ETV Bharat / city

Special : डिजिटल युग में भी बरकरार हैं मिट्टी के सतरंगी गुल्लक...आज भी बच्चों की पहली पसंद - जयपुर की खबर

आजकल के बदलते परिवेश में टेक्नोलॉजी जीवन का एक अभिन्न अंग बनता जा रहा है. जहां हर कोई ट्रांजैक्शन एप की मदद से एक क्लिक में रुपयों का लेनदेन कर देता है, लेकिन एक दौर था जब बच्चों के लिए उनका बैंक उनका गुल्लक हुआ करता था. धीरे-धीरे ये गुल्लक का जमाना न जाने कहां गुम हो गए, लेकिन जयपुर के कलरफुल गुल्लक का जलवा अब भी कायम है जो बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी लुभा रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर...

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
डिजिटल युग में भी बरकरार है मिट्टी के सतरंगी गुल्लक
author img

By

Published : Jan 4, 2021, 3:35 PM IST

जयपुर. गुल्लक, ये नाम आते ही हम सबकी बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं. जब घर पर आए मेहमान की ओर से या फिर नाना-नानी, दादा-दादी की ओर से दिया गया पैसा हमें जब भी मिलता था तो हम उसको मिट्टी के गुल्लक में जमा करके तीज-त्योहार या फिर मेलों में खर्च करने की तैयारी में जुट जाते थे.

डिजिटल युग में भी बरकरार हैं मिट्टी के सतरंगी गुल्लक...

हालांकि, आज के डिजिटल युग में सब कुछ बदल सा गया है, लेकिन नहीं बदला तो सिर्फ गुल्लक. भले ही डिजिटल क्रांति में आज के युवाओं स्मार्टफोन की मदद से गूगल-पे, फोन-पे, पेटीएम जैसे एप से रुपये जमा और खर्च करते हों, लेकिन गुल्लक का युग अब भी बदस्तूर जारी है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
हर तरह के रंग-बिरंगे गुल्लक मिल रहे जयपुर के बाजारों में...

पढ़ेंः SPECIAL : ठीक होने के बाद भी दर्द दे रहा कोरोना...'संजीवनी' बने पोस्ट कोविड केयर सेंटर

बदलते परिदृश्य के साथ-साथ गुल्लक ने भी अपनी रंगीन छटा बिखेरी है और अपने रंग-रूप को बदल लिया है. पहले जहां कोरी मिट्टी से गोल गुल्लक का क्रेज था तो वहीं अब सतरंगी गुल्लक बच्चों की पहली पसंद है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
गुल्लक से बच्चों में बढ़ती है पैसे बचत की समझ...

गुल्लक विक्रेता प्रेमचंद प्रजापत और बनवारी प्रजापत बताते है कि 40 सालों से वो मिट्टी के कोरे गुल्लक बेचते थे, लेकिन अब बच्चों को आकर्षित करने के लिए रंगीन गुल्लक का चलन है. जिसमें डोरेमोन, फुटबॉल, बत्तख, कछुआ, सिलेंडर जैसी डिजाइन के गुल्लक ज्यादा बिक रहे हैं. जिनकी कीमत 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की है. हालांकि खरीदारी में पहले से अब काफी फर्क नजह आया है, लेकिन फिर भी खरीदारी अच्छी हो रही है. खासतौर पर सर्दियों में इसकी डिमांड ज्यादा है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
डोरेमोन वाले गुल्लक है बच्चों की पहली पसंद

कहावत है 'बूंद-बूंद से घड़ा भरता है', ये बात गलत नहीं है. आज की छोटी-छोटी बचत कल कब निश्चित एक बड़ा रूप ले, ये कोई नहीं जानता. ऐसे में आज के परिदृश्य में बचत की काफी आवश्यकता है. क्योंकि बुरा समय कह कर नहीं आता. ऐसे ही वक्त में ये छोटी-छोटी बचत काफी काम आती है. इसलिए बच्चों को भी बचत करना सिखाना बेहद जरूरी है. जिससे बच्चे भी इस दौर में पैसों का मोल जानें.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
गुल्लकों में की गई छोटी-छोटी बचत आती है बड़े काम...

