जयपुर. राजधानी में साइबर ठगी के प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं. ठग नए-नए तरीके अपना कर लोगों को अपना शिकार बनाने में लगे हुए हैं. राजधानी में साइबर ठगों ने सेना का अधिकारी बन, बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बन और सरकारी कर्मचारी को सेक्सटॉर्शन का शिकार बना ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है. साइबर ठगी के 2 प्रकरण मानसरोवर और 1 प्रकरण मुहाना थाने में दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस तीनों की प्रकरणों की जांच में जुटी हुई है.
सेना का मेजर बताकर ठगी : साइबर ठगी का पहला प्रकरण मानसरोवर थाने में 32 वर्षीय आयुषी रस्तोगी ने दर्ज करवाया है. आयुषी ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि उसने अपना एक फ्लैट किराए पर देने के लिए ऑनलाइन वेबसाइट पर विज्ञापन डाला था. उस विज्ञापन को देखकर एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने अपना नाम संजय सिंह बताया और खुद को आर्मी में मेजर के पद पर कार्यरत बताया. फोन करने वाले व्यक्ति ने फ्लैट किराए पर लेने की बात कह कर अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड और आर्मी के कैंटीन कार्ड की फोटो व्हाट्सएप की.
इसके बाद उस व्यक्ति ने आयुषी को 1 महीने का किराया एडवांस में देने की बात कहकर उसके खाते में पहले 1 रुपए ट्रांसफर करने की बात कही. इसके बाद उस व्यक्ति ने आयुषी के व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजा. आयुषी ने जब उस बार कोड को स्कैन किया तो उसे खाते में 1 रुपया प्राप्त हो गया और फिर उसके बाद फोन करने वाले व्यक्ति ने शेष राशि ट्रांसफर करने की बात कहकर फोन काट दिया. उसके बाद आयुषी के खाते में राशि जमा होने की बजाए उसके खाते से पांच अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए 90 हजार रुपए निकाल लिए गए. इस पर जब आयुषी ने फिर से उस व्यक्ति से संपर्क करने का प्रयास किया तो उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आया.
कस्टमर केयर अधिकारी बन ठगी : ठगी का दूसरा मामला मुहाना थाने में दर्ज किया गया है. जहां ठग ने खुद को एक बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बता पीड़ित को क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने का झांसा दे ठगी की वारदात को अंजाम दिया. ठगी के संबंध में रामपुरा रोड निवासी 37 वर्षीय प्रेम प्रकाश नागर ने शिकायत में बताया कि उनके मोबाइल पर एक व्यक्ति ने फोन कर खुद को यस बैंक का कस्टमर केयर अधिकारी बताया. उसने क्रेडिट कार्ड का पेमेंट ड्यू होने का झांसा देकर क्रेडिट कार्ड ब्लॉक करने की बात कही.
इसके बाद कथित अधिकारी ने क्रेडिट कार्ड को अनब्लॉक करने की बात कहते हुए पीड़ित को एक क्यूआर कोड भेजा. थोड़ी ही देर में पीड़ित के फोन-पे अकाउंट से चार अलग-अलग ट्रांजैक्शन कर आरोपी ने कुल 95 हजार रुपए निकाल लिए. जब पीड़ित ने दोबारा उस नंबर पर उस फोन कर कहा कि इतनी राशि क्यों काटी तो ठग ने नेटवर्क एरर का झांसा देकर राशि वापस लौटाने की बात कही. इतना ही नहीं आरोपी ने पीड़ित से इंटरनेट बैंकिंग का आईडी पासवर्ड लेकर उसके खाते से 50 हजार रुपए की राशि का ट्रांजैक्शन कर लिया. इस प्रकार से ठग ने पीड़ित के खाते से कुल 1.45 लाख रुपए की ठगी कर ली.
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सेक्सटॉर्शन का शिकार बना सरकारी कर्मचारी से ठगी : ठगी का तीसरा मामला मानसरोवर थाने में 31 वर्षीय सरकारी कर्मचारी ने दर्ज कराया है. पीड़ित ने दर्ज करवाई शिकायत में बताया कि उसकी दोस्ती फेसबुक पर एक युवती से हुई. इसके बाद दोनों में चैटिंग होने लगी. 16 जुलाई की रात को युवती ने पीड़ित को वीडियो कॉल किया और उत्तेजित बातें कर पीड़ित का नग्न वीडियो बना लिया. इसके बाद उसने पीड़ित को व्हाट्सएप कॉल कर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की. जिस पर पीड़ित ने कुछ राशि युवती के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी.
इसके बावजूद युवती ने और राशि की डिमांड करनी शुरू कर दी. इस पर जब पीड़ित ने असमर्थता जाहिर की तो युवती ने पीड़ित के भाई को फेसबुक मैसेंजर पर अश्लील वीडियो भेज दिया. इसके साथ ही पीड़ित के भाई को भी ब्लैकमेल कर परिवार की इज्जत खराब करने की धमकी देकर रुपयों की मांग की. पीड़ित का भाई भी सरकारी कर्मचारी है और ऐसे में उस पर भी दबाव बनाकर राशि की मांग की जा रही है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर नंबर और ट्रांजैक्शन डिटेल के आधार पर जांच करना शुरू किया है.