जयपुर. 13 मई, 2008 की शाम को जयपुर में हुए एक के बाद एक सीरियल 8 बम ब्लास्ट में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. 180 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के जख्म आज तक नहीं भरे हैं. वहीं एक बार फिर से आतंकियों ने जयपुर को दहलाने की साजिश रच डाली. हालांकि इस बार आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके. एनआईए ने अलसुफा आतंकी संगठन के 11 आतंकियों को जयपुर पहुंचने से पहले ही भारी मात्रा में विस्फोटक के साथ दबोच लिया (Al Soofa terrorists arrested with explosive) गया. एनआईए ने आतंकियों के खिलाफ हाल ही में जयपुर स्थित एनआईए कोर्ट में चालान पेश किया है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
ऐसे दबोचे गए अलसुफा संगठन के आतंकी: 30 मार्च को निंबाहेड़ा पुलिस ने मध्यप्रदेश मार्ग पर नाकाबंदी की थी. इसमें मध्यप्रदेश नम्बर की एक कार को मादक पदार्थ तस्करी की आशंका में रुकवाया, जिसमें 3 लोग सवार थे. कार में सवार लोगों से सवाल किया गया तो संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. कार की तलाशी ली गई, तो उसमें दो अलग-अलग थैलियों में कुल 12 किलो विस्फोटक, 3 आरपेट घड़ी मय 3 ड्यूरासेल बैट्री, 3 कनेक्टर मय एक प्लास्टिक की शीशी में छोटे बल्ब व वायर बरामद हुए. आरोपी कार से चित्तौड़गढ़ की ओर आ रहे थे. जिसपर कार्रवाई करते हुए गाड़ी में सवार अलसुफा आतंकी संगठन के तीन आतंकी जुबेर, अल्तमश और सैफुल्लाह को गिरफ्तार किया गया.
राजस्थान एटीएस के आला अधिकारी और टीम निंबाहेड़ा पहुंचे. तीनों आतंकियों से हुई पूछताछ में उन्होंने विस्फोटक पदार्थ जयपुर ले जाने और जयपुर से 10 किलोमीटर पहले जमीन में गाड़ने की बात स्वीकार की. जिस पर एमपी एटीएस के सहयोग से कार्रवाई करते हुए राजस्थान एटीएस ने अलसूफा आतंकी संगठन के मुख्य सरगना इमरान को एमपी से गिरफ्तार (Al Soofa chief arrested in MP) किया. जिसके फार्म हाउस से भी तीन बोरों में भरी हुई संदिग्ध सामग्री बरामद की गई. वहीं, इस आतंकी संगठन से जुड़े हुए कुछ अन्य लोगों को मध्य प्रदेश एटीएस ने भी गिरफ्तार किया. शुरुआत में इस पूरे प्रकरण की जांच राजस्थान एटीएस ने की. लेकिन मामला आतंकी साजिश व राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के चलते अप्रैल माह में जांच एनआईए ने अपने हाथों में ले ली. एनआईए ने कार्रवाई करते हुए इस पूरे मामले में कुल 11 आतंकियों को गिरफ्तार किया.
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टीम-ए के ये आतंकी गिरफ्तार, टीम-बी को लेकर जांच जारी: इस पूरे प्रकरण में राजस्थान एटीएस और एनआईए ने जिन आतंकियों को गिरफ्तार किया, वह सभी जयपुर को दहलाने की साजिश में शामिल टीम-ए का हिस्सा हैं. टीम-ए में शामिल आतंकियों को मध्य प्रदेश के रास्ते राजस्थान में विस्फोटक सामग्री के साथ प्रवेश कर जयपुर से 10 किलोमीटर पहले जमीन में विस्फोटक सामग्री गाड़ने का टास्क दिया गया था. इसके आगे विस्फोटक सामग्री को जमीन में से निकाल कर उसे असेंबल कर बम बनाने और जयपुर में धमाके करने का काम टीम-बी के जिम्मे (Terrorists formed teams for terror attack) था. हालांकि टीम-बी में कितने आतंकी शामिल थे और जयपुर को दहलाने की उनकी क्या प्लानिंग थी, इस पर अभी जांच चल रही है.
