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जयपुर : लापरवाही से इलाज के दौरान मौत...चिकित्सक पर 1500000 रुपए का हर्जाना - State Consumer Commission's decision of circuit bench

अपील में कहा गया कि उसके पति श्योबक्स को पेट में दर्द होने के चलते विपक्षी चिकित्सक को 15 फरवरी 2010 को दिखाया था. जांच में बताया गया कि मरीज के पिताशय में पथरी है. पथरी का इलाज चलता रहा जबकि वह कैंसर की गांठ थी.

इलाज में लापरवाही का मामला जयपुर,  राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बैंच का फैसला,  लापरवाह डॉक्टर पर 15 लाख जुर्माना,  Jaipur case of negligence in treatment,  State Consumer Commission's decision of circuit bench,  15 lakh fine on negligent doctor
लापरवाह चिकित्सक पर 15 लाख का हर्जाना
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Published : Feb 1, 2021, 10:42 PM IST

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बैंच बीकानेर ने इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के चलते मरीज की मौत के मामले में चिकित्सक डॉ. बीके चौधरी और अन्य पर पन्द्रह लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने परिवाद पेश करने की तिथि 2 अगस्त 2010 से नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.

इसके साथ ही आयोग ने परिवाद खारिज करने के जिला उपभोक्ता मंच, चूरू के आदेश को निरस्त कर दिया है. आयोग के न्यायिक सदस्य कमल कुमार बागडी, अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य शोभा सिंह ने यह आदेश बरजी देवी व अन्य की अपील पर दिए. अपील में कहा गया कि उसके पति श्योबक्स को पेट में दर्द होने के चलते विपक्षी चिकित्सक को 15 फरवरी 2010 को दिखाया था. जांच में बताया गया कि मरीज के पिताशय में पथरी है.

पढ़ें- दर्दनाक: लकवाग्रस्त होने के कारण उठ नहीं पाई महिला, छप्पर में लगी आग में जिंदा जली

20 फरवरी को ऑपरेशन कर पथरी को निकाल दिया गया. इसके बाद समय-समय पर मरीज को बदल-बदल कर दवाईयां दी गई, लेकिन पेट दर्द ठीक नहीं हुआ. इस पर चिकित्सक ने बताया कि निकाली गई पथरी की जांच में कैंसर होना सामने आया है. इस पर मई, 2010 में मरीज को एसएमएस अस्पताल में दिखाया गया. जहां के चिकित्सक ने कहा कि डॉ. ने जिसे पथरी समझ कर निकाला था, वह वास्तव में कैंसर की गांठ थी और उसका इलाज दूसरी तरह से होता है.

अपील में कहा गया कि बिना उचित जांच किए ऑपरेशन करने से कैंसर पूरे शरीर में फैल गया और 23 जून, 2010 को उसकी मौत हो गई. इसे लेकर जिला उपभोक्ता मंच, चूरू में परिवाद पेश किया गया, लेकिन जिला मंच ने 15 जनवरी, 2015 को परिवाद खारिज कर दिया.

जयपुर. राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बैंच बीकानेर ने इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के चलते मरीज की मौत के मामले में चिकित्सक डॉ. बीके चौधरी और अन्य पर पन्द्रह लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने परिवाद पेश करने की तिथि 2 अगस्त 2010 से नौ फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है.

इसके साथ ही आयोग ने परिवाद खारिज करने के जिला उपभोक्ता मंच, चूरू के आदेश को निरस्त कर दिया है. आयोग के न्यायिक सदस्य कमल कुमार बागडी, अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य शोभा सिंह ने यह आदेश बरजी देवी व अन्य की अपील पर दिए. अपील में कहा गया कि उसके पति श्योबक्स को पेट में दर्द होने के चलते विपक्षी चिकित्सक को 15 फरवरी 2010 को दिखाया था. जांच में बताया गया कि मरीज के पिताशय में पथरी है.

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20 फरवरी को ऑपरेशन कर पथरी को निकाल दिया गया. इसके बाद समय-समय पर मरीज को बदल-बदल कर दवाईयां दी गई, लेकिन पेट दर्द ठीक नहीं हुआ. इस पर चिकित्सक ने बताया कि निकाली गई पथरी की जांच में कैंसर होना सामने आया है. इस पर मई, 2010 में मरीज को एसएमएस अस्पताल में दिखाया गया. जहां के चिकित्सक ने कहा कि डॉ. ने जिसे पथरी समझ कर निकाला था, वह वास्तव में कैंसर की गांठ थी और उसका इलाज दूसरी तरह से होता है.

अपील में कहा गया कि बिना उचित जांच किए ऑपरेशन करने से कैंसर पूरे शरीर में फैल गया और 23 जून, 2010 को उसकी मौत हो गई. इसे लेकर जिला उपभोक्ता मंच, चूरू में परिवाद पेश किया गया, लेकिन जिला मंच ने 15 जनवरी, 2015 को परिवाद खारिज कर दिया.

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