जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को विधवा को तीन साल से फैमिली पेंशन नहीं देने पर राज्य सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाया है. इसके साथ ही अदालत ने पन्द्रह दिन में समस्त पेंशन परिलाभ नौ फीसदी ब्याज सहित अदा करने को कहा है. न्यायाधीश एसपी शर्मा ने यह आदेश गोमादेवी की याचिका पर दिए.
याचिका में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने बताया कि याचिकाकर्ता के पति स्कूल शिक्षा विभाग में लैब असिस्टेंट पद से वर्ष 2006 में सेवानिवृत्त हुए थे. रिकॉर्ड में जन्मतिथि में कांट-छांट होना बताकर विभाग उन्हें प्रोविजनल पेंशन ही दे रहा था. वहीं वर्ष 2017 में पति की मौत के बाद याचिकाकर्ता ने फैमिली पेंशन के लिए आवेदन किया.
पढ़ें- प्रश्नकाल के दौरान विधानसभा में गहमा-गहमी का दौर, कई मामलों पर घिरती नजर आई सरकार
इस पर विभाग ने मृत पति की जन्मतिथि से संबंधित सभी वास्तवित दस्तावेज मांगते हुए पेंशन जारी नहीं की. जबकि याचिकाकर्ता के पति जीवनकाल में ही सभी दस्तावेज विभाग को दे चुके हैं. इसके बावजूद विभाग ने ना तो अपना रिकॉर्ड ठीक किया और ना ही याचिकाकर्ता को पेंशन जारी की. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने सरकार पर एक लाख रुपए का हर्जाना लगाते हुए समस्त पेंशन परिलाभ ब्याज सहित अदा करने को कहा है.