जयपुर. एक तरफ दुनियाभर में कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन ओमिक्रॉन को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी इस बारे में एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हैं. इन सबके बावजूद सरकार की अपील सतही नजर आ रही है. हाल ही में कांग्रेस की 12 दिसंबर को होने वाली महारैली को लेकर पीसीसी पर आयोजित एक बैठक में हिस्सा लेने वाले पूर्व मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा को कोरोना (brajkishore sharma corona positive) की पुष्टि हुई है.
शर्मा इस बैठक में आगे से तीसरी पंक्ति में नजर आ रहे हैं. उनके इर्द-गिर्द बैठे कई कांग्रेस नेताओं ने बैठक के दौरान मास्क नहीं लगा रखा है. खास बात यह है कि बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन समेत कई मंत्री मौजूद थे. लिहाजा इस मामले को एक बड़ी चूक के रूप में देखा जा रहा है.
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RUHS में भर्ती हुए ब्रजकिशोर शर्मा
कोरोना संक्रमण की पुष्टि के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री ब्रजकिशोर शर्मा को प्रताप नगर स्थित RUHS में शिफ्ट किया (Brajkishore Sharma admitted to RUHS hospital) गया है . इससे पहले शर्मा का एक निजी अस्पताल में इलाज जारी था. उनमे संक्रमण की पुष्टि के बाद उन्हें यहां रेफर किया गया है. पूर्व मंत्री शर्मा जयपुर शहर के प्रमुख नेताओं में से एक हैं और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय नवल किशोर शर्मा के पुत्र हैं. करीब दो दिन पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी पर आयोजित हुई बैठक में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान उनके नजदीक बैठे कई नेता तब की तस्वीरों में बिना मास्क के नजर आ रहे हैं. ऐसे में अंदेशा है कि उनके जरिये ये संक्रमण कुछ और नेताओं तक भी फैल सकता है .
महारैली पर भी सवाल , बैठक में बिना मास्क नेता
जयपुर में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के बीच पैदा हुए विकट हालात के बीच विपक्ष का आरोप है कि महारैली के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेजबान बनकर वाहवाही लूट रहे हैं. इस तरह से प्रदेश के स्वास्थ्य के साथ ये आयोजन खिलवाड़ है. क्योकि रैली में एक लाख लोगों से ज्यादा की भीड़ को जुटाने का दावा किया जा रहा है. देशभर के प्रमुख कांग्रेस नेता इस रैली में शिरकत करने के लिए जयपुर आएंगे.
दूसरी तरफ लोगों को सलाह देने के बावजूद मुख्यमंत्री अपनी मौजूदगी में कोरोना प्रोटोकॉल को सुनिश्चित नहीं करवा पा रहे हैं. पहली और दूसरी लहर के बीच भी प्रदेश में होने वाले सियासी आयोजनों को लेकर भी सरकार पर सवाल खड़े किए गए थे. इस बार भी पीसीसी पर 30 नवंबर को हुई बैठक के दौरान जारी की गई तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि ज्यादातर नेताओं ने मास्क का उपयोग नहीं किया है या फिर उनके चेहरे पर ठीक से मास्क नहीं लगाया गया है.