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पति ने पेरिस से भेजी पावर ऑफ अटॉर्नी, कोर्ट ने तलाक की डिक्री की जारी - jaipur news

दौसा के फैमिली कोर्ट में एक विवाह विच्छेद में पति ने अपने पिता के पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी भेजी. जिस पर अदालत ने पति और पत्नी को तलाक की डिक्री जारी कर दी है. साथ ही अदालत ने कहा है कि युवक तलाकशुदा पत्नी को 1 लाख रूपए अदा करे.

फैमिली कोर्ट दौसा, jaipur news
पति ने पेरिस से भेजी पावर ऑफ अटॉर्नी
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Published : Feb 21, 2020, 8:16 PM IST

जयपुर. फैमिली कोर्ट दौसा में चल रहे विवाह विच्छेद की याचिका में पति की ओर से पेरिस से अपने पिता के पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी भेजी गई. जिसके आधार पर ससुर की ओर से पेश जवाब को मानते हुए अदालत ने तलाक की डिक्री जारी कर दी. इसके साथ ही अदालत ने युवक को आदेश दिए हैं कि वह एक साथ एक लाख रुपए तलाकशुदा पत्नी को अदा करे. अदालत ने ये आदेश वर्षारानी की ओर से पेश याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि उसका विवाह 28 फरवरी 2017 को पेरिस में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर जितेन्द्र शर्मा से हुआ था. विवाह के बाद जितेन्द्र अकेला ही पेरिस चला गया और याचिकाकर्ता को पेरिस ले जाने से मना कर दिया. पति की ओर से अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने पेरिस से भेजी पावर ऑफ अटॉर्नी अदालत में पेश की. जिसे दूतावास के अधिकारी से सत्यापित भी कराया गया.

पढ़ें- आवासीय संपत्तियों के बाद Housing board अब व्यवसायिक संपत्तियों को भी 25 प्रतिशत तक की छूट पर बेचेगा

इस दौरान अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पति के स्वयं लेने आने पर जाने की जिद से कारण पेरिस नहीं जा सकी. यदि याचिकाकर्ता पेरिस से यहां आएगा तो उसे वहां ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में काम नहीं दिया जाएगा. इस पर अदालत ने पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर युवक के पिता की ओर से पेश जवाब को मानते हुए दोनों की तलाक की डिग्री जारी कर दी हैं.

जयपुर. फैमिली कोर्ट दौसा में चल रहे विवाह विच्छेद की याचिका में पति की ओर से पेरिस से अपने पिता के पक्ष में पावर ऑफ अटॉर्नी भेजी गई. जिसके आधार पर ससुर की ओर से पेश जवाब को मानते हुए अदालत ने तलाक की डिक्री जारी कर दी. इसके साथ ही अदालत ने युवक को आदेश दिए हैं कि वह एक साथ एक लाख रुपए तलाकशुदा पत्नी को अदा करे. अदालत ने ये आदेश वर्षारानी की ओर से पेश याचिका पर दिए.

याचिका में कहा गया कि उसका विवाह 28 फरवरी 2017 को पेरिस में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर जितेन्द्र शर्मा से हुआ था. विवाह के बाद जितेन्द्र अकेला ही पेरिस चला गया और याचिकाकर्ता को पेरिस ले जाने से मना कर दिया. पति की ओर से अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने पेरिस से भेजी पावर ऑफ अटॉर्नी अदालत में पेश की. जिसे दूतावास के अधिकारी से सत्यापित भी कराया गया.

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इस दौरान अधिवक्ता दिवेश शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पति के स्वयं लेने आने पर जाने की जिद से कारण पेरिस नहीं जा सकी. यदि याचिकाकर्ता पेरिस से यहां आएगा तो उसे वहां ब्लैकलिस्ट कर भविष्य में काम नहीं दिया जाएगा. इस पर अदालत ने पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर युवक के पिता की ओर से पेश जवाब को मानते हुए दोनों की तलाक की डिग्री जारी कर दी हैं.

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