जयपुर. शहर में सीकेएस और जयपुरिया हॉस्पिटल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए शुक्रवार को ड्राई रन रखा गया और इस बारे में ट्रेनिंग दी गई. इस ट्रेनिंग में सभी डॉक्टर और कर्मचारियों को कोविड-19 वैक्सीनेशन के टीके लगाने के बारे में प्रशिक्षित किया गया और यह वैक्सीन किस तरह से लगानी है, इसके बारे में कर्मचारियों को बताया गया.
वैक्सीनेशन का द्वितीय ड्राई रन (मॉक ड्रिल) के तहत जिलों के कुल 102 वैक्सीन सेंटर्स स्थापित कर कुल 2 हजार 550 स्वास्थ्यकार्मिकों कोविड-19 वैक्सीन का मॉक ड्रिल हुआ. इस दौरान कोविड-19 वैक्सीनेशन के पश्चात लाभार्थियों को हो सकने वाले संभावित सामान्य प्रतिकूल प्रभावों और आवश्यक कोविड प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी दी गई.
इस दौरान चिकित्सा सचिव सिद्धार्थ महाजन और जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा कुछ सेंटर्स पर जाकर ड्राई रन से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया. ड्राई रन के लिए प्रत्येक जिले में वैक्सीन सेंटर की तीन श्रेणियां बनाकर टीकाकरण का मॉक ड्रिल किया गया है. प्रथम श्रेणी में मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय, द्वितीय श्रेणी में सीएचसी, पीएचसी और अरबन डिस्पेंसरी और तृतीय श्रेणी में निजी चिकित्सा संस्थानों पर कुल 102 वैक्सीन सेंटर बनाए गए. इन प्रत्येक वैक्सीन सेंटर पर कुल 25 वैक्सीनेशन का लक्ष्य निर्धारित किया गया.
पढ़ेंः राजस्थान के भाजपा नेताओं ने जेपी नड्डा से की मुलाकात
यूं हुई ड्राई रन की प्रैक्टिस
ड्राई रन में सबसे पहले लाभार्थी के लिए टीकाकरण कक्ष और निगरानी कक्ष का मॉडल तैयार कर कोविड वैक्सीन लगाने का रिहर्सल किया गया. इस दौरान लाभार्थी के पहचान दस्तावेजों का वैक्सीनेशन आफिसर द्वारा सत्यापन कर प्रवेश दिया गया. मोबाइल में कोविन साफ्टवेयर पर लाभार्थी को प्रमाणित कर वैक्सीनेशन के लिए टीकाकरण कक्ष में भेजा गया, जहां वैक्सीनेटर ऑफिसर द्वारा टीकाकरण की प्रक्रिया (डेमो) को पूर्ण किया गया और कोविन सॉफ्टवेयर में लाभार्थी के टीके लगाए जाने की एन्ट्री की गई.