जयपुर. जमानत अर्जी में कहा कि उसे केस में झूंठा फंसाया गया है. सभी आरोप पीए पर ही हैं. वहीं, मामले में अब पीए को सरकारी गवाह बनाया जा रहा है. याचिकाकर्ता से न तो कोई राशि बरामद हुई है और न ही उसने कोई राशि की डिमांड की है. इसके अलावा मामले में आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. ऐसे में उसे जमानत दी जाए. जमानत अर्जी के विरोध में सरकारी अधिवक्ता शेर सिंह महला ने कहा कि आरोपी के खिलाफ पहले के कई मामले लंबित हैं. यदि उसे जमानत दी गई तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है. इसलिए उसे जमानत नहीं दी जाए.
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मामले के अनुसार कोटा एसीबी की टीम ने पेट्रोल पंप की एनओसी जारी करने की एवज में गत 10 दिसंबर को बारां के तत्कालीन कलेक्टर इंद्र सिंह राव के पीए महावीर प्रसाद को 1 लाख 40 हजार रुपए की रिश्वत लेते ट्रेप किया था. वहीं, एसीबी ने जांच के बाद 24 दिसंबर को इंद्र सिंह राव को गिरफ्तार किया था.