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कांग्रेस विधायक ने रखा स्थगन प्रस्ताव, विपक्ष बोला- संसदीय परंपराओं के अनुसार सरकार के खिलाफ विद्रोह - स्थगन प्रस्ताव

विधानसभा में शुक्रवार को कांग्रेस के ही विधायक ने स्थगन प्रस्ताव रखा और गोडावण पक्षी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार बारां के सोरसन क्षेत्र में गोडावण बिल्डिंग सेंटर डेवलप करना चाहती है तो उसे फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह के खनन की इजाजत नहीं देनी चाहिए. वहीं भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव को सरकार के खिलाफ विद्रोह बताया.

उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़
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Published : Jul 26, 2019, 11:19 PM IST

जयपुर. वैसे तो हर विधायक का यह अधिकार होता है कि वह विधानसभा में स्थगन लगाए. लेकिन आमतौर पर संसदीय परम्पराओं के अनुसार माना जाता है कि सत्ता पक्ष के विधायक कभी स्थगन के माध्यम से कोई बात विधानसभा में नहीं उठाते हैं. लेकिन शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने गोडावण के संरक्षण को लेकर स्थगन प्रस्ताव लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार गोडावण पक्षी की कैपटिव संरक्षण का काम अपने हाथ में ले चुकी है और जैसलमेर में गोडावण के अंडों से निकले चूजों को अब बारां के सोरसन क्षेत्र में बड़ा करने के लिए योजना बना रही है. यह काम अभी इस क्षेत्र में पूरा भी नहीं हुआ है कि क्षेत्र में खनिज पट्टों के आवंटन के लिए कलेक्टर के पास आवेदन भी आ गए हैं.

कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने रखा स्थगन प्रस्ताव

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भरत सिंह ने कहा कि अगर गोडावण पक्षी को बचाना है और सोरसन में गोडावण का बिल्डिंग सेंटर डेवलप करना है. तो ऐसे में फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह की खनन की इजाजत नहीं देनी चाहिए. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संसदीय परंपरा कहती है कि अगर कोई भी सरकार या सत्ता पक्ष का सदस्य स्थगन रखता है तो उसे सरकार की निंदा मानी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार की फूट अब विधानसभा में भी सामने आने लगी है. सत्तारूढ़ दल का सदस्य अगर स्थगन रखता है तो यह खुले तौर पर सरकार के खिलाफ विद्रोह माना जाता है. अब यह फूट कितनी दूर तक जाएगी यह तो समय बताएगा.

जयपुर. वैसे तो हर विधायक का यह अधिकार होता है कि वह विधानसभा में स्थगन लगाए. लेकिन आमतौर पर संसदीय परम्पराओं के अनुसार माना जाता है कि सत्ता पक्ष के विधायक कभी स्थगन के माध्यम से कोई बात विधानसभा में नहीं उठाते हैं. लेकिन शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने गोडावण के संरक्षण को लेकर स्थगन प्रस्ताव लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार गोडावण पक्षी की कैपटिव संरक्षण का काम अपने हाथ में ले चुकी है और जैसलमेर में गोडावण के अंडों से निकले चूजों को अब बारां के सोरसन क्षेत्र में बड़ा करने के लिए योजना बना रही है. यह काम अभी इस क्षेत्र में पूरा भी नहीं हुआ है कि क्षेत्र में खनिज पट्टों के आवंटन के लिए कलेक्टर के पास आवेदन भी आ गए हैं.

कांग्रेस विधायक भरत सिंह ने रखा स्थगन प्रस्ताव

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भरत सिंह ने कहा कि अगर गोडावण पक्षी को बचाना है और सोरसन में गोडावण का बिल्डिंग सेंटर डेवलप करना है. तो ऐसे में फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह की खनन की इजाजत नहीं देनी चाहिए. इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संसदीय परंपरा कहती है कि अगर कोई भी सरकार या सत्ता पक्ष का सदस्य स्थगन रखता है तो उसे सरकार की निंदा मानी जाती है. उन्होंने कहा कि सरकार की फूट अब विधानसभा में भी सामने आने लगी है. सत्तारूढ़ दल का सदस्य अगर स्थगन रखता है तो यह खुले तौर पर सरकार के खिलाफ विद्रोह माना जाता है. अब यह फूट कितनी दूर तक जाएगी यह तो समय बताएगा.

Intro:राजस्थान विधानसभा में आज कांग्रेस के ही विधायक ने दिया स्थगन प्रस्ताव भाजपा बोली यह संसदीय परंपराओं में अपनी ही सरकार की कांग्रेस विधायक ने की निंदा अब सरकार की फूट विधानसभा में भी आई सामने


Body:वैसे तो हर विधायक का ही अधिकार होता है कि वह विधानसभा में स्थगन लगाए लेकिन आमतौर पर संसदीय परंपराओं के अनुसार यह माना जाता है कि सत्ता पक्ष के विधायक कभी स्थगन के माध्यम से कोई बात विधानसभा में नहीं उठाते हैं लेकिन आज राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने गोडावण के संरक्षण को लेकर स्थगन प्रस्ताव लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार गोडावण पक्षी की कैपटिव संरक्षण का काम अपने हाथ में ले चुकी है और जैसलमेर में जो गोडाउन के अंडे से चूजे भी निकल चुके हैं उन्हें अब 12 के सुर क्षेत्र में बड़ा करने के लिए योजना बना रही है यह काम अभी इस क्षेत्र में पूरा भी नहीं हुआ है कि क्षेत्र में खनिज पट्टों के आवंटन के लिए कलेक्टर के पास आवेदन भी आ गए हैं उन्होंने अपनी स्टेशन से कहा कि अगर गोडावण पक्षी को बचाना है और सोरसन में गोडावण का बिल्डिंग सेंटर डेवलप करना है तो ऐसे में फॉरेस्ट एरिया में किसी तरह की खनन की इजाजत नहीं देनी चाहिए इस पर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि संसदीय परंपरा कहती है कि अगर कोई भी सरकार या सत्ता पक्ष का सदस्य स्थगन रखता है तो उसे सरकार की निंदा मानी जाती है उन्होंने कहा कि सरकार की फूट अब विधानसभा में भी सामने आने लगी है सत्तारूढ़ दल का सदस्य अगर स्थान रखता है तो यह खुले तौर पर सरकार के खिलाफ विद्रोह माना जाता है अब यह फूट कितनी दूर तक जाएगी यह तो समय बताएगा
बाईट राजेंद्र राठौड़ उपनेता प्रतिपक्ष राजस्थान विधानसभा


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