जयपुर. पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (power distribution system) में सुधार के लिए केंद्र सरकार (central government) की रिफॉर्म बेस्ड एंड रिजल्ट लिंक्ड (Reform Based and Result Linked) आधारित स्कीम की विस्तृृत परियोजना रिपोर्ट प्रदेश की परिस्थितियों और दीर्घकालिक उपायों को देखते हुए तैयार होगी. इसे लेकर बुधवार को मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं.
मुख्य सचिव ने बुधवार को डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म्स कमेटी की बैठक ली. सीएस निरंजन आर्य ने कहा कि राज्य सरकार बिजली छीजत रोकने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त बिजली उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए इस योजना की डीपीआर तैयार कर तय समय पर केंद्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए. आर्य ने कहा कि राज्य की व्यवहारिक परिस्थितियों के अनुसार माइक्रो प्लानिंग कर डीपीआर तैयार करें. इसमें वार्षिक सुधार लक्ष्यों के साथ ही दीर्घकालिक उपायों को भी शामिल करें.
2024-25 तक बिजली की छीजत 12 से 15 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य
डिस्कॉम चेयरमैन भास्कर ए सावंत (Discom Chairman Bhaskar A Sawant) ने बताया कि योजना का उद्देश्य वर्ष 2024-25 तक अखिल भारतीय स्तर पर छीजत को 12 से 15 प्रतिशत तक कम करना है. इसके तहत उपभोक्ताओं के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने और हानि में कमी लाने के साथ आधुनिकीकरण के लिए डिस्ट्रीब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर (distribution infrastructure) के कार्य किए जाएंगे.
डिस्कॉम चेयरमैन ने बताया कि इसके लिए कार्य योजना और डीपीआर बनाने का कार्य किया जा रहा है. इसे डीआरसी के साथ राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 31 दिसंबर तक केंद सरकार को भिजवाना है. योजना के तहत निर्धारित सभी लक्ष्य समयबद्ध तरीके से मार्च 2025 तक अर्जित करने हैं.