जयपुर. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे किसान 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली करने की घोषणा कर रहे हैं. उनका राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने समर्थन करते हुए राजस्थान से भी ज्यादा से ज्यादा किसानों को ट्रैक्टर लेकर दिल्ली पहुंचने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का आह्वान किया है. शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बात कही.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीसीसी चीफ डोटासरा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. किसान 50 दिन से कड़ाके की सर्दी में भी कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर डटे हुए हैं. आंदोलनकारी किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ दिल्ली में रैली निकालने जा रहे हैं. ऐसे में राजस्थान के किसान भी आंदोलनकारी किसानों के हाथ मजबूत करने के लिए अपने ट्रैक्टर लेकर दिल्ली जाना चाह रहे हैं. डोटासरा ने कहा कि पीसीसी चीफ होने के नाते वह उन किसानों का समर्थन करते हैं. उन्होंने बताया कि राजस्थान के कोने-कोने से किसान अपने ट्रैक्टर लेकर 25 जनवरी को दिल्ली पहुंचेंगे और 26 जनवरी को होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड में शामिल होकर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करेंगे.
उन्होंने राजस्थान के किसानों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में ट्रैक्टर के साथ दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया है. डोटासरा ने बताया कि कांग्रेस के विधायकों ने और मंत्रियों ने किसानों के धरने में शामिल होकर उनकी मांगों का समर्थन किया है. मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों को रोकने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार तीन संशोधित विधेयक भी लाई है. डोटासरा ने बताया कि कांग्रेस ने खेती का खून नाम से एक बुकलेट भी छपवाई है. जो एक दो दिन में छपकर आ जाएगी. उस बुकलेट के साथ कांग्रेस ने अब तक किसानों के हित मे जो प्रयास किए हैं. उन्हें भी शामिल किया जाएगा. इस बुकलेट को आमजन और किसानों के बीच बंटवाया जाएगा.
टुकड़ों में बंटी भाजपा अपने ही नेताओं को कमजोर करने में जुटी
इसके साथ ही उन्होंने भाजपा पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि भाजपा तो प्रतिपक्ष की भूमिका में नजर भी नहीं आ रही है. भाजपा को आमजन से जुड़े मुद्दे उठाकर अपनी प्रतिपक्ष की भूमिका निभानी चाहिए. लेकिन इससे पहले मेरी एक सलाह है कि भाजपा नेताओं को पार्टी को एकजुट रखना चाहिए. टुकड़ों में बंटी भाजपा अपने ही नेताओं को कमजोर करने में जुटी है. वहां कई नेता मुख्यमंत्री बनने के मुंगेरी लाल के हसीन सपने देख रहे हैं.