जयपुर. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में बुधवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की जनसुनवाई में पहुंचे भीलवाड़ा के शाहपुरा के पार्षदों ने जमकर हंगामा (ruckus in pcc public hearing) किया. शाहपुरा नगर पालिका के चेयरमैन पर भ्रष्टाचार के आरोप की बात कहते हुए तमाम पार्षदों ने जब मंत्री शांति धारीवाल से मुलाकात करनी चाही, तो धारीवाल ने उनकी बात नहीं सुनी. इसके बाद कांग्रेस मुख्यालय में शाहपुरा से आए कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. हालात यह हो गए कि उद्योग मंत्री शकुंतला रावत को सभी पार्षदों को लेकर अलग से बैठना पड़ा. हालांकि इन पार्षदों का गुस्सा मंत्री शकुंतला रावत से बात करने के बाद भी शांत नहीं हुआ.
उन्होंने आरोप लगाया कि शांति धारीवाल पिछले 1 साल से हमारी सुनवाई नहीं कर रहे, जबकि चेयरमैन की जांच एसीबी में चल रही है और डीएलबी ने धारीवाल के कहने पर भाजपा के चेयरमैन के खिलाफ जांच को अटका रखा है. पार्षदों ने यहां तक आरोप लगाया की धारीवाल शाहपुरा से विधायक के कहने पर जांच को पेंडिंग करके बैठे हैं. पार्षदों ने धमकी दी कि अगर धारीवाल पहले की तरह झूठ बोलकर इस मामले को पेंडिंग करके बैठे रहे तो वह इस बार महिला पार्षदों को भी लेकर यहां पहुंचेंगे. धारीवाल ने इन कांग्रेस पार्षदों की एक भी नहीं सुनी.
शकुंतला रावत बोली झगड़े हो भी जाते हैं इनका अधिकार मंत्री परः पार्षद नाराज हुए और पीसीसी में हंगामा करने लगे तो भी शांति धारीवाल ने पार्षदों से बात नहीं की. ऐसे में हंगामा बढ़ते देख जन सुनवाई करने पहुंची मंत्री शकुंतला रावत ने मामला संभाला और पार्षदों को लेकर अलग से बैठी. उन्होंने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जो जांच चल रही है, उसे दिखवा लिया जाएगा और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी. वहीं मंत्री शकुंतला रावत ने पार्षदों के मंत्री शांति धारीवाल से नाराज होने के मामले में कहा कि घर परिवार बड़ा होता है तो डिमांड आपस में ही होती है और मंत्री इनके हैं यह मंत्री के हैं ऐसे में इनका मंत्री पर अधिकार है.
जाते-जाते धारीवाल की दो टूक नहीं होगा ईओ ट्रांसफरः पार्षदों की नाराजगी भाजपा चेयरमैन के साथ ही नगर पालिका के ईओ से भी थी. लेकिन धारीवाल ने न तो पार्षदों की बात सुनी और जाते-जाते उन्होंने दो टूक यह भी कह दिया कि आरोप तो कोई भी कुछ भी लगा सकता है. यह पार्षद चाहते हैं की ईओ ट्रांसफर कर दिया जाए, जबकि ट्रांसफर पर 15 तारीख को ही बैन लग चुका है.