जयपुर. जेके लोन अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा बच्चों का अस्पताल है. जहां तकरीबन 800 बेड इलाज के लिए उपलब्ध है. ओमीक्रोन (Omicron In Rajasthan) के बढ़ते खतरे को देखते हुए अस्पताल (Jaipur JK Lone Hospital increasing infrastructure) की व्यवस्थाओं में सुधार किया जा रहा है. बच्चों के इलाज से जुड़े तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की तैयारी शुरू कर दी गई है. जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि अस्पताल में आगामी 15 दिनों में PICU-NICU और वेंटिलेटर की संख्या में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है.
शहर के जेके लोन अस्पताल में मौजूदा समय में 800 बेड इलाज के लिए उपलब्ध हैं. वहीं 80 नए पीआईसीयू बेड तैयार हो चुके हैं और 35 अगले महीने तक तैयारी कर दिए जाएंगे. अस्तपाल में एनआईसीयू के हाल ही में 60 बेड तैयार किए जा चूके हैं और अगले महीने 50 नए बेड इसमें शामिल किए जाएंगे. अस्पताल में फिलहाल 70 वेंटिलेटर बच्चों के इलाज के लिए उपलब्ध हैं. अगले 15 दिनों में 72 वेंटिलेटर और इंस्टॉल किए जाएंगे. वहीं अस्पताल में तीन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट शुरू किए जा चुके हैं.
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दरअसल, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए जेके लोन अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है. हाल ही में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बच्चों में एमआईएससी के मामले देखने को मिले. वहीं आईसीयू बेड और वेंटिलेटर की कमी देखने को मिली थी. जिसके बाद चिकित्सा विभाग ने समय रहते अस्पताल के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की तैयारी कर ली है.
अब तक 55 बच्चे पॉजिटिव
राजधानी जयपुर से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 1 नवंबर से 12 दिसंबर तक जितने भी कोरोना के मामले सामने आए हैं, उनमें बच्चों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. बीते 42 दिनों में 55 बच्चे संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. हालांकि इन बच्चों में कोरोना के मामूली लक्षण देखने को मिले हैं. इसके अलावा ओमीक्रोन के 17 मामले प्रदेश में अबतक सामने आए हैं. जिसमें पांच बच्चे भी शामिल हैं.