ETV Bharat / city

जयपुर : दशहरे की रात डांडिया और गरबा रास..गुजराती समाज ने जमकर खनकाए डांडिये - जयपुर में गरबा उत्सव

यूं तो नवरात्र के मौके पर देशभर में मां दुर्गा की आराधना में गरबा रास और डांडिया की धूम रहती है. लेकिन राजधानी जयपुर में गुजराती समाज पीढ़ियों से नवरात्र के दौरान परंपरागत गरबा-डांडिया करता आ रहा है. चूंकि इस बार नवरात्र की एक तिथि का क्षय हुआ, ऐसे में दशहरे की रात भी गुजराती समाज ने जमकर डांडिए खनकाए.

दशहरे की रात डांडिया
दशहरे की रात डांडिया
author img

By

Published : Oct 15, 2021, 10:40 PM IST

जयपुर. भारत में गरबा और डांडिया गुजरात की सांस्कृतिक पहचान है. अब ये नृत्य कला तेजी से गुजरात के बाहर भी जगह बना रही है. बीते 2 दशक में राजस्थान में भी लोगों में गरबा डांडिया को लेकर रुचि बढ़ी है. राजधानी जयपुर का गुजराती समाज जयपुर में बसने से लेकर अब तक शारदीय नवरात्र में गरबा डांडिया का आयोजन करता रहा है.

बताया जाता है कि महाराजा सवाई जय सिंह ने जयपुर की स्थापना के समय गुजराती ब्राह्मणों को जयपुर बुलाकर पूजा-पाठ कराई थी और जयपुर में बसाया था. तभी से परकोटे में गुजराती समाज के लोग शारदीय नवरात्र में गुजराती और राजस्थानी पोशाक धारण कर गुजरात के रंग यहां बिखेर रहे हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा जारी है. हालांकि समय के साथ डीजे की गूंज इसका अभिन्न अंग और रंग-मंडप पहचान बन गए हैं.

जयपुर में दशहरे की रात डांडिया

पढ़ें- दिवाली पर होगी आतिशबाजी : NCR क्षेत्र को छोड़कर राजस्थान के सभी जिलों में ग्रीन आतिशबाजी बेचने और चलाने पर लगी रोक हटी

हाथों में डांडिया और रंग-बिरंगी पोशाक में झूमते महिला और पुरुष इसी तरह गुलाबी नगरी हर वर्ष गरबा रास में धूम पचते दिखते हैं. हालांकि इस बार कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से वृहद स्तर पर ये आयोजन नहीं हो सके.

जयपुर. भारत में गरबा और डांडिया गुजरात की सांस्कृतिक पहचान है. अब ये नृत्य कला तेजी से गुजरात के बाहर भी जगह बना रही है. बीते 2 दशक में राजस्थान में भी लोगों में गरबा डांडिया को लेकर रुचि बढ़ी है. राजधानी जयपुर का गुजराती समाज जयपुर में बसने से लेकर अब तक शारदीय नवरात्र में गरबा डांडिया का आयोजन करता रहा है.

बताया जाता है कि महाराजा सवाई जय सिंह ने जयपुर की स्थापना के समय गुजराती ब्राह्मणों को जयपुर बुलाकर पूजा-पाठ कराई थी और जयपुर में बसाया था. तभी से परकोटे में गुजराती समाज के लोग शारदीय नवरात्र में गुजराती और राजस्थानी पोशाक धारण कर गुजरात के रंग यहां बिखेर रहे हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा जारी है. हालांकि समय के साथ डीजे की गूंज इसका अभिन्न अंग और रंग-मंडप पहचान बन गए हैं.

जयपुर में दशहरे की रात डांडिया

पढ़ें- दिवाली पर होगी आतिशबाजी : NCR क्षेत्र को छोड़कर राजस्थान के सभी जिलों में ग्रीन आतिशबाजी बेचने और चलाने पर लगी रोक हटी

हाथों में डांडिया और रंग-बिरंगी पोशाक में झूमते महिला और पुरुष इसी तरह गुलाबी नगरी हर वर्ष गरबा रास में धूम पचते दिखते हैं. हालांकि इस बार कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से वृहद स्तर पर ये आयोजन नहीं हो सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.