जयपुर. बुधवार सुबह से ही साइबर ठग राजस्थान पुलिस को खुली चुनौती देते हुए एक ही नंबर पर अलग-अलग पुलिस अधिकारी और मंत्रियों की फोटो लगाकर अलग-अलग विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को मैसेज भेज राशि की डिमांड कर रहे हैं. ताज्जुब की बात यह है कि राजस्थान पुलिस और एसओजी ना तो अब तक यह पता लगा सकी है की इस करतूत के पीछे किसका हाथ है और ना ही अब तक इन नंबरों को ब्लॉक करवा सकी है (Cyber Fraud Challenges Rajasthan Police).
साइबर ठगों ने सबसे पहले एक नंबर 8839060836 का प्रयोग कर बुधवार सुबह एसीबी एडीजी दिनेश एमएन की फोटो लगा व्हाट्सएप पर एक फेक प्रोफाइल क्रिएट कर विभिन्न अधिकारियों व कर्मचारियों को मैसेज भेज कर गिफ्ट वाउचर व राशि की मांग की. इसे लेकर दिनेश एमएन ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों को सतर्क किया. इसके बाद उसी नंबर पर साइबर ठगों ने मंत्री शांति धारीवाल की फोटो लगाकर फेक प्रोफाइल क्रिएट कर लोगों को मैसेज भेजें. वहीं शाम को साइबर ठगों ने उसी नंबर पर मंत्री शकुंतला रावत की फोटो लगाकर फेक प्रोफाइल क्रिएट की.
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डीजीपी-डीजी का फेक प्रोफाइल: राजस्थान पुलिस और एसओजी की साइबर सेल उस एक नंबर की ही पड़ताल करने में जुटी हुई थी जिसके जरिए एडीजी दिनेश एमएन, मंत्री शांति धारीवाल और मंत्री शकुंतला रावत की फेक प्रोफाइल बनाई गई थी. वहीं बुधवार शाम ठगों एक अन्य नंबर 9595759189 पर डीजीपी एमएल लाठर की फोटो लगा फेक प्रोफाइल क्रिएट कर लोगों को मैसेज भेज राशि की डिमांड कर डाली.
जब इस बारे में विभाग के अधिकारियों ने एमएल लाठर को बताया और उन्होंने लोगों से मैसेज पर ध्यान ना देना की अपील की. लाठर के अपील करने के कुछ देर बाद ही ठगों ने इसी नंबर का प्रयोग करते हुए एसीबी डीजी बीएल सोनी की फोटो लगाकर फेक प्रोफाइल क्रिएट कर ली. फिलहाल इन दोनों नंबरों को लेकर एसओजी व राजस्थान पुलिस की साइबर सेल पड़ताल में जुटी हुई है.