जयपुर. महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-8 ने गोविंद देव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी और उनके पुत्र मानस गोस्वामी के खिलाफ प्रसंज्ञान लेकर 19 अक्टूबर को समन से तलब किया (Court summons Govind dev mandir mahant and his son) है. अदालत ने अंजन कुमार के खिलाफ धमकी देने और मानस के खिलाफ मारपीट व रास्ता रोकने को लेकर प्रसंज्ञान लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में माणक चौक थाना पुलिस की ओर से पेश एफआर को भी अस्वीकार कर दिया है. अदालत ने यह आदेश परिवादी और आरोपी अंजन कुमार के भाई ओथेश कुमार की प्रोटेस्ट पिटीशन पर सुनवाई करते हुए दिए.
मामले के अनुसार परिवादी ओथेश कुमार गोस्वामी ने परिवाद के जरिए माणक चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि 17 दिसंबर, 2019 को परिवादी रोजाना की तरह गोविंद देवजी मंदिर के दर्शन और पूजा करने गया था. परिवादी वापस लौटा तो पता चला कि उसके स्कूटर को मंदिर के कर्मचारियों ने परिसर से बाहर खड़ा कर दिया है. परिवादी ने जब इसकी आपत्ति की तो वहां मौजूद मानस गोस्वामी और अंजन कुमार गोस्वामी ने परिवादी के साथ लडाई-झगड़ा और गाली-गलौच की. इसके साथ ही परिवादी को धमकी दी कि वह मंदिर में घुसने का प्रयास करेगा, तो उसको परिवार सहित मरवा देंगे.
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रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 24 दिसंबर, 2020 को झूठा मामला दर्ज करना बताकर अदालत में एफआर पेश कर दी. इसके खिलाफ परिवादी की ओर से प्रोटेस्ट पिटीशन दायर कर एफआर को चुनौती दी गई. प्रोटेस्ट पिटिशन में कहा गया कि पुलिस ने केवल आरोपी पक्ष के हितकर साक्ष्य लिए हैं. परिवादी ने जो गवाह बताए, उनके बयान नहीं लिए गए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने अंजन कुमार गोस्वामी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 506 और मानस गोस्वामी के खिलाफ आईपीसी की धारा 323 और धारा 341 के तहत प्रसंज्ञान लिया है.