जयपुर. सदन में बजट पर बहस के दौरान भाजपा विधायकों ने बजट की कमियां गिनाई. इस दौरान राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते थे कि मैं जनता का ट्रस्टी हूं, लेकिन मौजूदा बजट के बाद जनता का सरकार से ट्रस्ट ही खत्म हो गया. राठौड़ ने कहा कि 9 हजार अधिक किसानों की जमीन (Debate on Budget in Rajasthan Assembly) नीलाम हो गई, लेकिन सरकार ने कर्ज माफी का वादा अधूरा रखा. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार कहती है कि महंगाई कम करेंगे, लेकिन बीते 3 साल में महंगाई कम करने के लिए गहलोत सरकार ने कुछ नहीं किया.
आज भी देश में सर्वाधिक महंगा पेट्रोल-डीजल हनुमानगढ़ और गंगानगर जिले में मिल रहा है और राज्यों की राजधानी में सर्वाधिक महंगा पेट्रोल जयपुर में मिल रहा है. राठौड़ ने यह भी कहा कि बिजली के मामले में भले ही सूट की लॉलीपॉप दी गई हो, लेकिन आज भी राजस्थान उन प्रदेशों में शुमार है, जहां सर्वाधिक महंगी बिजली मिलती है. राठौड़ ने इस दौरान यह तक कह दिया कि जब गहलोत सरकार राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर कहती है तो करोड़ों रुपए की महंगी बिजली क्यों खरीदी गई. इस दौरान राठौड़ ने फ्यूल चार्जेस का जिक्र कर अदानी ग्रुप का नाम लेकर कटाक्ष भी किया. राठौड़ ने कहा कि बजट में जिन संकल्प को दर्शाया गया, वह केंद्रीय परिवर्तित योजनाओं पर आधारित है.
कांग्रेस ऑफिस के लिए चंदा देने वाली कंपनी को सरकार ने किया उपकृत: बजट पर बहस के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने सरकार पर मिड डे मील और बिजली खरीद में घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा कि इन निजी विद्युत उत्पादन करता जिंदल की कंपनी राजवेस्ट ने कांग्रेस कमेटी के दफ्तर में 5 करोड़ का चंदा दिया. जिसकी एवज में खान विभाग के एसीएस ने इस कंपनी से अवैध खनन की एवज में वसूले जाने योग्य 3436 करोड़ रुपए की राशि के आदेश को स्थगित कर दिया. राठौड़ ने यह भी कहा कि मैं सदन में सीएजी की वो रिपोर्ट भी रखना चाहता हूं जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राजवेस्ट से अवैध खनन की एवज में 3436 करोड़ की राशि वसूल करना चाहिए था.
वसुंधरा का नाम लेकर कल बहुत खुश थे और जब राजे नहीं रहतीं तो बहुत नाराज रहते हैं : अपने संबोधन के दौरान राजेंद्र राठौड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री पर कटाक्ष किया. राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कल आप बहुत खुश थे कि वसुंधरा जी आ गईं, इसलिए सदन में आप सब चुप हैं. आप ऐसा कह रहे थे और बार-बार मुस्कुरा भी रहे थे, लेकिन जब वसुंधरा जी नहीं रहतीं तो आप बहुत नाराज भी होते हैं. 15 फरवरी को जब हम रीट मामले में नौजवानों की आवाज बनकर आपके रिप्लाई का बहिष्कार कर गए थे, तब आपने सदन में कहा था कि किस को जवाब दूं, क्यों जवाब दूं, प्रतिपक्ष गायब है. मैंने भी सोचा कि मैं किसको कहूं, सदन में क्यों कहूं, क्योंकि जो बजट भाषण पेश किया जाता है वो कॉपी-पेस्ट के अलावा कुछ नहीं. राठौड़ ने कहा कि बजट घोषणा की 40 फीसदी घोषणाएं तो धरातल पर नहीं उतरीं अब तक.
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अनिता भदेल ने 2009 से अब तक के बजट अभिभाषण गिनाए, कहा- एक ही घोषणा बार-बार क्यों ? : सदन में भाजपा विधायक अनिता भदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पिछले कार्यकाल में जो बजट घोषणा की, उन्हीं घोषणाओं को बार-बार अभिभाषण में दोहराई जाती है, लेकिन पूरी करने की ओर ध्यान नहीं रहता. भदेल ने इस दौरान चित्तौड़गढ़ में नर्सिंग महाविद्यालय खोलने की घोषणा का उल्लेख किया और कहा कि पिछली गहलोत सरकार के कार्यकाल के बजट में भी यही घोषणा थी और अब भी यही घोषणा है. क्या इस पर अब तक अमल नहीं किया गया. अनिता भदेल ने कहा कि ऐसी कई घोषणाएं हैं जो अमल में नहीं लाई गईं, बस जनता को बेवकूफ बनाने के लिए घोषणा कर दी जाती है.