जयपुर. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले घटनाओं में आरोपियों के संबंध भाजपा से सामने आ रहे हैं. चाहे उदयपुर की घटना हो या जम्मू कश्मीर में पकड़ा गया एक अन्य आरोपी. उनके संबंध पार्टी और बीजेपी के नेताओं से सामने आए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने शनिवार को प्रेस वार्ता में आरोप लगाए कि जहां सरकार बीजेपी की होती (Congress allegations on BJP) है, वहां ऐसी घटनाओं की जांच राज्य पुलिस करती है, वहीं जहां सरकार अन्य दलों की होती है, वहां जांच एनआईए को सौंपी जाती है.
उदयपुर की घटना को अंजाम देने वाले आतंकियों की राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के साथ तस्वीरें आई और भाजपा के साथ आतंकी रियाज का संबंध दिखाई दिया, तो कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए. जैसे ही जम्मू कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी तालिब हुसैन शाह के भाजपा पदाधिकारी होने की बात सामने आई, तो कांग्रेस ने भाजपा को सीधे तौर पर आतंकियों के साथ रिश्ते रखने वाली पार्टी करार देना शुरू कर दिया.
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भाजपा के आतंकी कनेक्शन को लेकर शनिवार को कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में 22 जगह अपनी बात रखी. उदयपुर और जम्मू-कश्मीर ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र के अमरावती में केमिस्ट उमेश कोल्हे कि हत्या के कथित मास्टरमाइंड इरफान खान का भी निर्दलीय सांसद नवनीत राणा उनके प्रति रवि राणा से संबंध का दावा किया.
अलग-अलग जांच क्यों?: गोहिल ने आरोप लगाते हुए कहा कि इन सभी मामलों को देख कर लगता है कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि भाजपा जानबूझकर अपने लोगों से ही यह काम करवाती है. इसकी जांच भी एनआईए को करनी चाहिए. गोहिल ने इन घटनाओं की टाइमिंग पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि जब भी भाजपा संकट में आती है चाहे देश में बढ़ती महंगाई हो, अग्निपथ में युवाओं का विरोध हो, या फिर किसान आंदोलन के जरिए किसान सड़कों पर हों, उसी समय ये घटनाएं होती हैं. गोहिल ने इस बात पर भी सवाल खड़े किए कि क्या कारण है कि जहां भाजपा की सरकार होती है, वहां ऐसी कोई घटना होती है, तो उसकी जांच स्थानीय पुलिस करती है. जबकि जहां भाजपा शासन में नहीं होती वहां जांच एनआईए को सौंप दी जाती है.
अमित शाह से मांगा जवाब: गोहिल ने शनिवार को राजस्थान के दौरे पर आए देश के गृहमंत्री अमित शाह पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब भी किसी आतंकी का कोई विदेशी कनेक्शन होता है, तो इसमें सेंट्रल आईबी ध्यान देती है. यह काम स्टेट का नहीं होता, लेकिन आज जयपुर आए अमित शाह (Amit Shah in Jaipur) यह जवाब दें कि सेंट्रल आईबी क्या केवल नेताओं की खुफिया जानकारी पता करने और भाजपा में सच बोलने वालों के पीछे ही लगी रहेगी या फिर भाजपा स्ट्रेटजी के तौर पर ऐसी घटनाएं होने दे रही है.