चौमूं (जयपुर). देश भर में साइबर ठगी गिरोह का संचालन करने वाले 6 लोगों को अब जयपुर ग्रामीण पुलिस ने धर दबोचा है. सामोद थाना पुलिस ने बिना ओटीपी बताए ठगी करने वाले गिरोह के 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने वोडाफोन और आइडिया कंपनी की करीब 500 फर्जी मोबाइल सिम बरामद की है. सबसे खास बात तो ये है सभी बरामद हुई सभी सिम एक्टिवेट हैं. पकड़े गए आरोपियों से डेढ लाख की राशि भी बरामद कर ली गई है. फिलहाल, पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है.
गोविंदगढ़ डिप्टी संदीप सारस्वत ने बताया, एक पेट्रोल पंप संचालक राजीव चौधरी ने सामोद पुलिस थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया था. 6 फरवरी को राजीव चौधरी के मोबाइल पर रात 2 बजे के बाद एक के एक 22 मैसेज आए. बैंक खाते से एक के बाद एक मैसेज के जरिए राशि कटती चली गई और 7 लाख 19 हजार का ट्रांजेक्शन रातों-रात आरोपियों ने दूसरे खातों में ट्रांसफर कर लिया. परिवादी ने सुबह देखा तो होश उड़ गए और परिवादी ने सामोद पुलिस थाने मामला दर्ज करवाया.
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जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा ने एक पुलिस टीम का गठन किया और टीम ने कड़ी मेहनत के बाद उत्तर प्रदेश से 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पकड़े गए आरोपियों में पहला नाम मनोज महापात्र, पवन कुमार, रचित वर्मा, सनी शर्मा, अखिल कुमार और अंकित शर्मा को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार पवन कुमार उत्तर प्रदेश में आइडिया और वोडाफोन कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर है. आरोपी मोबाइल कंपनी के एक खास एप के जरिए इस गिरोह के लोगों को फर्जी तरीके से महंगे दामों पर सिम उपलब्ध करवा रहा था. यह आरोपी मोबाइल नंबरों के आधार पर पेटीएम और अन्य वॉलेट एक्टिवेट करके लोगों को चूना लगा रहे थे. एक ही दस्तावेज से कई सिम एक्टिवेट करने के बाद इन एक्टिवेट सिम को पवन कुमार 3,000 से 5,000 के बीच इस गिरोह के लोगों को उपलब्ध करवाता था.
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गिरोह के लोग राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उड़ीसा में भी इन सिमों की सप्लाई करते थे. इतना ही नहीं यह सिम पड़ोसी देश नेपाल में भी बेची जाती थी. हैरानी तो तब होती है, बिना दस्तावेज दिए ही आपके नाम से कोई अन्य व्यक्ति सिम का इस्तेमाल कर रहा है. पकड़े गए सभी आरोपी तकनीकी ज्ञान में एक्सपर्ट हैं और सभी आरोपी पढ़े लिखे हैं. कोई बी टेक है तो कोई एमबीए. मौज मस्ती और अपने शौक पूरे करने के लिए ठगी की वारदात को पकड़े गए आरोपी अंजाम दे रहे थे.
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डिप्टी संदीप सारस्वत ने बताया, आरोपी अक्सर हवाई यात्रा ही करते रहते थे. जब भी इनकी लोकेशन पुलिस ट्रैस करती तो अक्सर लोकेशन किसी न किसी एयरपोर्ट की ही आती. सबसे खास बात तो यह है कि सिम भी कोरियर के जरिए ही भेजते थे. लेकिन इस बार आरोपी मनोज सिम खुद जयपुर देने आया और पुलिस के हत्थे चढ़ गया. इस पूरे गिरोह का सरगना मनोज महापात्रा है, जो जयपुर में सिम की सप्लाई देने के लिए आया था. लेकिन सप्लाई देने से पहले ही सामोद पुलिस के हत्थे चढ़ गया और एक के बाद एक करके पुलिस ने आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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पकड़े गए आरोपी अब तक कई हजारों लोगों को अपना शिकार बनाकर करोड़ों रुपयों का चूना लगा चुके हैं. पुलिस अब इनसे पूछताछ करने में जुटी है और रिकवरी करने की कोशिश कर रहे हैं. आप भी अगर मोबाइल सिम खरीद रहे हो तो उससे पहले सावधान हो जाएं और देख लीजिए. कहीं आपके बायोमेट्रिक दस्तावेजों का कोई क्लोन तो नहीं बन रहा है. यदि आप के दस्तावेजों का क्लोन बन गया तो समझिए इस तरह की ठगी आपके साथ भी हो सकती है.