जयपुर. बीते 50 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दे रहे कोविड स्वास्थ्य सहायकों (Covid health assistants protesting against police) के साथ शनिवार को पुलिस की धक्का-मुक्की हुई. जिस पर स्वास्थ्य सहायकों ने नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया. सरकार के ऐसे बर्ताव को देखते हुए संघर्ष समिति की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई. पिंक सिटी प्रेस क्लब में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर स्वास्थ्य सहायकों ने कहा कि सरकार मांगे मानने को तैयार नहीं, अब हम सड़क पर उतरेंगे और सरकार के मंत्री विधायकों को घेरेंगे. 50 दिन से भीषण गर्मी में कोविड स्वास्थ्य सहायक धरने पर बैठे हैं कोई हमारी सुध लेने वाला नहीं है. अगले वर्ष विधानसभा चुनाव है. सरकार को चुनाव में इसका हर्जाना भुगतना पड़ेगा और जल्द ही हमारे आंदोलन से बड़े किसान नेता हमारे समर्थन में उतरेंगे.
बता दें राज्य सरकार ने कोविड-19 के दौरान अस्थाई रूप से कोविड स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती की थी. जिसका नियमों के तहत इनको भुगतान भी सरकार की ओर से किया जा रहा था. धीरे-धीरे जैसे ही कोविड का प्रकोप कम हुआ, तो सरकार ने 31 मार्च के बाद इनको कार्यमुक्त कर दिया. जिसके विरोध में बीते 50 दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरना दिए बैठे हैं. स्वास्थ्य सहायकों का कहना है कि सरकार हमें संविदा कैडर 2022 में शामिल करें. हमने कोरोना महामारी के दौरान जान की परवाह न करते हुए काम किया. हमारे बहुत से साथियों की कोरोना के मृत्यु भी हुई.
संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान हमें कोरोना योद्धा नाम दिया गया और आज सरकार इन स्वास्थ्य सहायकों को धरना स्थल पर पुलिस धक्के मार रही है. वहीं अपने मंत्री विधायकों को आईफोन बांट रही है. ऐसा व्यवहार सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा. आने वाले दिनों में आंदोलन और उग्र होगा. साथ ही मंत्री विधायकों के आवास का घेराव भी किया जाएगा.