ETV Bharat / state

मॉक ड्रिल: पुष्कर की सावित्री माता मंदिर की पहाड़ी पर रोप वे में फंसे यात्री, बचाव के साथ विभिन्न विभागों के सामंजस्य की हुई परख

पुष्कर में पहाड़ी पर स्थित सावित्री माता मंदिर के रोपवे पर मॉक ड्रिल की गई. इस दौरान विभिन्न विभागों ने सामंजस्य में काम किया.

Mock drill on ropeway
रोप वे पर मॉक ड्रिल (ETV Bharat Ajmer)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

अजमेर: पुष्कर में पहाड़ी पर स्थित सावित्री माता मंदिर में जाने के लिए संचालित रोपवे पर विभिन्न विभागों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी का जायजा लेते हुए संयुक्त मॉक ड्रिल की गई. इसके लिए पहाड़ी पर रोप वे की ट्रॉली खराब होने और दुर्घटना की स्थिति में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने का अभ्यास और प्रदर्शन किया गया. मॉक ड्रिल के बाद रोप वे के रखरखाव के लिए रोपवे संचालन 28 नवंबर तक कंपनी ने बंद किया है.

रोप वे पर मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों का दिखा समन्वय (ETV Bharat Ajmer)

पुष्कर के उपखंड अधिकारी गौरव मित्तल ने बताया कि रोप वे में खराबी से यदि आपातकालीन स्थिति बनती है, तो ऐसे वक्त में विभिन्न विभाग तत्परता से कार्रवाई में जुटे. इसके लिए समय पर पंहुचकर रेस्क्यू का काम शुरू हो. इसलिए सभी विभागों की सतर्कता को परखा गया है. इसके लिए हर 6 महीने में मॉक ड्रिल करने की गाइडलाइन है. मंगलवार को मॉक ड्रिल के लिए जिला कलेक्टर लोक बन्धु ने निर्देश दिए थे. इसके तहत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस, चिकित्सा विभाग, प्रशासन, दमकल समेत विभिन्न विभाग आवश्यक उपकरणों और वाहनों के साथ मौके पर पंहुचे.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल, आतंकी साजिश नाकाम, सीआईएसएफ के जवानों ने 3 आतंकियों को किया ढेर

एनडीआरएफ के प्रभारी योगेश मीणा ने बताया कि एनडीआरएफ 6 बटालियन कमांडेंट और कलेक्टर ने मिलकर सावित्री माता की पहाड़ी पर मॉक ड्रिल के लिए तिथि निर्धारित की थी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश हैं कि हर छह माह में मॉक ड्रिल की जाए. यदि इस दौरान कोई छोटी-मोटी कमी रहती है, तो सभी विभाग आपस में मिलकर उसे कमी को दुरुस्त कर ले. यह एक तरह का आपातकालीन स्थिति से निपटने का अभ्यास है. मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों ने भाग लिया. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षात्मक पहलुओं को अपनाते हुए मुसीबत में फंसे लोगों को किस तरह से बचाया जा सकता है, उन तरीकों का भी मॉक ड्रिल के दौरान प्रदर्शन किया गया. मॉक ड्रिल का मकसद खामियों को दूर करना है.

पढ़ें: खोले के हनुमान जी मंदिर में रोप वे पर फंसे यात्री, जवानों ने सकुशल किया रेस्क्यू! जानिए सच्चाई - Khole ke hanuman Temple

28 नवंबर तक रखरखाव के कारण रोप वे संचालन बंद: पुष्कर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए सावित्री माता का मंदिर विशेष धार्मिक महत्व रखता है. वहीं स्थानीय लोगों में भी माता सावित्री के मंदिर में गहरी आस्था है. वही पुष्कर आने वाले देसी-विदेशी पर्यटक भी रोपवे की सवारी का आनंद लेने और पहाड़ी की ऊंचाई से पुष्कर का विहंगम दृश्य देखने के लिए आते हैं. यही वजह है कि रोपवे के संचालन में सुरक्षा के मापदंड होना और आपात स्थिति में रेस्क्यू एजेंसियों के सतर्क रहना काफी जरूरी है. यही वजह है कि रोपवे संचालक कंपनी ने भी मॉक ड्रिल के बाद 28 फरवरी तक रखरखाव के कारण रोपवे संचालन बंद कर दिया है.

