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दल-बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं, टेन शेड्यूल को रिव्यू करने की जरूरत: सीपी जोशी

राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने देहरादून में देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने दल-बदल कानून में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया.

rajasthan assembly speaker cp joshi, राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी
विधायी निकायों के 79वें सम्मेलन में सीपी जोशी
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Published : Dec 19, 2019, 7:48 AM IST

देहरादून/जयपुर. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी हिस्सा लिया. सम्मेलन में उन्होंने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, कि दल-बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

विधायी निकायों के 79वें सम्मेलन में सीपी जोशी

स्पीकर जोशी के मुताबिक दल-बदल को देखते हुए इस पर अंकुश के मद्देनजर संविधान की 10वीं अनुसूची में अध्यक्ष को शक्ति दी गई. इस बीच देश में अलग-अलग राज्यों में अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिए. बाद में सदस्यों का त्यागपत्र दिलवाकर इसका तोड़ निकाल दिया गया. ऐसे में कोई निर्णय कैसे आएगा. लिहाजा 10वीं अनुसूची के मसले को रिव्यू करने की आवश्यकता है.

पढ़ें- MBBS की प्रवेश परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाला दोषी करार, मिली दो साल की कैद

स्पीकर जोशी ने कहा, कि दल-बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर ना हो, इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है.

देहरादून/जयपुर. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में देश के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के 79वें सम्मेलन में राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी हिस्सा लिया. सम्मेलन में उन्होंने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा, कि दल-बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है.

विधायी निकायों के 79वें सम्मेलन में सीपी जोशी

स्पीकर जोशी के मुताबिक दल-बदल को देखते हुए इस पर अंकुश के मद्देनजर संविधान की 10वीं अनुसूची में अध्यक्ष को शक्ति दी गई. इस बीच देश में अलग-अलग राज्यों में अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिए. बाद में सदस्यों का त्यागपत्र दिलवाकर इसका तोड़ निकाल दिया गया. ऐसे में कोई निर्णय कैसे आएगा. लिहाजा 10वीं अनुसूची के मसले को रिव्यू करने की आवश्यकता है.

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स्पीकर जोशी ने कहा, कि दल-बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर ना हो, इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है. इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है.....
uk_deh_05_defection_law_vis_7205803


विधायी निकाय के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने दलबदलू कानून पर बताया कि संविधान की दसवीं अनुसूची में सुप्रीम कोर्ट को स्पीकर के निर्णय को रिव्यू करने का अधिकार दिया गया है लेकिन दल परिवर्तन के नियम को संशोधन की जरूरत है। 


Body:जोशी ने बताया कि दल बदल कानून की वजह से देश मे दसवीं अनुसूची आयी है। और दसवीं अनुसूची के अंदर स्पीकर को निर्णय लेने की पावर दी गयी है। लेकिन स्पीकर का जो भी निर्णय होगा उसे सुप्रीम कोर्ट रिव्यू करेगी। और ये पावर सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के बाद आयी है। और जिस तरह से अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिया है उस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी अलग अलग तरीके से निर्णय दिया है।


लिहाजा दल-बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है लेकिन टेन शेड्यूल में भी एक कमी है कि पार्टी लाइन के खिलाफ जाने वाले सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी जाती है। ऐसे में टेन शेडूल का रिलीवेंस कुछ नहीं रह जाता है। साथ ही बताया कि सदस्य को पार्टी से ही इस्तीफा दिलाने पर ना ही स्पीकर कोई निर्णय दे पाएगा और ना ही सुप्रीम कोर्ट इस पर कोई निर्णय दे पाएगा। दल-बदल की इस प्रक्रिया से लोकतंत्र प्रक्रिया कमजोर ना हो इसके लिए इस पर नए सिरे से चर्चा करने की आवश्यकता है इसके साथ ही टेन शेड्यूल को नए सिरे से वापिस दोबारा रिव्यू करने की जरूरत है।

बाइट - सीपी जोशी, विधानसभा अध्यक्ष, राजस्थान




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