जयपुर. अशोक गहलोत सरकार के 3 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन सरकार बनाने वाले कार्यकर्ता का राजनीतिक नियुक्तियों (Rajasthan political appointment) को लेकर चल रहा इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. यहां एक ओर राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा हो रही है तो दूसरी तरफ राजस्थान का कांग्रेस संगठन भी अब तक पूरी तरीके से तैयार नहीं हो सका है.
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को अध्यक्ष बने डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो चुका है. लेकिन अब तक वह अपने जिला अध्यक्ष नहीं बना सके हैं. डोटासरा ने अब तक कांग्रेस संगठन के 42 में से 13 ही जिला अध्यक्ष (Dotasara made 13 district presidents out of 42) बना पाए हैं.
पढ़ें. Sachin Pilot Big Statement: 22 महीने का ही समय बचा, सक्रिय कार्यकर्ताओं को मिलना चाहिए पद और सम्मान
ब्लॉक अध्यक्ष की चर्चा फाइलों में
जिलाध्यक्ष ही पूरे नहीं बना पाने के चलते कांग्रेस पार्टी की सबसे महत्वपूर्ण धुरी माने जाने वाले ब्लॉक अध्यक्ष पर तो अभी चर्चाएं फाइलों तक ही सिमटी हुई है. राजस्थान में अगर कांग्रेस पार्टी ब्लॉक अध्यक्ष बनाएगी तो भी अभी केवल उन 13 जिलों में ही बना सकती है जहां जिला अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं. क्योंकि ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति जिला अध्यक्ष की अनुशंसा पर होती है. ऐसे ने जब 29 जिलों में जिलाध्यक्ष ही नहीं है तो फिर ब्लॉक अध्यक्ष बन ही नहीं सकते.
हर विधानसभा में बनते है 2 ब्लॉक अध्यक्ष
राजस्थान में कांग्रेस संगठन में हर विधानसभा में 2 ब्लॉक अध्यक्ष बनते हैं. ऐसे में 200 विधानसभा में कुल 400 ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाते हैं. लेकिन कांग्रेस संगठन में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी मानी जाने वाले ब्लॉक अध्यक्षों के बिना ही पार्टी पिछले डेढ़ साल से चल रही है. अभी ब्लॉक अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी नेताओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा.
तो भी लगेगा साल भर से ज्यादा का समय
राजनीतिक नियुक्तियों को छोड़ भी दिया जाए तो संगठन के निर्माण में भी अभी पार्टी के नेताओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल कांग्रेस पार्टी में संगठन के पहले 39 जिले हुआ करते थे जिनके 39 जिला अध्यक्ष बनते थे. अब जिला अध्यक्षों की संख्या 39 से बढ़ाकर 42 कर दी गई है. जिनमें से केवल 13 जिला अध्यक्ष ही बनाए गए हैं 29 जिला अध्यक्षों की घोषणा करना बाकी है.
यहां होनी है नियुक्ति
29 जिला अध्यक्ष और 42 जिलो की कार्यकारिणी बननी है. हर जिले में कम से कम 50 की कार्यकारिणी होती है, लेकिन ये दायरा अब बड़ी भी होता है.
400 ब्लॉक अध्यक्ष और 400 ब्लॉक कार्यकारिणी बनेगी. हर ब्लॉक में 25 के आसपास की कार्यकारिणी होती है.
2 दर्जन से ज्यादा प्रकोष्ठ और हर प्रकोष्ठ में करीब 50 की कार्यकारिणी बननी है. साथ ही उनके जिलों की कार्यकारिणी भी बनेगी.
12 विभाग और उनमे कार्यकारिणी के साथ ही जिलो में विभाग की कार्यकारिणी बनेगी.