अजमेर: पुष्कर में पहाड़ी पर स्थित सावित्री माता मंदिर में जाने के लिए संचालित रोपवे पर विभिन्न विभागों की ओर से आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी का जायजा लेते हुए संयुक्त मॉक ड्रिल की गई. इसके लिए पहाड़ी पर रोप वे की ट्रॉली खराब होने और दुर्घटना की स्थिति में फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने का अभ्यास और प्रदर्शन किया गया. मॉक ड्रिल के बाद रोप वे के रखरखाव के लिए रोपवे संचालन 28 नवंबर तक कंपनी ने बंद किया है.

रोप वे पर मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों का दिखा समन्वय (ETV Bharat Ajmer)

पुष्कर के उपखंड अधिकारी गौरव मित्तल ने बताया कि रोप वे में खराबी से यदि आपातकालीन स्थिति बनती है, तो ऐसे वक्त में विभिन्न विभाग तत्परता से कार्रवाई में जुटे. इसके लिए समय पर पंहुचकर रेस्क्यू का काम शुरू हो. इसलिए सभी विभागों की सतर्कता को परखा गया है. इसके लिए हर 6 महीने में मॉक ड्रिल करने की गाइडलाइन है. मंगलवार को मॉक ड्रिल के लिए जिला कलेक्टर लोक बन्धु ने निर्देश दिए थे. इसके तहत एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, पुलिस, चिकित्सा विभाग, प्रशासन, दमकल समेत विभिन्न विभाग आवश्यक उपकरणों और वाहनों के साथ मौके पर पंहुचे.

पढ़ें: जयपुर एयरपोर्ट पर मॉक ड्रिल, आतंकी साजिश नाकाम, सीआईएसएफ के जवानों ने 3 आतंकियों को किया ढेर

एनडीआरएफ के प्रभारी योगेश मीणा ने बताया कि एनडीआरएफ 6 बटालियन कमांडेंट और कलेक्टर ने मिलकर सावित्री माता की पहाड़ी पर मॉक ड्रिल के लिए तिथि निर्धारित की थी. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के आदेश हैं कि हर छह माह में मॉक ड्रिल की जाए. यदि इस दौरान कोई छोटी-मोटी कमी रहती है, तो सभी विभाग आपस में मिलकर उसे कमी को दुरुस्त कर ले. यह एक तरह का आपातकालीन स्थिति से निपटने का अभ्यास है. मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों ने भाग लिया. उन्होंने यह भी बताया कि सुरक्षात्मक पहलुओं को अपनाते हुए मुसीबत में फंसे लोगों को किस तरह से बचाया जा सकता है, उन तरीकों का भी मॉक ड्रिल के दौरान प्रदर्शन किया गया. मॉक ड्रिल का मकसद खामियों को दूर करना है.

पढ़ें: खोले के हनुमान जी मंदिर में रोप वे पर फंसे यात्री, जवानों ने सकुशल किया रेस्क्यू! जानिए सच्चाई - Khole ke hanuman Temple

28 नवंबर तक रखरखाव के कारण रोप वे संचालन बंद: पुष्कर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए सावित्री माता का मंदिर विशेष धार्मिक महत्व रखता है. वहीं स्थानीय लोगों में भी माता सावित्री के मंदिर में गहरी आस्था है. वही पुष्कर आने वाले देसी-विदेशी पर्यटक भी रोपवे की सवारी का आनंद लेने और पहाड़ी की ऊंचाई से पुष्कर का विहंगम दृश्य देखने के लिए आते हैं. यही वजह है कि रोपवे के संचालन में सुरक्षा के मापदंड होना और आपात स्थिति में रेस्क्यू एजेंसियों के सतर्क रहना काफी जरूरी है. यही वजह है कि रोपवे संचालक कंपनी ने भी मॉक ड्रिल के बाद 28 फरवरी तक रखरखाव के कारण रोपवे संचालन बंद कर दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.