ETV Bharat / city

कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी, चिकित्सकों ने बच्चों को लेकर चेताया...दिए ये सुझाव - covid19 third wave

आईसीएमआर ने चेतावनी जारी किया था कि कोविड की तीसरी लहर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आ सकती है. इस मामले में जयपुर के जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने कहा कि कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण भी देखने को मिले थे.

covid19 third wave, covid19 third wave alert
कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी,
author img

By

Published : Aug 23, 2021, 1:25 PM IST

जयपुर. हाल ही में आईसीएमआर (ICMR) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आ सकती है. माना जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण की इस तीसरी लहर में छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं और शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बच्चे संक्रमित हुए तो उनमें आने वाले पोस्ट कोविड लक्षण खतरनाक साबित हो सकते हैं.

पढ़ेंः अवसाद में जूझ रहे बच्चों को एहसास कराएं कि वो अकेले नहीं हैं, उनके सोच के साथ सोचना शुरू करें पैरेंट्स: कामिनी शुक्ला

जयपुर के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद शुक्ला का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में काफी बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे ऐसे में कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण भी देखने को मिले थे.

कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी,

डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि तीसरी लहर कब आएगी इसके बारे में कहना काफी मुश्किल है और यदि इस दौरान बच्चे इसकी चपेट में आते हैं तो यह काफी खतरनाक हो सकता है. हाल ही में प्रदेश में कुछ बच्चों में कोविड-19 संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस के मामले भी देखने को मिले हैं.

हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 संक्रमित लोगों में पोस्ट कोविड के लक्षण देखने को मिले थे. जिसमें म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले सबसे अधिक थे. ऐसे में चिकित्सकों ने अंदेशा जाहिर करते हुए कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो बच्चों में कोरोना के बाद के लक्षण काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसे में चिकित्सकों ने अपील करते हुए कहा है कि कोविड-19 संक्रमण को लेकर जो प्रोटोकॉल जारी किए गए हैं उन की पालना की जाए. कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर का अंदेशा जाहिर होने के बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज से जुड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा है.

पढ़ेंः पढ़ें- Exclusive: Corona के Side Effect, दूसरी लहर में बढ़ा Mental Depression...युवा वर्ग अधिक चपेट में

जेके लोन अस्पताल में सोमवार को एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की शुरुआत हो गई है और एक अन्य ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार किया जा रहा है. प्रदेश की स्थिति की बात करें तो चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश के 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जा रहा है जिसमें 4 से 5 बेड आईसीयू, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन आदि शामिल है. इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी रिजर्व रखे गए हैं.

होम केयर मॉडल पर जोर

चिकित्सकों ने सुझाव दिया है कि घर के भीतर बेहतर होम केयर मॉडल एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. अगर कोरोना की तीसरी लहर के दौरान एकदम से मेडिकल जरूरतों की मांग बढ़ती है. दरअसल, कोविड वार्ड में बच्चों के साथ मेडिकल स्टाफ या फिर घरवालों को रुकने की जरूरत पड़ती है. इससे उनके मानसिक स्तर पर असर दिखता है और बच्चों की रिकवरी भी प्रभावित होती है.

बाल संरक्षण आयोग जिला कलेक्टर और स्थानीय लोगों की मदद से प्रत्येक जिले में बाल कोविड केयर सेंटर तैयार कर रहा है, जिसमें बच्चों के कोरोना संबंधित स्वास्थ्य को लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी नहीं हो और मासूम बच्चों को ऑक्सीजन के अभाव में अपना जान नहीं गंवाना पड़े, इसलिए ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था को लेकर सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं.

संगीता बेनीवाल ने बताया कि बच्चों को अस्पताल तक लाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. पीएचसी (PHC) और सीएचसी (CHC) में भी बच्चों के उपचार को लेकर सुविधाएं उपलब्ध रहे, यह भी सुनिश्चित किया गया है.

