ETV Bharat / city

जयपुर: कोरोना के दौरान हटाए संविदाकर्मी को मिली राहत

राजस्थान हाईकोर्ट ने फायर शाखा में तैनात संविदाकर्मी को राहत दी है, कोर्ट ने फायर शाखा में तैनात संविदा पर कार्यरत वाहन चालकों को पद से हटाने पर रोक लगा दी है.

jaipur news, rajasthan news, राजस्थान न्यूज, जयपुर न्यूज
कोरोना के दौरान हटाए संविदाकर्मी को मिली राहत
author img

By

Published : Jul 2, 2020, 6:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा नगर परिषद की फायर शाखा में तैनात संविदाकर्मी वाहन चालकों को पद से हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वायत्त शासन निदेशक और नगर परिषद के आयुक्त से जवाब-तलब किया है. वहीं न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश सीताराम गुर्जर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

वहीं याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि, याचिकाकर्ता को वर्ष 2002 में संविदा पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उसे प्लेसमेंट एजेंसी के अधीन कर दिया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

पढ़ें: पब्लिसिटी के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए लोढ़ा, गलत निकला तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें : कटारिया

वहीं हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अपना अभ्यावेदन विभाग में पेश करने को कहा था. इसी बीच उसकी ड्यूटी कोरोना के चलते सैनिटाइजेशन में लगा दी गई.

कोट के याचिका में कहा गया कि नगर परिषद आयुक्त ने गत 29 मई को बिना कारण बताए और याचिकाकर्ता को सुने बिना ही उसे सेवा से पृथक कर दिया, जबकि उसने महामारी में अपनी जान पर खेलकर सैनिटाइजेशन का काम किया है. ऐसे में उसे सेवा से हटाना गलत है.

यह भी पढ़ें: Corona Update: प्रदेश में 115 नए पॉजिटिव केस, 5 मौत...संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 18,427 पर

जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा नगर परिषद की फायर शाखा में तैनात संविदाकर्मी वाहन चालकों को पद से हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वायत्त शासन निदेशक और नगर परिषद के आयुक्त से जवाब-तलब किया है. वहीं न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश सीताराम गुर्जर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

वहीं याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि, याचिकाकर्ता को वर्ष 2002 में संविदा पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उसे प्लेसमेंट एजेंसी के अधीन कर दिया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.

पढ़ें: पब्लिसिटी के लिए विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए लोढ़ा, गलत निकला तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें : कटारिया

वहीं हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अपना अभ्यावेदन विभाग में पेश करने को कहा था. इसी बीच उसकी ड्यूटी कोरोना के चलते सैनिटाइजेशन में लगा दी गई.

कोट के याचिका में कहा गया कि नगर परिषद आयुक्त ने गत 29 मई को बिना कारण बताए और याचिकाकर्ता को सुने बिना ही उसे सेवा से पृथक कर दिया, जबकि उसने महामारी में अपनी जान पर खेलकर सैनिटाइजेशन का काम किया है. ऐसे में उसे सेवा से हटाना गलत है.

यह भी पढ़ें: Corona Update: प्रदेश में 115 नए पॉजिटिव केस, 5 मौत...संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 18,427 पर

जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.