जयपुर. राजधानी में साइबर ठग पिछले कुछ समय से ब्यूरोक्रेट्स, व्यापारी व अन्य प्रतिष्ठित लोगों की फोटो का गलत तरीके से इस्तेमाल कर उनके परिचितों से ठगी करने का प्रयास कर रहे हैं. हालांकि जागरूकता के चलते अब तक कोई भी ठगी का शिकार नहीं हुआ लेकिन साइबर ठगों ने अपना ट्रेंड बदला (New fraud trend adopted by Cyber thugs) है और अब वह बड़े आईएएस, आईपीएस व अन्य अधिकारियों की तस्वीरों का सहारा लेकर लोगों को अपने जाल में फंसाने का काम कर रहे (Cyber thugs using renowned persons photo for fraud) हैं. इस तरह के प्रकरणों को देखते हुए जयपुर पुलिस लगातार आमजन से यह अपील कर रही है कि वह व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर आए ऐसे किसी भी मैसेज पर ध्यान ना दें, जिसमें किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति की फोटो का इस्तेमाल कर उनसे राशि की मांग की जा रही हो.
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प्रभावशाली व्यक्तियों की फोटो व्हाट्सएप डीपी पर लगा कर रहे ठगी का प्रयास: एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम अजय पाल लांबा ने बताया कि साइबर ठग दूसरे राज्य जैसे कि नॉर्थ ईस्ट, बिहार, बंगाल आदि से व्हाट्सएप कॉल करके लोगों को अपने जाल में फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. साइबर ठग समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति और ब्यूरोक्रेट्स की फोटो सोशल मीडिया से डाउनलोड करते हैं और फिर उन फोटो को अपने व्हाट्सएप नंबर की डीपी पर लगाते हैं. इसके बाद ऐसे व्यक्ति जो उन प्रभावशाली व्यक्तियों से संबंधित होते हैं या उनके विभाग से संबंधित होते हैं, उन्हें व्हाट्सएप कॉल करके या मैसेज भेज करके रुपयों की डिमांड की जाती है. जिस व्यक्ति के पास कॉल या मैसेज जाता है वह केवल व्हाट्सएप डीपी देखकर यह अंदाजा लगाता है कि यह फोन प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा ही किया गया है. जबकि ऐसे में व्यक्ति को उस नंबर को आवश्यक रूप से जांचना चाहिए जिस नंबर से व्हाट्सएप कॉल की गई है.
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सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव: लांबा का कहना है कि इस तरह की ठगी के प्रकरण से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा माध्यम है. व्यक्ति सतर्क रहकर ठगों के जाल में आने से बच सकता है और ठगी का शिकार होने से भी. इसके लिए बकायदा प्रतिष्ठित लोगों व अधिकारियों को भी अपने विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को जागरूक करना चाहिए. साथ ही इस बात का अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि यदि कोई व्यक्ति फोन पर या मैसेज पर रुपयों की डिमांड कर रहा है तो उस व्यक्ति का नंबर आपके फोन में सेव है या नहीं. यदि नंबर सेव नहीं है तो जिस व्यक्ति के नाम से रुपए मांगे जा रहे हैं तुरंत उसे इसके बारे में सूचित किया जाए. साइबर ठग अक्सर इमरजेंसी का बहाना बनाकर रुपयों की डिमांड करते हैं. ऐसे में लोग हड़बड़ाहट में उनके बताए गए खातों में रुपए ट्रांसफर भी कर देते हैं. ऐसे में ऐसी कोई भी डिमांड आने पर घबराए नहीं और उसे वेरीफाई करने के बाद ही आगे के कदम उठाएं.
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साइबर ठगों ने सीएस, सीएम के प्रमुख सचिव और डीजीपी की तस्वीर को बनाया हथियार: जयपुर में पिछले 1 माह के दौरान साइबर ठगों ने राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रमुख सचिव आईएएस कुलदीप रांका और राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर की तस्वीर का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने का प्रयास किया. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव आईएएस कुलदीप रांका की तस्वीर को व्हाट्सएप डीपी पर लगा कर उनके जानकारों को कॉल की गई और कुछ पैसों की जरूरत होने का हवाला देकर जल्द से जल्द राशि ट्रांसफर करने के लिए कहा गया. इसी प्रकार से राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा की तस्वीर को व्हाट्सएप डीपी पर लगा कर सचिवालय के ही कर्मचारियों से ठगी का प्रयास किया गया. वहीं राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी एमएल लाठर की तस्वीर को व्हाट्सएप डीपी पर लगा कर ठगों ने उनके परिचितों को मैसेज भेज कर रुपयों की डिमांड की.