जयपुर. अतिरिक्त जिला न्यायालय क्रम-17 ने बाबरी मस्जिद का विवादित ढ़ांचा ढ़हाने के बाद शहर में हुए दंगों के मामले में मोहम्मद अनवर सहित कुल 12 लोगों को बरी कर दिया है. जबकि दो अन्य आरोपियों की पूर्व में मौत हो चुकी है.
मामले के अनुसार 7 दिंसबर 1992 को तत्कालीन डीएसपी वीके गौड़ ने रामगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट के मुताबिक चौकड़ी गंगापोल में सैकडों लोगों ने एकत्रित हो कर पथराव किया. इसके अलावा लोगों ने तेजाब भी फेंका. वहीं भीड़ ने एक मंदिर को भी तोड़ने का प्रयास किया. पुलिस की ओर से चली गोाली से दो लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए 12 से अधिक लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया था.
वहीं एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने प्रेमिका की हत्या करने वाले अभियुक्त प्रेमी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.
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बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि एमबीए छात्रा नेहा और अभियुक्त की कई सालों से दोस्ती थी. एक दिन अभियुक्त ने नेहा को किसी अन्य युवक के साथ देख लिया. इसके चलते अभियुक्त ने 7 नवंबर 2016 को नेहा को अपने जन्मदिन का बहाना बनाकर अपनी हॉस्टल में बुलाया. यहां अभियुक्त ने चाकू से नेहा की हत्या कर दी. इसके बाद उसने शव को बैग में भरकर ताला लगा दिया.
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जिसके बाद अभियुक्त बैग को गांधीनगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रखकर चला गया. वहीं पुलिस ने शव को बरामद किया. जिसके बाद पुलिस ने एक फरवरी 2017 को अभियुक्त को कोलकात्ता जेल से गिरफ्तार किया.