जयपुर. साइबर ठगी के प्रकरण में यदि पीड़ित व्यक्ति जागरूक हो और जल्द ही पुलिस में इसकी शिकायत करें तो पुलिस ठगी गई राशि को वापस दिलवाने का प्रयास करती है. ऐसे अनेक प्रकरण हैं, जिसमें ठगी गई राशि को पुलिस ने महज कुछ ही घंटों के अंतराल में वापस पीड़ित व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफर करवाया है.
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एक बार फिर से राजधानी जयपुर में साइबर ठगी के ऐसे दो प्रकरण सामने आए हैं, जिसमें पीड़ित व्यक्तियों ने तुरंत पुलिस को ठगी की सूचना दी. जिसपर पुलिस ने त्वरित एक्शन लेते हुए ठगी गई राशि को फिर से पीड़ित व्यक्तियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाया है.
विशेष अपराध साइबर थाने के सब इंस्पेक्टर इमी चंद सोलंकी ने बताया कि गुरुवार को विद्याधर नगर निवासी विजेंद्र शर्मा के फोन पर एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने का झांसा दिया. उसके बाद ठग ने पीड़ित के मोबाइल पर आए ओटीपी को वेरीफिकेशन कोड होने की बात कहते हुए बताने के लिए कहा.
ठग की बातों में आकर जब पीड़ित ने ओटीपी को वेरिफिकेशन कोड समझ बताया तो पीड़ित के क्रेडिट कार्ड से एक ऑनलाइन शॉपिंग ऐप के जरिए 75 हजार रुपए की शॉपिंग कर ली गई, जिस पर पीड़ित ने तुरंत इसकी शिकायत विशेष अपराध साइबर थाने में की और पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए संबंधित कंपनी के नोडल अधिकारी से संपर्क कर ठगी गई राशि को पुनः पीड़ित के खाते में ट्रांसफर करवा दिया.
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इसी प्रकार से साइबर ठगों की ओर से विद्याधर नगर निवासी कमलेश कुमार को भी ठगी का शिकार बनाते हुए उनके क्रेडिट कार्ड से कुछ राशि पेटीएम अकाउंट में ट्रांसफर करवाई गई. पीड़ित की ओर से तुरंत शिकायत करने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पेटीएम अकाउंट से ठगी गई राशि को पुनः पीड़ित व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर करवा दिया. पुलिस का कहना है कि यदि साइबर ठगी का शिकार हुआ व्यक्ति तुरंत इसकी शिकायत साइबर थाने में करें तो पुलिस उसकी ठगी गई राशि को वापस दिलवा सकती है.