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एनआईए ने टीम-ए के आतंकी इमरान खान, आकिफ अतीक, अमीन खान, मोहम्मद अमीन पटेल, सैफुल्लाह खान, अल्तमश खान, जुबेर खान, मजहर खान, फिरोज खान, मोहम्मद यूनुस साकी और इमरान को गिरफ्तार किया. इनसे हुई पूछताछ के आधार पर एनआईए ने 11 आतंकियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की. एनआईए की जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्त में आए तमाम आतंकियों ने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए और आतंक फैलाने के लिए हथियार, गोला, बारूद व विस्फोटक सामग्री तैयार की. पकड़े गए सभी आतंकी आईएसआईएस की विचारधारा और गतिविधियों से प्रेरित हैं. मुख्य साजिशकर्ता इमरान खान ने अपने खेत में सहयोगी आतंकियों को आईईडी बनाने और उसे असेंबल करने का प्रशिक्षण दिया. इमरान खान के निर्देश पर सहयोगी आतंकी स्थानीय बाजार से केमिकल और अन्य सामग्री खरीद कर लाए. जिनका प्रयोग कर विस्फोटक व आईईडी तैयार किए गए.
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14 साल बाद लिया एमपी का रूट: 13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट को अंजाम देने वाले आधा दर्जन से अधिक आतंकी दिल्ली से बस में सवार होकर जयपुर आए थे. आतंकियों ने साइकिल खरीदी और इन पर टिफिन बम टांग अलग-अलग इलाकों में बम धमाकों को अंजाम दिया. उस वक्त आतंकियों की एक ही टीम ने पूरी प्लानिंग के तहत सीरियल ब्लास्ट किए. वहीं इस पूरे घटनाक्रम के 14 साल बाद वर्ष 2022 में जयपुर को दहलाने के लिए आतंकियों ने एमपी का रूट तय किया और एमपी के रतलाम से विस्फोटक सामग्री लेकर चित्तौड़गढ़ के रास्ते राजस्थान में प्रवेश किया. वहीं इस बार आतंकियों ने दो अलग-अलग टीमें बनाकर इस पूरी साजिश को अंजाम देने का षड्यंत्र रचा. 14 साल पहले आतंकियों ने जो विस्फोटक पदार्थ इस्तेमाल किया था, उससे कहीं ज्यादा घातक और खतरनाक केमिकल व अन्य विस्फोटक पदार्थ का इस्तेमाल अलसुफा के आतंकी जयपुर को दहलाने के लिए करने वाले थे. विभिन्न पहलुओं को लेकर एनआईए की जांच अभी भी जारी है.
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राजस्थान पुलिस अलर्ट पर: जैसे ही अलसुफा आतंकी संगठन के जयपुर को दहलाने की साजिश रचने का खुलासा हुआ, राजस्थान पुलिस अलर्ट मोड पर (Rajasthan Police on alert mode) है. एडीजी इंटेलीजेंस एस सेंगाथिर का कहना है कि प्रदेश में ऐसे तमाम लोग जो विभिन्न तरह के संदिग्ध संगठनों से जुड़े हुए हैं और जिनकी हरकतें संदिग्ध है, उन पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. ऐसे लोग जिन पर आतंकी संगठनों से जुड़े होने या साजिश में शामिल होने के आरोप लगते हैं, उनकी तस्दीक की जाती है और आरोप सही पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है. ऐसे तमाम संगठन जिनके क्रियाकलाप संदिग्ध है, उन पर विशेष फोकस रखा जा रहा है. ऐसे संगठन और लोगों पर राजस्थान इंटेलिजेंस व स्थानीय पुलिस के साथ ही केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी भी अपनी निगाह बनाए हुए हैं.