जयपुर. राजधानी के हेरिटेज नगर निगम में ठप पड़े विकास कार्यों को लेकर कांग्रेस पार्षदों (Congress Protest in Jaipur) ने अपने ही बोर्ड के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पार्षदों ने बिना बोर्ड मीटिंग और बिना चर्चा के बजट अनुमोदन कर राज्य सरकार को भेजने को लेकर अपना आक्रोश व्यक्त किया था. इस आक्रोश को मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी जायज मानते हुए पार्षदों को मांगें पूरी कराने के लिए निगम में धरना देने की नसीहत दी थी.
खाचरियावास ने धरने की दी थी नसीहत: मंत्री जी की नसीहत पर सोमवार को कांग्रेस के पार्षद धरने पर जा बैठे. इसमें मुख्य रूप से सिविल लाइन और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी पार्षद शामिल हुए. हालांकि किशनपोल और हवा महल के पार्षदों ने इस धरने से दूरी बनाई. कांग्रेस के पार्षद हो, चाहे बीजेपी का पार्षद, जनता ने उन्हें वोट दिया है. वो लड़े-भिड़े, आवाज़ उठाएं और काम करवाए. यदि विकास कार्य नहीं हो रहे हैं, तो निगम का (Protest against heritage nagar nigam) घेराव करें. मंत्री प्रताप सिंह खचारियावास की इस नसीहत पर कांग्रेस पार्षदों ने सोमवार को हेरिटेज निगम मुख्यालय में धरना दिया.
नगर निगम के ठप परे कार्यों को लेकर घरना: धरने में शामिल हुए वार्ड 31 के पार्षद अजरुदीन ने कहा कि नगर निगम हेरिटेज में विकास कार्य ठप पड़े हैं. वार्डों में अंधेरा है, आवारा पशु घूम रहे हैं, अधिकारी फोन नहीं उठाते, 14 महीने का समय बीत चुका है निगम में बोर्ड की मीटिंग नहीं हुई है. सिविल के ठेकेदार हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से विकास कार्य रुका पड़ा है. इतना ही नहीं उन्होंने ये भी आरोप लगाया है कि सीवर के टेंडर में घोटाला कर दो जगह पेमेंट उठाया जा रहा है.
वहीं वार्ड 49 के पार्षद उत्तम शर्मा ने कहा कि, उनका मेयर, उनकी सरकार बावजूद इसके उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. इसका मतलब ये है कि कहीं तो खामी है, जिसे दूर किया जाना चाहिए. उन्होंने निगम प्रशासन के दावों के विपरीत वार्डों में सफाई व्यवस्था के बिगड़े हालातों पर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में जो विकास कार्य हो रहे हैं, उसमें निगम से ज्यादा विधायक कोष का पैसा लगा है.
वहीं वार्ड 35 के पार्षद मनोज मुद्गल ने कहा कि वार्डों में विकास कार्य को लेकर क्या प्राथमिकता है, इसको लेकर पार्षदों से चर्चा की जानी चाहिए थी. लेकिन बिना चर्चा किए बजट राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए भेज दिया गया. इसी को लेकर पार्षदों में रोष है. निगम में समितियों का गठन नहीं किया गया, सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, लाइटों की व्यवस्था नहीं हो रही, ऐसे में क्षेत्र की जनता कपड़े फाड़ने को तैयार हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ये प्रदर्शन पूरे निगम प्रशासन के खिलाफ है. उसमें निगम कमिश्नर से लेकर महापौर तक सब शामिल है. आलम ये है कि 1 साल पहले जो बोर्ड मीटिंग में फैसले लेकर अस्थाई कर्मचारी लगाए जाने थे, वो तक नहीं लगाए गए हैं.
पैसा नहीं तो वीआईपी कल्चर खत्म करें: उधर, महापौर के करीबी कहे जाने वाले वार्ड 42 के पार्षद दशरथ सिंह ने कहा कि निगम में ठेकेदारों का पेमेंट नहीं किया गया. जिसकी वजह से वह हड़ताल पर हैं. लाइटों का भी पेमेंट नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि जब निगम के पास पैसा नहीं है तो यहां वीआईपी कल्चर खत्म किया जाए. सीएसआई/एसआई तक तो गाड़ी दी जा रही है, बड़ी संख्या में होमगार्ड तैनात हैं.
यदि निगम के पास पैसा नहीं है तो खर्चों में कटौती की जानी चाहिए. वहीं आदर्श नगर वार्ड 85 पार्षद सुनीता मावर ने कहा कि पार्षद आम जनता के बीच रहता है. वो कब तक उन्हें जवाब दें. पब्लिक अब पार्षदों को जूतों की माला पहनाने को आमादा है और स्थिति ये है कि कमिश्नर पार्षदों को कहते हैं कि वो पैसा लेकर आए, तो फिर पार्षदों को एक कटोरा भी दे देना चाहिए.
आपको बता दें कि इससे पहले हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर ही निर्दलीय पार्षदों ने भी समितियों का गठन नहीं होने और अधिकारियों की ओर से सुनवाई नहीं किए जाने पर धरना दिया था. जिसे मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने ही खत्म कराया था. लेकिन अब उन्हीं की नसीहत पर कांग्रेस के पार्षदों ने धरना दिया है, जिसे फिलहाल अनिश्चितकालीन बताया जा रहा है.
मेयर ऑफिस में धरने को लेकर चर्चा: हेरिटेज नगर निगम मुख्यालय पर कांग्रेस पार्षदों के धरने को खत्म कराने के लिए महापौर मुनेश गुर्जर मौके पर पहुंची और पार्षदों को मेयर ऑफिस में बैठाकर बातचीत से हल निकालने की बात कही. हालांकि इस दौरान पार्षद एक साथ महापौर को घेरते दिखे. एक पार्षद ने कहा कि यदि घर में ही सुन लेते तो धरना देने की नौबत ही नहीं आती. वहीं लगातार अपने बोर्ड के खिलाफ मुखर हो रही वार्ड 85 की पार्षद सुनीता महावर ने कहा कि कमिश्नर पार्षदों से पैसा लाने को कहते हैं तो फिर कटोरे का टेंडर दे दें.
वहीं ठप पड़े विकास कार्यों के आरोप पर महापौर ने निगम प्रशासन का पक्ष रखते हुए पार्षदों को समझाइश की कोशिश की. उन्होंने कहा कि सभी वार्डों में काम हो रहे हैं आप चाहें तो वार्ड की लिस्ट निकाल कर दे दें. जहां तक ठेकेदारों की हड़ताल का सवाल है तो इस तरह की हड़ताल हमेशा से होती आई है, फिर भी विकास कार्यों की गति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा.
कमिश्नर से बात किए बिना धरना खत्म नहीं: इस दौरान जहां वार्ड 35 के पार्षद मनोज मुद्गल ने कहा कि वो कमिश्नर से बात किए बिना धरना खत्म नहीं करेंगे, तो वहीं वार्ड 31 के पार्षद अजरुदीन महापौर को उनके वार्ड में पार्कों में अंधेरा होने का जिक्र किया. जिस पर महापौर ने 5 लाइट अलॉट करने और ठेकेदारों की हड़ताल होने की बात कह कर कन्नी काटने की कोशिश की. आखिर में एक बार फिर पार्षदों को कार्यालय में बैठकर चर्चा करने की अपील की.