जयपुर. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी संविधान की 10वीं अनुसूची की समीक्षा के लिए गठित 3 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं. यह समिति संविधान की 10वीं अनुसूची के अंतर्गत बनाए गए नियमों के तहत पीठासीन अधिकारियों को पदक शक्तियों पर पुनर्विचार करने हेतु गठित की गई है. इस संबंध में बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निर्देश पर लोकसभा सचिवालय से आदेश जारी कर दिए गए हैं.
इससे पहले राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी को लोकसभा अध्यक्ष की ओर से विधानमंडल सचिवालय की वित्तीय स्वायत्तता दिए जाने के परीक्षण हेतु गठित समिति का सभापति बनाया गया था. डॉ. जोशी ने इस संदर्भ में 6 दिसंबर 2019 को राजस्थान विधानसभा में बुलाई गई पहली बैठक में ही प्रतिवेदन तैयार कर लोकसभा सचिवालय को भिजवा दिया था.
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वहीं, देहरादून में 18 से 21 दिसंबर 2019 तक आयोजित पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में डॉक्टर सीपी जोशी की ओर से दिए गए उद्बोधन और चर्चा को दृष्टिगोचर रखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने 10वीं अनुसूची के अंतर्गत पीठासीन अधिकारियों को शक्तियों की जिम्मेदारी सौंपी है. डॉक्टर सीपी जोशी की अध्यक्षता में बनी इस 3 सदस्यीय समिति में ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सूर्या नारायण और कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कांगड़ी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं.