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Valmiki union election case in jaipur:कोर्ट ने की 15 दिसंबर सुनवाई तय, यथा स्थिति के आदेश दिए - Court fixed December 15 for hearing the Valmiki union election case

अतिरिक्त सिविल न्यायालय क्रम-4 ने वाल्मीकि संघ (Valmiki union election case in jaipur) मामले की सुनवाई के लिए 15 दिसंबर की तारीख तय की है. इसके साथ ही कोर्ट ने मामले में यथा स्थिति के आदेश भी दिए है.

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कोर्ट हैमर
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Published : Dec 8, 2021, 7:58 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त सिविल न्यायालय क्रम-4 ने नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के सफाई कर्मियों के संघ का एक ही संयुक्त चुनाव कराने के संबंध में गत 26 नवंबर को जारी आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में यथा स्थिति के आदेश देते हुए वाल्मीकि संघ मामले (Valmiki union election case in jaipur) की सुनवाई 15 दिसंबर की तारीख तय की है. अदालत ने यह आदेश राकेश कुमार मीणा के दावे में दायर टीआई प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

दावे में कहा गया कि जयपुर नगर निगम को प्रशासनिक दृष्टि से अलग-अलग करते हुए ग्रेटर और हेरिटेज निगम बनाया गया था. इसके लिए शासकीय आदेश जारी कर कर्मचारियों और संसाधनों सहित अन्य को दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा जा चुका है.

पढ़ें- Jaipur POCSO Court : कक्षा 5 की छात्रा से गंदी हरकत करने वाले शिक्षक को सजा

वहीं दोनों निगमों के महापौर व अन्य पदाधिकारी भी अलग-अलग ही हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने गत 26 नवंबर को आदेश जारी कर दोनों निगमों के लिए वाल्मीकि संघ का एक संयुक्त चुनाव कराने की घोषणा कर दी. दावे में कहा गया कि जब दोनों निगमों का अस्तित्व ही अलग-अलग है तो दोनों का एक संयुक्त वाल्मीकि संघ कैसे हो सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश देते हुए विवादित आदेश की क्रियान्विति को स्थगित कर दिया है.

जयपुर. अतिरिक्त सिविल न्यायालय क्रम-4 ने नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के सफाई कर्मियों के संघ का एक ही संयुक्त चुनाव कराने के संबंध में गत 26 नवंबर को जारी आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में यथा स्थिति के आदेश देते हुए वाल्मीकि संघ मामले (Valmiki union election case in jaipur) की सुनवाई 15 दिसंबर की तारीख तय की है. अदालत ने यह आदेश राकेश कुमार मीणा के दावे में दायर टीआई प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

दावे में कहा गया कि जयपुर नगर निगम को प्रशासनिक दृष्टि से अलग-अलग करते हुए ग्रेटर और हेरिटेज निगम बनाया गया था. इसके लिए शासकीय आदेश जारी कर कर्मचारियों और संसाधनों सहित अन्य को दो अलग-अलग हिस्सों में बांटा जा चुका है.

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वहीं दोनों निगमों के महापौर व अन्य पदाधिकारी भी अलग-अलग ही हैं. इसके बावजूद राज्य सरकार ने गत 26 नवंबर को आदेश जारी कर दोनों निगमों के लिए वाल्मीकि संघ का एक संयुक्त चुनाव कराने की घोषणा कर दी. दावे में कहा गया कि जब दोनों निगमों का अस्तित्व ही अलग-अलग है तो दोनों का एक संयुक्त वाल्मीकि संघ कैसे हो सकता है. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यथा स्थिति बनाए रखने के आदेश देते हुए विवादित आदेश की क्रियान्विति को स्थगित कर दिया है.

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