पढ़ेंः SPECIAL: राजधानी में बढ़ने लगी पर्यटकों की रौनक, नए साल पर पर्यटन से जगी उम्मीदें

इसीलिए बच्चों को भी बचत की अच्छी आदत का महत्व बताना चाहिए, साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी करते रहना चाहिए. जिससे बच्चे बचत का मतलब जान सकेंगे और पैसों का महत्व समझ सकेंगे, वहीं उनके खर्च करने के तरीके में बदलाव भी आएगा. बड़े होने पर वे वित्तीय प्लानिंग का महत्व जल्द समझेंगे. बचत चाहे वह छोटी ही क्यों न हो कल भी जरूर थी और आज भी प्रासंगिक है.

जयपुर. गुल्लक, ये नाम आते ही हम सबकी बचपन की यादें ताजा हो जाती हैं. जब घर पर आए मेहमान की ओर से या फिर नाना-नानी, दादा-दादी की ओर से दिया गया पैसा हमें जब भी मिलता था तो हम उसको मिट्टी के गुल्लक में जमा करके तीज-त्योहार या फिर मेलों में खर्च करने की तैयारी में जुट जाते थे.

डिजिटल युग में भी बरकरार हैं मिट्टी के सतरंगी गुल्लक...

हालांकि, आज के डिजिटल युग में सब कुछ बदल सा गया है, लेकिन नहीं बदला तो सिर्फ गुल्लक. भले ही डिजिटल क्रांति में आज के युवाओं स्मार्टफोन की मदद से गूगल-पे, फोन-पे, पेटीएम जैसे एप से रुपये जमा और खर्च करते हों, लेकिन गुल्लक का युग अब भी बदस्तूर जारी है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
हर तरह के रंग-बिरंगे गुल्लक मिल रहे जयपुर के बाजारों में...

पढ़ेंः SPECIAL : ठीक होने के बाद भी दर्द दे रहा कोरोना...'संजीवनी' बने पोस्ट कोविड केयर सेंटर

बदलते परिदृश्य के साथ-साथ गुल्लक ने भी अपनी रंगीन छटा बिखेरी है और अपने रंग-रूप को बदल लिया है. पहले जहां कोरी मिट्टी से गोल गुल्लक का क्रेज था तो वहीं अब सतरंगी गुल्लक बच्चों की पहली पसंद है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
गुल्लक से बच्चों में बढ़ती है पैसे बचत की समझ...

गुल्लक विक्रेता प्रेमचंद प्रजापत और बनवारी प्रजापत बताते है कि 40 सालों से वो मिट्टी के कोरे गुल्लक बेचते थे, लेकिन अब बच्चों को आकर्षित करने के लिए रंगीन गुल्लक का चलन है. जिसमें डोरेमोन, फुटबॉल, बत्तख, कछुआ, सिलेंडर जैसी डिजाइन के गुल्लक ज्यादा बिक रहे हैं. जिनकी कीमत 10 रुपए से लेकर 200 रुपए तक की है. हालांकि खरीदारी में पहले से अब काफी फर्क नजह आया है, लेकिन फिर भी खरीदारी अच्छी हो रही है. खासतौर पर सर्दियों में इसकी डिमांड ज्यादा है.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
डोरेमोन वाले गुल्लक है बच्चों की पहली पसंद

कहावत है 'बूंद-बूंद से घड़ा भरता है', ये बात गलत नहीं है. आज की छोटी-छोटी बचत कल कब निश्चित एक बड़ा रूप ले, ये कोई नहीं जानता. ऐसे में आज के परिदृश्य में बचत की काफी आवश्यकता है. क्योंकि बुरा समय कह कर नहीं आता. ऐसे ही वक्त में ये छोटी-छोटी बचत काफी काम आती है. इसलिए बच्चों को भी बचत करना सिखाना बेहद जरूरी है. जिससे बच्चे भी इस दौर में पैसों का मोल जानें.

जयपुर के रंग-बिरंगे गुल्लक, Jaipur colorful piggy bank
गुल्लकों में की गई छोटी-छोटी बचत आती है बड़े काम...

पढ़ेंः SPECIAL: राजधानी में बढ़ने लगी पर्यटकों की रौनक, नए साल पर पर्यटन से जगी उम्मीदें

इसीलिए बच्चों को भी बचत की अच्छी आदत का महत्व बताना चाहिए, साथ ही उन्हें प्रोत्साहित भी करते रहना चाहिए. जिससे बच्चे बचत का मतलब जान सकेंगे और पैसों का महत्व समझ सकेंगे, वहीं उनके खर्च करने के तरीके में बदलाव भी आएगा. बड़े होने पर वे वित्तीय प्लानिंग का महत्व जल्द समझेंगे. बचत चाहे वह छोटी ही क्यों न हो कल भी जरूर थी और आज भी प्रासंगिक है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.