जयपुर. उप महापौर की दौड़ में कांग्रेस पार्षद उमर दराज का नाम भी चल रहा था. लेकिन उन्हें मौका नहीं मिल पाया, जिसकी वजह उन्होंने विधायक की नाराजगी को बताया है. कांग्रेस पार्षद उमर दराज ने कहा कि वरिष्ठता के आधार पर मुझे वरीयता मिलनी चाहिए थी. लेकिन विधायक की नाराजगी की वजह से वरीयता नहीं मिली. पार्षद उम्र दराज ने कहा कि विधायक और मेरी लड़ाई है, जो हम आपस में लड़ लेंगे. विधायक को तीन साल बाद चुनाव भी लड़ना है. मेरी पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है, कांग्रेस पार्टी एकजुट है.
कांग्रेस पार्षद उमर दराज ने कहा कि मेरा एमएलए मुझसे नाराज हैं, विधायक की क्या नाराजगी है उसके बारे में पूछूंगा जरूर. लेकिन कांग्रेस पार्टी से मेरी कोई नाराजगी नहीं है. पार्टी के साथ कल भी था, आज भी हूं और आगे भी रहूंगा. उन्होंने कहा कि उप महापौर के लिए गाइडलाइन थी कि वरिष्ठ पार्षद को वरीयता दी जाएगी. लेकिन यह निर्णय क्यों बदला इसके बारे में मुझे पता नहीं, लेकिन पार्टी का फैसला सिर माथे पर है.
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उप महापौर बनने के लिए कई पार्षद लाइन में थे, लेकिन जिसकी किस्मत में होता है वही बनता है. कांग्रेस पार्टी एकजुट है, कांग्रेस की एकजुटता कोई नहीं तोड़ सकता. इस एकजुटता को तोड़ने की बीजेपी में भी ताकत नहीं है. पार्षद उमर दराज ने विधायक रफीक खान से नाराजगी को लेकर कहा कि विधायक और मेरी लड़ाई है जो हम आपस मे लड़ लेंगे. विधायक को तीन साल बाद चुनाव लड़ना है. कांग्रेस पार्षदों की नाराजगी से बीजेपी को क्रॉस वोटिंग की उम्मीद थी. लेकिन उप महापौर चुनाव परिणाम आने के बाद सभी उम्मीदें धरी रह गई और कांग्रेस ने जीत हासिल की.