जयपुर. राजस्थान में भाजपा के पार्षद और वर्तमान में कांग्रेस में शामिल हो चुके पूर्व महापौर विष्णु लाटा के साथ कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व भाजपा पार्षदों को कांग्रेस पार्टी ने टिकट का प्रतिसाद दिया है. दरअसल कांग्रेस पार्टी के पार्षदों की सहायता से भाजपा के बागी पार्षद विष्णु लौटा जयपुर के महापौर बन गए थे.
इसमें बड़ी संख्या में भाजपा पार्षदों ने भी बगावत की थी और अपना वोट भाजपा के प्रत्याशी की जगह बागी विष्णु लौटा को दे दिया था. इनमें से भाजपा से पार्षद रहे भगवत सिंह देवल, प्रकाश गुप्ता, गोपाल कृष्ण शर्मा और राजेश बिंवाल जो अब कांग्रेस पार्टी का दामन थाम चुके हैं. वहीं निर्दलीय पार्षद किशन अजमेरा, महादेव शर्मा नाजनीन और इम्तियाज गोरी को भी कांग्रेस ने पार्टी का साथ देने पर टिकट से नवाजा है.
ज्यादातर कांग्रेस पार्षदों के कटे टिकट
एक और जहां भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए और निर्दलीय पार्षद जिन्होंने कांग्रेस का बोर्ड बनाने में सहयोग किया. उनको कांग्रेस पार्टी से टिकट देकर नवाजा गया है. तो वहीं कांग्रेस के जो पार्षद पिछली बार जीत कर आए थे, उनमें से ज्यादातर पार्षदों के टिकट काट दिए गए हैं. जिन पार्षदों को टिकट दिया गया है, उनमें मंजू शर्मा, मुनेश कुमारी, मुकेश कुमार शर्मा, धर्म सिंह सिंघानिया, कमल वाल्मीकि, उम्र दराज मोहम्मद शफीफ शामिल है. इनमें से भी धर्मसिंह सिंघानिया, मुकेश कुमार शर्मा और कमल वाल्मीकि का टिकट पहले काट दिया गया था. जिन्हें अंतिम समय में दोबारा टिकट मिला है. वही कांग्रेस पार्षद इकराम की पत्नी को टिकट दिया गया है.
इन कांग्रेस पार्षदों का काटा गया टिकट
रानी लुबना, बजरंग कुमावत, खातून बानों, लक्ष्मण दास मोरानी, सुमन गुर्जर, मुकेश कुमार, मोहन लाल मीणा, रमेश कुमार बेरवा, नाहिद अख्तर, ग्यारसी लाल माली और कजोड़ मल सैनी का टिकट काट दिया गया है. वहीं पिछली बार कांग्रेस के पार्षद रहे गुलाम नबी और रुखसाना का निधन हो गया था.
यहां नहीं मिला कांग्रेस को कोई उम्मीदवार
जयपुर के हेरिटेज नगर निगम में एक ऐसी सीट भी है. जिस पर कांग्रेस पार्टी को सत्ताधारी दल होने के बावजूद कोई पार्षद का उम्मीदवार नहीं मिला है. विधायक रफीक खान की विधानसभा आदर्श नगर का वार्ड नंबर 89 कांग्रेस की ओर से खाली छोड़ा गया है. यह वार्ड खाली छोड़ने पर कई कांग्रेसी नेताओं ने नाराजगी भी जताई है. वहीं सत्ताधारी दल होने के बावजूद अगर कांग्रेस पार्टी को किसी वार्ड में पार्षद का उम्मीदवार नहीं मिला तो वह अपने आप में बड़े सवाल खड़े कर रहा है.