जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज पीडब्ल्यूडी और पंचायती राज विभाग की अनुदान मांगों पर बहस चल रही है. इस में भाग लेते हुए गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रह चुके हेमाराम चौधरी ने खुलकर अपनी बातें रखी, हेमाराम चौधरी ने यहां तक कह दिया कि मैं विधानसभा में तनख्वाह या डीए टीए लेने नहीं आया हूं.
विधानसभा में उन्होंने कहा कि मैं जनता की सेवा करने के लिए उनके वोट लेकर आया हूं. या तो मेरे काम कर दिए जाएं. जिनकी जनता मुझसे अपेक्षा करती है या फिर मेहरबानी करके मुझे वीआरपी यानी वॉलंटरी रिटायरमेंट फ्रॉम पॉलिटिक्स दे दिया जाए. साथ ही उन्होंने कहा कि हर बार एक शब्द कॉमन हर कोई इस्तेमाल कर देता है कि संसाधन की उपलब्धता होगी तो यह काम करवा दिया जाएगा. बड़े लोगों ने मिलकर आपस में 400 करोड रुपए बांट लिए हैं. अब हम लोगों का क्या होगा. हम लोग भी चुनाव लड़ कर आए हैं. हमारा भी ध्यान दें.
वहीं उन्होंने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की तारीफ करते हुए कहा की पिछली बार नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने चैलेंज करते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार पंचायतों का पुनर्गठन नहीं कर सकती. लेकिन इस बार उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने जिस तरीके से यह पंचायतों का पुनर्गठन किया वह बेहतरीन था. उन्होंने कहा कि यह पायलट ही थे जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ी, नहीं तो हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही सब खत्म हो जाता है.
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वहीं उन्होंने कहा कि मैं मंत्री डोटासरा को याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पंचायत सहायकों को रेगुलर करने का वादा किया था, अब लगातार उसके प्रक्रियाधीन होने की बात कही जा रही है. क्या 5 साल तक ऐसे ही प्रक्रियाधीन में ही निकल जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार का एक चौथाई टाइम निकल चुका है और आखिरी टाइम अगर उन्होंने कोई काम किया तो भी जनता मानने वाली नहीं है, उस समय तो अगर सोने से भी जनता को तोला जाएगा तो भी जनता नहीं मानेगी. साथ ही कहा कि अगर पंचायत सहायकों को नियमित नहीं किया जाए तो कम से कम उनका मानदेय सही किया जाए.
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विधायक हेमाराम चौधरी ने अपनी डिमांड पूरी करने की बात सरकार के सामने रखते हुए कहा कि मैं विधायक बनकर तनख्वा या टाडा लेने के लिए नहीं आया हूं. या तो मेहरबानी करके जनता के काम कर दो नहीं तो उन्हें वॉलिंटियर रिटायरमेंट फ्रॉम पॉलिटिक्स दे दिया जाए. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से कर्मचारी रिटायरमेंट फ्रॉम सर्विस लेते हैं, उसी तरीके से मैं एक पॉलीटिशियन हूं और मुझे रिटायरमेंट फ्रॉम पॉलिटिक्स दिया जाए या फिर मेरे काम कर दिए जाएं.