जयपुर. तीन दिन चली विधानसभा में रीट पेपर लीक (REET Paper Leak Case 2021) मामले को लेकर विपक्ष का आक्रामक रुख रहा है. तीनों दिन सदन में (Controversy over paper leak) हंगामा बरपा रहा. यह बवाल अभी थमता दिखाई नहीं दे रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री 15 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण का रिप्लाई देंगे , वहीं दूसरी और इसी दिन बीजेपी के अलग अलग संगठन विधानसभा का घेराव की रणनीति बना रहे हैं. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस सरकार में ही पेपर लीक को लेकर सवाल उठे हों . पूर्ववर्ती सरकार में इसी तरह के आरोप लगते रहे हैं . पढ़िये इस रिपोर्ट में किस सरकार में कौन कौन सी भर्ती परीक्षा को लेकर कितना रहा विवाद.
क्या है प्रदेश में पेपर लीक का इतिहास ? क्या कांग्रेस सरकार में ही पेपर लीक हुआ ? क्या इसी सरकार के समय हुए पेपर लीक की सीबीआई जांच होनी चाहिए ? इस तरह के कुछ सवाल हैं जो इन दिनों प्रदेश के आमजन के जेहन में उमड़ रहे हैं. चलिए आज आज हम आप को बताते हैं कि पेपर लीक का यह कोई नया मामला नहीं है. 2014 से लेकर 2021 तक के आंकड़े देखें तो कमोबेस हर भर्ती परीक्षा सवालों में घिरती रही है.
पूर्ववर्ती सरकार में 7 बार पेपर आउट हुएः सदन में हंगामे के बीच पिछली वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में हुई परीक्षाओं को लेकर आंकड़े सामने आए. इन आंकड़ों के मुताबिक 2014 से लेकर 2018 तक 7 बार पेपर आउट हुए. इतना ही नहीं आधा दर्जन से ज्यादा भर्तियां विवादों में ही नहीं रही, ये विवाद कोर्ट तक भी पहुंचे. पूर्ववर्ती सरकार के वक्त आठ मामले पेपर आउट होने के दर्ज कराए गए. उन में कुल 85 लोगों की गिरफ्तारी हुई है . 4 मामलों में चालान पेश हुआ , एक मामले में चालान पेश होना शेष है.
जबकि तीन मामलों में तो अभी तक अनुसंधान चल रहा है . 2014 में आईएएस , 2013 में एलडीसी , 2017 में पीजी परीक्षा , 2018 में जेल प्रहरी और दो बार रीट के पेपर आउट हुए हुए . इसके अलावा 2013 में हुई एएनएम भर्ती और जीएनएम नर्सिंग भर्ती नियुक्ति नहीं होने के चलते विवादों में रही. 2016 में हुई एसआई भर्ती फिजिकल को लेकर अटकी रही. वन रेंजर भर्ती 2018 आवेदन प्रक्रिया को लेकर उलझी, PTI शिक्षक भर्ती 2018 की नियुक्ति प्रक्रिया बाकी है, पशुधन सहायक भर्ती 2018 की अंतिम समय में गड़बड़ी के आरोप लगे. एलडीसी भर्ती 2018 , महिला सुपरवाइजर ,कृषि पर्यवेक्षक प्रयोगशाला सहायक , महिला सुपरवाइजर आंगनवाड़ी और एनटीटी का फाइनल परिणाम देरी को लेकर विवाद रहा. पुस्तकालय अध्यक्ष भर्ती 2018 , शिक्षक भर्ती 2018 का विवाद कोर्ट तक पहुंचा.
वर्तमान गहलोत सरकार में यह परीक्षा रही विवादों मेंः ऐसा नहीं है कि प्रदेश की गहलोत सरकार में रीट परीक्षा के आलावा किसी और भर्ती परीक्षा पर सवाल नहीं उठे हों. आरएएस मुख्य परीक्षा पर सवाल उठे, जिसमें तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री के परिवार को लाभ देने के भी आरोप लगे. इसी तरह से आरपीएससी फर्स्ट ग्रेड टीचर एग्जाम की तारीख को लेकर विवाद हुआ. संस्कृत शिक्षा विभाग में वरिष्ठ अध्यापकों के पदों पर भर्ती , JEN भर्ती और 2021 में हुई लाइब्रेरियन पेपर आउट के आरोप लगे. जिसमे बेरोजगारों को आंदोलन करना पड़ा.
PRO भर्ती 2018 - 2019 भर्ती में परिणाम देरी से होने पर भी सवाल उठे . रीट पेपर लीक के ताजा मामले को लेकर सदन से सड़क तक घमासान जारी है . विवाद के बीच रीट लेवल 2 परीक्षा रद्द कर दी गई , मामले की जांच एसओजी कर रही है , जिसमे अब तक 38 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है . इसके साथ राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तत्कालीन चेयरमैन को बर्खास्त किया गया , इसके साथ करीब 47 कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है .
बीजेपी के अलग अलग संगठन करेंगे विधानसभा का घेरावः 15 फरवरी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल के अभिभाषण का रिप्लाई देंगे . इसी दिन बीजेपी के अलग अलग संगठन रीट परीक्षा को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे . बीजेपी युवा मोर्चा और अल्पसंख्यक आयोग ने सदन के बाहर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है .
मुख्यमंत्री ने गिनाये अन्य राज्यों के आंकड़ेः रीट पेपर लीक मामले पर विपक्ष सीबीआई जांच की मांग पर अड़ा हुआ है . इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीजेपी से गुजरात सहित कई राज्यों में आउट हुए पेपर की जांच सीबीआई से नही करने पर सवाल किया है . गहलोत ने कहा कि भाजपा बताए कि इन सब भर्तियों की जांच CBI को क्यों नहीं दी? गुजरात में एक पेपर चार बार स्थगित हुआ.
सीएम गहलोत ने कहा कि गुजरात में 13 फरवरी को प्रस्तावित नॉन सेक्रेटेरिएट क्लर्क की परीक्षा को स्थगित किया गया है . इस परीक्षा को चार सालों में तीन बार स्थगित किया गया है . हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल पेपर, मध्य प्रदेश में SDO, RAEO और नर्स भर्ती परीक्षा, यूपी में दरोगा भर्ती, UPPCL भर्ती, यूपी लोअर सबोर्डिनेट परीक्षा, ग्राम विकास अधिकारी, यूपी पीएटी, यूपी टीईटी परीक्षा, केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित यूजीसी नेट 2021, नीट परीक्षा, SSC-CGL भर्ती, थल सेना में जनरल ड्यूटी भर्ती आदि की परीक्षाओं के पेपर लीक हुए और तमाम परीक्षाएं रद्द करनी पड़ी . केन्द्र और राज्यों की सरकारों के सामने यह चिंता का विषय होना चाहिए . राज्यों में हुए पेपर लीक की जांच वहां की एजेंसियों ने ही की , भाजपा बताए कि इन सब भर्तियों की जांच CBI को क्यों नहीं दी?.