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बदमाशों को पकड़ने का अभियान फेल, प्रदेश के कई जिलों में एक भी कार्रवाई नहीं - Rajasthan hindi news

सीएम अशोक गहलोत ने अगस्त माह के अंत में राजस्थान पुलिस की अपराध समीक्षा बैठक लेते हुए तस्कर और आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे. इस संबंध में पुलिस मुख्यालय से आदेश जारी होने के बाद भी कई जिलों की परफॉर्मेंस रिकॉर्ड शून्य बना हुआ है.

बदमाशों को पकड़ने का अभियान फेल
बदमाशों को पकड़ने का अभियान फेल
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Published : Sep 17, 2022, 8:13 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त माह के अंत में राजस्थान पुलिस की अपराध समीक्षा बैठक ली थी. उन्होंने डीजीपी एमएल लाठर को सख्त निर्देश दिए थे की पूरे प्रदेश में तस्करों और आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए प्रभावी कार्रवाई की जाए. इसके बाद पुलिस मुख्यालय से डीजीपी ने सभी जिलों को आदेश जारी करते हुए 1 सितम्बर से एक विशेष अभियान चलाकर बदमाशों पर नकेल कसने के आदेश दिए.

राजस्थान में अपराध का ग्राफ बढ़ता (crime in Rajasthan) जा रहा है. पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह प्रतिदिन प्रत्येक जिले से उनकी ओर से की गई कार्रवाई का ब्यौरा मंगवा कर एक चार्ट तैयार करें. जिससे बदमाशों के खिलाफ कितनी कार्रवाई की गई है, इसका आंकड़ा संकलित किया जा सके. ताज्जुब की बात है कि मुख्यमंत्री और डीजीपी के कहने के बावजूद भी कई जिले अभियान में रुचि नहीं दिखा रहे हैं और उनका परफॉर्मेंस रिकॉर्ड शून्य बना (criminal capture campaign fail in Rajasthan) हुआ है. ऐसे जिलों को रोजाना पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच रिमाइंडर भेज कर आदतन बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने को कह रही है. बावजूद इसके जिला पुलिस की ओर से पुलिस मुख्यालय के आदेशों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

पढ़ें. Commissionerate System : 2011 में जयपुर और जोधपुर में लागू की गई कमिश्नरेट प्रणाली हो रही फेल, लगातार बढ़ रहा अपराध का ग्राफ

कार्रवाई में यह रही जिलों की परफॉर्मेंसः 1 सितंबर से शुरू किए गए अभियान के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 सितंबर तक पूरे प्रदेश में 1044 आदतन अपराधियों के खिलाफ इस्तगासा पेश किया गया. जिसमें करौली, बारां, अलवर, बूंदी चित्तौड़गढ़, राजसमंद और जीआरपी जोधपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की है. इसी दौरान 486 आदतन अपराधियों को पाबंद किया गया. जिसमें टोंक, भरतपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, झुंझुनू, बारां, सवाई माधोपुर, अलवर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ राजसमंद और जीआरपी जोधपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की.

अभियान के दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ महज 3 कार्रवाई की गई. जोधपुर ग्रामीण जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले में एनडीपीएस एक्ट के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. अभियान के दौरान आदतन अपराधियों के खिलाफ नई हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश भी दिए गए थे, जिसके तहत 35 बदमाशों के खिलाफ नई हिस्ट्रीशीटर खोली गई. जोधपुर ग्रामीण, पाली, जयपुर साउथ, झालावाड़, जयपुर ईस्ट और अजमेर जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले ने कोई भी कार्रवाई नहीं की.

पढ़ें. जयपुर में कब थमेंगे महिलाओं से अपराध के मामले?

