जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालत के आदेश के बावजूद सेवानिवृत्त ग्राम विकास अधिकारी को चयनित वेतनमान और सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं देने पर प्रमुख पंचायती राज सचिव और करौली जिला परिषद के सीईओ सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश सतीश कुमार शर्मा ने यह आदेश ओम प्रकाश शर्मा की अवमानना याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि हाईकोर्ट ने अगस्त 2019 में याचिकाकर्ता की सेवा गणना करते हुए उसे 1 महीने में चयनित वेतनमान और सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का निर्देश दिया था. इस दौरान याचिकाकर्ता सेवा से रिटायर्ड भी हो गया, लेकिन आदेश का पालन नहीं हुआ.
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याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता को परिलाभ देने के संबंध में अफसरों ने 1 साल पत्र व्यवहार में ही निकाल दिया, लेकिन आदेश की पालना नहीं की गई. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
हाईकोर्ट खंडपीठ के आदेश पर अभिभावकों में खुशी की लहर
राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ की ओर से फीस देने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने के बाद अभिभावकों में खुशी की लहर है. हाईकोर्ट खंड पीठ की ओर से एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने के बाद अभिभावकों को एक राहत मिली है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गुरुवार को एकल पीठ के 70 फीसदी ट्यूशन फीस के आदेश पर 9 अक्टूबर तक रोक लगा दी. इससे हजारों अभिभावकों को राहत मिली है.