जयपुर. तेज सर्दी के सितम के साथ प्रदेश के कई जिलों में शीतलहर का दौर जारी रहा. वहीं राजधानी का तापमान 9.5 डिग्री दर्ज किया गया. सर्दी का इस साल का रिपोर्ट कार्ड देखें तो, बीते सालों की अपेक्षा इस साल दिन-रात सर्दी का असर ज्यादा रहा. पारे का आंकड़ा सामान्य से नीचे ही बना रहा.
इस बार 1 दिसंबर से 22 जनवरी तक यानि की 53 दिनों में 31 दिन कड़ाके की सर्दी पड़ी. बीच-बीच में रात का तापमान सामान्य से 7 डिग्री तक नीचे चले गया. सिर्फ 22 दिनों तक रात का पारा 10 डिग्री के ऊपर ही बना रहा. मौसम विभाग के अनुसार 22 कोल्ड-डे अकाउंट किए गए हैं. जब दिन का तापमान भी सामान्य से 4 से 6.5 डिग्री कम रहा. इसी साल 31 दिसंबर को पारे ने 55 साल का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया था और जयपुर का तापमान 1 डिग्री पर पहुंच गया था.
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अमूमन दिसंबर के आखिरी में शुरू होने वाले सर्दी का सीजन इस बार दिसंबर के पहले हफ्ते में ही शुरू हो गया था. प्रदेश में सबसे ज्यादा सर्दी की बात की जाए तो 26 दिसंबर से लेकर 31 दिसंबर के बीच में रही है. मौसम विभाग के डायरेक्टर शिव गणेश के अनुसार इस बार ज्यादा सर्दी पड़ने का मुख्य कारण उत्तरी हवाएं के साथ ठंडे इलाकों से आने वाली सर्द हवाओं का लगातार चलना रहा और जमीन तक इनका असर देखा गया. लगातार उत्तरी हवाएं चलने पर पश्चिमी विक्षोभ का असर कम होने के कारण तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की गई थी. इस बार मानसून भी अच्छा रहा इससे हवाओं को नमी भी मिली.
कुछ शहरों का तापमान कई बार दर्ज किया गया माइनस में...
दिसंबर और जनवरी के मौसम विभाग के आंकड़ों की बात की जाए तो, इन दोनों ही माह के अंतर्गत प्रदेश का माउंट आबू, सीकर का फतेहपुर और राजधानी जयपुर के जोबनेर का तापमान (माइनस) में भी दर्ज किया गया है. हालांकि पिछले साल 2018 की तुलना में इस बार प्रदेश में सर्दी ने अपना हाथ जोड़ दिखाया है.
साल 2018 में 5 डिग्री के नीचे नहीं आया था तापमान...
साल 2018 और 2019 की तुलना की जाए तो इस बार पारा सामान्य से नीचे दर्ज किया गया है. दिसंबर जनवरी में न्यूनतम तापमान 2018 में 5 डिग्री के नीचे नहीं किया था. जबकि साल 2013 में दिसंबर में तापमान 3 डिग्री दर्ज किया गया था, तो 2019 में जयपुर का तापमान 1 डिग्री तक पहुंच गया. ऐसे में जयपुर में पिछले 55 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया.