जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दौसा नगर परिषद की फायर शाखा में तैनात संविदाकर्मी वाहन चालकों को पद से हटाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने स्वायत्त शासन निदेशक और नगर परिषद के आयुक्त से जवाब-तलब किया है. वहीं न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने यह आदेश सीताराम गुर्जर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.
वहीं याचिका में अधिवक्ता सुनील सिंगोदिया ने अदालत को बताया कि, याचिकाकर्ता को वर्ष 2002 में संविदा पर नियुक्त किया गया था, लेकिन बाद में उसे प्लेसमेंट एजेंसी के अधीन कर दिया गया. इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
वहीं हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता को अपना अभ्यावेदन विभाग में पेश करने को कहा था. इसी बीच उसकी ड्यूटी कोरोना के चलते सैनिटाइजेशन में लगा दी गई.
कोट के याचिका में कहा गया कि नगर परिषद आयुक्त ने गत 29 मई को बिना कारण बताए और याचिकाकर्ता को सुने बिना ही उसे सेवा से पृथक कर दिया, जबकि उसने महामारी में अपनी जान पर खेलकर सैनिटाइजेशन का काम किया है. ऐसे में उसे सेवा से हटाना गलत है.
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जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को सेवा से हटाने के आदेश पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.