जयपुर. निगम चुनाव में सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाली वार्ड 61 की पार्षद आयशा सिद्दीकी की उनके ही विधायक सुनवाई नहीं कर रहे. स्थानीय समस्याओं को लेकर विधायक अमीन कागजी से टका सा जवाब मिलने के बाद बुधवार को पार्षद स्थानीय लोगों के साथ हेरिटेज निगम मुख्यालय का घेराव करने (Congress councillor Ayesha Siddiqi protest in Heritage Nigam) पहुंची.
इस दौरान कमिश्नर के कक्ष में धरना देने के लिए जाते वक्त मुख्यालय पर मौजूद विजिलेंस टीम से भी जूझना पड़ा. बाद में महापौर की ओर से समझाइश के बाद सिद्दीकी और उनके साथ स्थानीय लोगों का प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर से मुलाकात करने पहुंचा और धरना खत्म किया. हालांकि आयशा सिद्दीकी ने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं होने की स्थिति में भूख हड़ताल की भी चेतावनी दी. विधायक के रूखे रवैया से परेशान पार्षद आयशा सिद्दीकी ने कहा कि पहले दो बार वो बीजेपी बोर्ड में पार्षद रह चुकी है.
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उन्होंने बताया कि पहली मर्तबा यहां कांग्रेस का बोर्ड बना. इससे उम्मीद थी कि निगम में बेहतर काम होंगे, लेकिन सब कुछ उल्टा हो गया. मलाल इस बात का है कि कांग्रेस बोर्ड में ही कांग्रेस पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही. निगम कमिश्नर पार्षदों को पैसा लाने पर विकास कार्य कराने की बात कहते हैं. गंदी गलियों को लेकर विधायक, महापौर, कमिश्नर सभी को ज्ञापन दिया जा चुका है, लेकिन उनकी ना तो सफाई हो रही, ना मरम्मत. वार्ड की स्थिति गांव से भी गई गुजरी है. वार्ड में सीवर मैनहोल भरे पड़े हैं, रात होते ही बिना स्ट्रीट लाइट के वार्ड में अंधेरा पसर जाता है.
उन्होंने बताया कि शिकायतों को लेकर विधायक अमीन कागजी के पास भी गये, तो उनसे टका सा जवाब मिलता है कि आपको वार्ड में जाने की भी जरूरत नहीं है. वार्ड को वो खुद संभाल लेंगे. जब कांग्रेस के विधायक से ही इस तरह का जवाब मिलेगा, तो फिर कांग्रेस पार्षद होने का क्या फायदा. ऐसे में उन्होंने पार्षद सील मोहर भी लौटाने की बात कही. इस दौरान उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि हाल ही में कांग्रेस पार्षदों के धरने में शामिल होने की पूरी तैयारी थी. लेकिन आखिरी समय में विधायक अमीन कागजी के मना करने पर धरने में शामिल नहीं हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि निगम में तो मेयर के पास अधिकार ही नहीं कि वो काम कर सकें. आयशा सिद्दीकी ने इस दौरान विकास कार्य नहीं होने की स्थिति में गुरुवार से भूख हड़ताल पर बैठने की भी चेतावनी दी. हालांकि धरने पर समझाइश करने पहुंची महापौर से मिले आश्वासन के बाद सिद्दीकी और स्थानीय लोगों का प्रतिनिधि मंडल कमिश्नर से मिलने पहुंचा.
वहीं कांग्रेस पार्षदों की ओर से लगातार निगम मुख्यालय पर किए जा रहे धरने प्रदर्शन को लेकर महापौर ने कहा कि अभी ठेकेदारों की हड़ताल चल रही है. ऐसे में विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं. ये लोकतंत्र है, जहां सभी को अपनी बात कहने और नाराजगी व्यक्त करने का पूरा अधिकार है. निगम हमेशा से ऐसा ही चलता आया है. कोरोना काल के बाद निगम की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है. 2 साल का जो गड्ढा है, उसे भरने में समय लगेगा. बजट की कमी के चलते ठेकेदारों की हड़ताल चल रही है. निगम की आय बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है, जल्द ही बेहतर काम होगा. आपको बता दें कि हेरिटेज नगर निगम में फिलहाल ठेकेदार हड़ताल पर हैं. बीते दिनों कांग्रेसी पार्षदों ने भी यहां धरना दिया था और बीजेपी पार्षद विकास कार्य नहीं होने को लेकर लामबंद हुए थे.