारा के अनुसार ही नीति बनाने की जरूरत है. भारत की नेशनल आइडेंटिटी को बनाने की जरूरत है. अनेक संस्कृति होने के बावजूद भारत वन नेशन है.

नड्डा ने कहा कि हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चिंतन का बेस एकात्म मानववाद होगा. उनके एकात्म मानववाद में सभी के विकास की अवधारणा समाहित थी. नड्डा ने कहा कि जो सामाजिक जीवन जीते हैं, उनमें कोई एक खूबी होती है, लेकिन उपाध्याय विचारक के साथ-साथ अच्छे संगठक और नेतृत्व क्षमता वाले व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि उनमें कई खूबियां थी, जिसे यह देश हमेशा याद रखेगा.

भारत ने जो कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ी है उसकी तरफ विश्व की नजरें हैंः वी सतीश

समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश ने कहा कि कई लोग दीनदयाल के विचारों की प्रासंगिता पर सवाल उठाते हैं. जो बात उपाध्याय ने 1965 में कही उसे कुछ लोग जो अपने आपको प्रगतिशील मानते हैं, वो आज इरीलिवेंट बताते हैं. लेकिन आज जब पूरा विश्व कोविड से गुजर रहा है, तब भारत ने जो इस संक्रमण से लड़ाई लड़ी है उसकी तरफ विश्व की नजरें हैं.

पढ़ें- अजमेरः पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती पर BJP ने किया उनको नमन

वी सतीश ने कहा कि भारत ने क्या कहा, क्या किया इस पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. जिन बातों को किसी समय उपाध्याय ने अपने एकात्म मानववाद के दर्शन में कही, उसको जानने की विश्व कोशिश कर रहा है. हनुमान सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी और कहा कि दीनदयाल के सिद्धांतों का इस नीति में समावेश है. उन्होंने कहा कि जब समाज या राष्ट्र आर्थिक रूप से संपन्न होता है, तभी ज्ञान परंपरा आगे बढ़ती है.

जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हम आज कांग्रेस मुक्त भारत की बात कर रहे हैं. इसकी कल्पना 1960-65 में दीनदयाल उपाध्याय ने रख दी थी और पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत कांग्रेस मुक्त भारत की ओर बढ़ा है. शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मारक समिति की ओर से उपाध्याय की जयंती पर हुए वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह बात कही.

'शिक्षा नीति सराहनीय है'

वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए नड्डा ने राजस्थान की धरती को नमन किया और कहा कि यह धरती रंगों की धरती, मीरा की भक्ति की धरती है. जिस धरती पर उपाध्याय का बचपन बीता उस पुण्य भूमि को नमन करता हूं.

पढ़ें- अन्त्योदय की संकल्पना ही वास्तविक मानवीयता है: राज्यपाल कलराज मिश्र

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि उपाध्याय पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने दो मुख्य विषय रखे, जिसमें कश्मीर में अलग विधान का विरोध किया था. इसके बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन किया. आज खुशी है कि हम कश्मीर से धारा 370 को खत्म कर पाए. हिन्दु की धार्मिक प्रताड़ना का भी उपाध्याय ने उल्लेख किया, जिसमें नागरिकता कानून के जरिए हमने खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है.

नड्डा ने कहा कि उपाध्याय ने हमेशा मजबूत कार्यकर्ता पर जोर दिया. उनका कहना था कि कार्यकर्ता वो ​होना चाहिए जो सबको सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो. जो अपने विरोधी को अपना वोटर बनाने की क्षमता रखता हो.

'शिक्षा नीति सराहनीय है'

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन के दौरान नई शिक्षा नीति, आत्मनिर्भर भारत अभियान और कोविड में मोदी सरकार की ओर से किए गए कामों की जानकारी दी. शिक्षा नीति को लेकर नड्डा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में सभी विचारधारा का समावेश किया गया है, इसलिए सभी ने इसे स्वीकार किया है. यह शिक्षा नीति बराबर का अधिकार देती है. शिक्षा नीति में स्मरण शक्ति के साथ ही छात्र की समझ शक्ति की परीक्षा होगी.

'पंडित उपाध्याय में कई खूबियां थी'

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने अपने संबोधन के दौरान उपाध्याय के एकात्म मानववाद का उल्लेख किया और कहा कि उपाध्याय कहते थे थिंक लाइक इंडियन. नड्डा ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के ग्लैमर में मत पड़ो और हमारी विचारधारा के अनुसार ही नीति बनाने की जरूरत है. भारत की नेशनल आइडेंटिटी को बनाने की जरूरत है. अनेक संस्कृति होने के बावजूद भारत वन नेशन है.

नड्डा ने कहा कि हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक चिंतन का बेस एकात्म मानववाद होगा. उनके एकात्म मानववाद में सभी के विकास की अवधारणा समाहित थी. नड्डा ने कहा कि जो सामाजिक जीवन जीते हैं, उनमें कोई एक खूबी होती है, लेकिन उपाध्याय विचारक के साथ-साथ अच्छे संगठक और नेतृत्व क्षमता वाले व्यक्ति थे. उन्होंने कहा कि उनमें कई खूबियां थी, जिसे यह देश हमेशा याद रखेगा.

भारत ने जो कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ी है उसकी तरफ विश्व की नजरें हैंः वी सतीश

समारोह को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी. सतीश ने कहा कि कई लोग दीनदयाल के विचारों की प्रासंगिता पर सवाल उठाते हैं. जो बात उपाध्याय ने 1965 में कही उसे कुछ लोग जो अपने आपको प्रगतिशील मानते हैं, वो आज इरीलिवेंट बताते हैं. लेकिन आज जब पूरा विश्व कोविड से गुजर रहा है, तब भारत ने जो इस संक्रमण से लड़ाई लड़ी है उसकी तरफ विश्व की नजरें हैं.

पढ़ें- अजमेरः पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 104वीं जयंती पर BJP ने किया उनको नमन

वी सतीश ने कहा कि भारत ने क्या कहा, क्या किया इस पर दुनिया की नजरें टिकी हैं. जिन बातों को किसी समय उपाध्याय ने अपने एकात्म मानववाद के दर्शन में कही, उसको जानने की विश्व कोशिश कर रहा है. हनुमान सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जानकारी दी और कहा कि दीनदयाल के सिद्धांतों का इस नीति में समावेश है. उन्होंने कहा कि जब समाज या राष्ट्र आर्थिक रूप से संपन्न होता है, तभी ज्ञान परंपरा आगे बढ़ती है.

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