जयपुर. हाल ही में आईसीएमआर (ICMR) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर अगस्त के अंतिम सप्ताह तक आ सकती है. माना जा रहा है कि कोविड-19 संक्रमण की इस तीसरी लहर में छोटे बच्चे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं और शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि यदि बच्चे संक्रमित हुए तो उनमें आने वाले पोस्ट कोविड लक्षण खतरनाक साबित हो सकते हैं.

पढ़ेंः अवसाद में जूझ रहे बच्चों को एहसास कराएं कि वो अकेले नहीं हैं, उनके सोच के साथ सोचना शुरू करें पैरेंट्स: कामिनी शुक्ला

जयपुर के जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अरविंद शुक्ला का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में काफी बच्चे संक्रमण की चपेट में आए थे ऐसे में कुछ बच्चों में पोस्ट कोविड लक्षण भी देखने को मिले थे.

कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी,

डॉ. अरविंद शुक्ला का कहना है कि तीसरी लहर कब आएगी इसके बारे में कहना काफी मुश्किल है और यदि इस दौरान बच्चे इसकी चपेट में आते हैं तो यह काफी खतरनाक हो सकता है. हाल ही में प्रदेश में कुछ बच्चों में कोविड-19 संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस के मामले भी देखने को मिले हैं.

हाल ही में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 संक्रमित लोगों में पोस्ट कोविड के लक्षण देखने को मिले थे. जिसमें म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस के मामले सबसे अधिक थे. ऐसे में चिकित्सकों ने अंदेशा जाहिर करते हुए कहा है कि यदि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे संक्रमित हुए तो बच्चों में कोरोना के बाद के लक्षण काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं. ऐसे में चिकित्सकों ने अपील करते हुए कहा है कि कोविड-19 संक्रमण को लेकर जो प्रोटोकॉल जारी किए गए हैं उन की पालना की जाए. कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर का अंदेशा जाहिर होने के बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल में इलाज से जुड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप किया जा रहा है.

पढ़ेंः पढ़ें- Exclusive: Corona के Side Effect, दूसरी लहर में बढ़ा Mental Depression...युवा वर्ग अधिक चपेट में

जेके लोन अस्पताल में सोमवार को एक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट की शुरुआत हो गई है और एक अन्य ऑक्सीजन प्लांट भी तैयार किया जा रहा है. प्रदेश की स्थिति की बात करें तो चिकित्सा विभाग की ओर से प्रदेश के 332 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाया जा रहा है जिसमें 4 से 5 बेड आईसीयू, सेंट्रलाइज ऑक्सीजन पाइप लाइन आदि शामिल है. इसके अलावा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी रिजर्व रखे गए हैं.

होम केयर मॉडल पर जोर

चिकित्सकों ने सुझाव दिया है कि घर के भीतर बेहतर होम केयर मॉडल एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. अगर कोरोना की तीसरी लहर के दौरान एकदम से मेडिकल जरूरतों की मांग बढ़ती है. दरअसल, कोविड वार्ड में बच्चों के साथ मेडिकल स्टाफ या फिर घरवालों को रुकने की जरूरत पड़ती है. इससे उनके मानसिक स्तर पर असर दिखता है और बच्चों की रिकवरी भी प्रभावित होती है.

बाल संरक्षण आयोग जिला कलेक्टर और स्थानीय लोगों की मदद से प्रत्येक जिले में बाल कोविड केयर सेंटर तैयार कर रहा है, जिसमें बच्चों के कोरोना संबंधित स्वास्थ्य को लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर की तरह तीसरी लहर में ऑक्सीजन की समस्या खड़ी नहीं हो और मासूम बच्चों को ऑक्सीजन के अभाव में अपना जान नहीं गंवाना पड़े, इसलिए ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था को लेकर सभी जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं.

संगीता बेनीवाल ने बताया कि बच्चों को अस्पताल तक लाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैं. पीएचसी (PHC) और सीएचसी (CHC) में भी बच्चों के उपचार को लेकर सुविधाएं उपलब्ध रहे, यह भी सुनिश्चित किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.