हथियार तस्करों व मादक पदार्थ तस्करों पर यह रही कार्रवाई
विशेष अभियान के तहत 1 सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक हथियार तस्करों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत 96 प्रकरण दर्ज किए गए. बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, जीआरपी अजमेर, जीआरपी जोधपुर, जयपुर ईस्ट, जयपुर ग्रामीण, जयपुर नॉर्थ, जयपुर साउथ, जैसलमेर, झुंझुनू, राजसमंद, सीकर और उदयपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की. इसी प्रकार से विशेष अभियान के दौरान 1 सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में 88 प्रकरण दर्ज किए गए. बांसवाड़ा, भरतपुर, भिवाड़ी, धौलपुर, डूंगरपुर, जीआरपी अजमेर, जीआरपी जोधपुर, जयपुर ग्रामीण, जैसलमेर, झुंझुनू, कोटा शहर, राजसमंद, सीकर सिरोही और उदयपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अगस्त माह के अंत में राजस्थान पुलिस की अपराध समीक्षा बैठक ली थी. उन्होंने डीजीपी एमएल लाठर को सख्त निर्देश दिए थे की पूरे प्रदेश में तस्करों और आदतन अपराधियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए प्रभावी कार्रवाई की जाए. इसके बाद पुलिस मुख्यालय से डीजीपी ने सभी जिलों को आदेश जारी करते हुए 1 सितम्बर से एक विशेष अभियान चलाकर बदमाशों पर नकेल कसने के आदेश दिए.

राजस्थान में अपराध का ग्राफ बढ़ता (crime in Rajasthan) जा रहा है. पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह प्रतिदिन प्रत्येक जिले से उनकी ओर से की गई कार्रवाई का ब्यौरा मंगवा कर एक चार्ट तैयार करें. जिससे बदमाशों के खिलाफ कितनी कार्रवाई की गई है, इसका आंकड़ा संकलित किया जा सके. ताज्जुब की बात है कि मुख्यमंत्री और डीजीपी के कहने के बावजूद भी कई जिले अभियान में रुचि नहीं दिखा रहे हैं और उनका परफॉर्मेंस रिकॉर्ड शून्य बना (criminal capture campaign fail in Rajasthan) हुआ है. ऐसे जिलों को रोजाना पुलिस मुख्यालय की सीआईडी क्राइम ब्रांच रिमाइंडर भेज कर आदतन बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करने को कह रही है. बावजूद इसके जिला पुलिस की ओर से पुलिस मुख्यालय के आदेशों को नजरअंदाज किया जा रहा है.

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कार्रवाई में यह रही जिलों की परफॉर्मेंसः 1 सितंबर से शुरू किए गए अभियान के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 11 सितंबर तक पूरे प्रदेश में 1044 आदतन अपराधियों के खिलाफ इस्तगासा पेश किया गया. जिसमें करौली, बारां, अलवर, बूंदी चित्तौड़गढ़, राजसमंद और जीआरपी जोधपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की है. इसी दौरान 486 आदतन अपराधियों को पाबंद किया गया. जिसमें टोंक, भरतपुर, बांसवाड़ा, अजमेर, झुंझुनू, बारां, सवाई माधोपुर, अलवर, बूंदी, चित्तौड़गढ़ राजसमंद और जीआरपी जोधपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की.

अभियान के दौरान एनडीपीएस एक्ट के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ महज 3 कार्रवाई की गई. जोधपुर ग्रामीण जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले में एनडीपीएस एक्ट के तहत आदतन अपराधियों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई. अभियान के दौरान आदतन अपराधियों के खिलाफ नई हिस्ट्रीशीट खोलने के आदेश भी दिए गए थे, जिसके तहत 35 बदमाशों के खिलाफ नई हिस्ट्रीशीटर खोली गई. जोधपुर ग्रामीण, पाली, जयपुर साउथ, झालावाड़, जयपुर ईस्ट और अजमेर जिले को छोड़कर अन्य किसी भी जिले ने कोई भी कार्रवाई नहीं की.

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हथियार तस्करों व मादक पदार्थ तस्करों पर यह रही कार्रवाई
विशेष अभियान के तहत 1 सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक हथियार तस्करों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत 96 प्रकरण दर्ज किए गए. बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, जीआरपी अजमेर, जीआरपी जोधपुर, जयपुर ईस्ट, जयपुर ग्रामीण, जयपुर नॉर्थ, जयपुर साउथ, जैसलमेर, झुंझुनू, राजसमंद, सीकर और उदयपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की. इसी प्रकार से विशेष अभियान के दौरान 1 सितंबर से लेकर 11 सितंबर तक मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में 88 प्रकरण दर्ज किए गए. बांसवाड़ा, भरतपुर, भिवाड़ी, धौलपुर, डूंगरपुर, जीआरपी अजमेर, जीआरपी जोधपुर, जयपुर ग्रामीण, जैसलमेर, झुंझुनू, कोटा शहर, राजसमंद, सीकर सिरोही और उदयपुर जिलों ने शून्य कार्रवाई की.

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